लगभग ज्यादातर लोगों ने अपेंडिक्स के बारे में सुना होगा, लेकिन इसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते होंगे। अपेंडिक्स एक ऐसा हिस्सा है जो हमारी छोटी और बड़ी आंतों के बीच में मौजूद एक ऑर्गन है। यह आंतों से बाहर की ओर निकला हुआ रहता है। अपेंडिक्स में पाचन प्रक्रिया को अच्छे से चलाने के लिए अच्छे बैक्टीरिया जमा होते रहते हैं। लेकिन जब इसमें इंफेक्शन हो जाता है, तो ये अपेंडिसाइटिस बीमारी होती है।
अपेंडिसाइटिस ये एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो शुरुआत में सिर्फ पेट दर्द और पेट में सूजन के जरिए बढ़ती है। अपेंडिक्स में अगर इंफेक्शन होता है तो ये सिर्फ अपेंडिक्स तक ही सीमित नहीं रहता है बल्कि धीरे-धीरे दूसरे अंगों को भी प्रभावित करने का काम करने लगती है। अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं होता तो ये किसी के लिए भी जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए ये बहुत जरूरी हो जाता है कि हम अपेंडिक्स से होने वाले नुकसान से बचें और इसको बढ़ने से रोक सकें। अपेंडिक्स अक्सर लोगों के लिए इसलिए गंभीर बन जाता है क्योंकि इसके लक्षण आम पेट दर्द की तरह ही होते हैं। ऐसे में हर किसी को अपेंडिक्स की पूरी जानकारी होना बहुत ही जरूरी है।
लक्षण
- कब्ज।
- पेट की सूजन।
- पेट दर्द रहना।
- इसके अलावा इसका दर्द नाभि के आसपास होता है जोकि काफी तकलीफ वाला होता है।
- यह दूसरे सभी से पहले होने वाला प्राथमिक लक्षण है।
- यह दर्द जी मचलना, उल्टी, अपच के साथ होता है।
- कई मामलों में हल्का बुखार भी महसूस हो सकता है।
- पेट में ऐंठन पैदा होना।
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अपेंडिक्स का क्या काम है?
पहले मेडिकल साइंस मानता था कि अपेंडिक्स शरीर के लिए एक खराब अंग है और इसका कोई काम नहीं होता है। लेकिन कई शोध और सामने आए मामलों में पता चला कि ये उपयोगी है। अपेंडिक्स पाचन क्रिया को सुचारू करने के लिए अच्छे बैक्टीरिया जमा करने का काम करता है। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि अपेंडिक्स का विकास हमारे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए हुआ है। अपेंडिक्स पेट के दाहिनी ओर मौजूद रहता है। ये शरीर में सेलूलोज को पचाने में काफी सहायक होता है। आपको बता दें कि आदिकाल में मानव जब कच्चा खाना खाते खे तब इस अपेंडिक्स का इस्तेमाल शरीर में होता था।
अपेंडिसाइटिस में क्या सावधानिया बरतें?
- अपेंडिसाइटिस में मसालेदार भोजन से दूर रहना चाहिए।
- आसनी से पचने वाले आहार का करें सेवन।
- लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहें।
- एपेंडिसाइटिस की सर्जरी के बाद तली हुई सब्जियां, रेड मीट, पेस्ट्री, मिठाई, पूरा दूध और शराब से दूर रहना चाहिए।
- भारी वजन उठाने से बचें।
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अपेंडिसाइटिस से कैसे करें बचाव?
- अदरक का सेवन करने से पेट में होने वाली सूजन को कम किया जा सकता है साथ ही उल्टी और जी मचलना भी रुक सकेगा।
- कैस्टर ऑयल भी अपेंडिसाइटिस से होने वाली सूजन को कम करने के लिए काफी फायदेमंद होता है।
- तुलसी हमारे पाचन की गति के खिलाफ सहायक होता है, बल्कि बुखार से लड़ने में भी मदद करती है जो कि एपेंडिसाइटिस के लक्षणों में से एक माना जाता है।
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