
आज की जेनेरेशन ही नहीं बल्कि बड़े बूढ़े भी अपने फोन से जिपके रहते है। कई शोध इसका खुलासा कर चुके है कि फोन का ज्यादा प्रयोग सेहत के लिए हानिकारक होता है। फोन का जरूरत से ज्यादा प्रयोग नींद, दिल, आंखों और कान सभी के लिए नुकसानदायक है।
फोन की लत लोगों मे ड्रग्स की लत से कम नहीं है। चाहे कितना भी थके क्यूं ना हो एक बार फोन जरूर चेक करेंगें। तकनीकि ने चीजें जितनी हमारे लिए आसान कर दी है, सेहत के लिए उतनी ही मुश्किल। फोन का जरूरत से ज्यादा प्रयोग शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है। इस बात की पुष्टि कई शोध कर चुके है।
स्वीडन में हुए एक शोध के मुताबिक तनाव का भी कारण बनता है। खासतौर से महिलाओं में ये तनाव का प्रमुख कारण है। रात में बिस्तर पर सोने समय भी फोन की स्क्रीन पर ताकते रहते हैं तो ये आपकी नींद खराब कर सकता है। फोन से निकले वाली रोशनी शरीर की सिरकेडियन रिदम को प्रभावित करती है और ऐसे हार्मोन्स स्त्रावित करती है जिससे सतर्कता सी बनी रहती है जो नींद खराब करती है।
फोन के लगातार प्रयोग से आंखों पर भी उल्टा प्रभाव पड़ रहा है। फोन की स्क्रीन कम्प्यूटर की स्क्रीन से छोटी होती है जिसकी वजह से मैसेज पढ़ने के लिए आंखों पर ज्यादा जोर देना पड़ता है। मोबाइल फोन से एक सामान्य व्यक्ति की फोकस करने की जो क्षमता होती है उसे प्रभावित करता है। जिस वजह से कई देशों में ड्राइविंग करते वक्त इसका प्रयोग पूरी तरह से निषेध है।
कई शोध कहते हैं कि फोन से निकलने वाला रेडिऐशन शरीर पर नकारात्मक असर डालता है। 2013 का शोध कहता है कि फोन से प्रयोग से रक्त चाप बढ़ जाता है। ऐसे में दिल की कई बीमारियां घेर लेती है। फोन के एल्कोट्रोमैग्नेट किरणें कई खतरों को बुलावा देती है।फोन की वजह से किसी भी काम को करने में जरुरत से ज्यादा समय लगता है।बहुत देर तक फोन पर बात करना खतरनाक हो सकता है। ये सुनने की क्षमता पर सीधे असर डालता है।
Image Source-Getty
Read More Article on Health News in Hindi
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी ओन्लीमायहेल्थ डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।