आजकल अर्थराइटिस की समस्या तेजी से बढ़ रही है। आंकड़ों के अनुसार भारत में 15 करोड़ से ज्यादा अर्थराइटिस के मरीज हैं। 30 साल से कम उम्र के 10% से ज्यादा युवाओं को जोड़ों में दर्द की समस्या है। डॉक्टरों के मुताबिक लंबे समय तक जोड़ों के दर्द को नजरअंदाज करने के कारण ये अर्थराइटिस का रूप ले लेता है। दरअसल अर्थराइटिस एक ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति के जोड़ों में अंदरूनी सूजन आ जाती है, जिसके कारण दर्द होता है। आमतौर पर अर्थराइटिस का मुख्य कारण जोड़ों में यूरिक एसिड का जमा होना है। इस एसिड के जमने के कारण कार्टिलेज के बीच की चिकनाई खत्म हो जाती है और जोड़ों में अकड़न शुरू हो जाती है। इसके अलावा जगह-जगह यूरिक एसिड जमा होने के कारण जोड़ों में गांठें पड़ जाती हैं और बहुत तकलीफ होती है। जोड़ों में दर्द का एक प्रमुख कारण आर्थराइटिस है। इसे ही गठिया भी कहते हैं।
एक्सरसाइज से गठिया में आराम
हालांकि अगर आपको अर्थराइटिस है, तो आपके लिए एक्सरसाइज करना बहुत मुश्किल भरा हो सकता है क्योंकि एक्सरासइज में अंगों को हिलाना पड़ता है। मगर एक्सरसाइज का मतलब यह नहीं है कि आप बहुत तेज हाथ-पैर चलाने वाली एक्सरसाइज करें। आप थोड़े बहुत मूव वाली एक्सरसाइज भी करें, तो ये आपको गठिया से आराम दिलाने में बहुत फायदेमंद साबित होगा। मगर ध्यान दें कि कोई भी एक्सरसाइज बिना डॉक्टर से पूछे न करें, क्योंकि गलत एक्सरसाइज का आपके जोड़ों पर बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है।
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इलाज के साथ एक्सरसाइज भी जरूरी
गठिया के शिकार लोगों को डॉक्टर अक्सर व्यायाम के साथ साथ हाइलुरोनन एसिड (hyaluronan Acid) का इंजेक्शन लगवाने की सलाह देते हैं। इससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। इस बारे में ताइवान में एक रिसर्च भी की गई, जिसमें बताया गया कि इलाज के साथ-साथ एक्सरसाइज से गठिया के मरीजों को ज्यादा जल्दी लाभ मिलता है। प्रमुख अनुसंधानकर्ता डा.माओ सिअंग हुआंग ने बताया कि हाइलुरोनन का इंजेक्शन जोड़ों में लुब्रिकेंट की तरह का काम करता है और इस तरह दर्द से आराम मिलता है। व्यायाम से भी जोड़ों के दर्द में लाभ होता है।
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क्या है गठिया में दर्द का कारण
मांसपेशियों में दर्द का कोई निश्चित या प्रमाणित कारण नहीं है। माना जाता है कि शरीर पर एटमोस्फेरिक प्रेशर समान रूप से पड़ता है और शरीर को इसकी आदत होती है। मौसम के ठंडे होने पर प्रेशर में परिवर्तन होता है। कोशिकाओं में भी खिंचाव होता है। इसी कारण दर्द की शिकायत बढ़ जाती है। यह थ्योरी सर्वमान्य नहीं है, क्योंकि सभी लोगों को यह समस्या नहीं होती। दूसरी थ्योरी है कि ठंड के दिनों में लोग घर से कम निकलते हैं और फिजिकल एक्टीविटी भी कम हो जाती है। इस कारण कैल्शियम आयरन के प्रभाव से दर्द की समस्या होती है। अत: ऐसी स्थिति में नियमित व्यायाम और न्यूट्रिशन काफी महत्वपूर्ण है।
यदि आर्थराइटिस के लक्षण दिखें तो लापरवाही न बरतें। डॉक्टरकी सलाह लें। निर्देशानुसार एक्सरसाइज करें। इससे हड्डियां और अधिक कमजोर नहीं होती हैं और दर्द से भी छुटकारा मिल जाता है।
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