आपने अकसर अपने आसपास ये कहते सुना होगा कि उस व्यक्ति को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। पर क्या कभी सोचा है कि आखिर इस शब्द का अर्थ है? बता दें कि मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें एक व्यक्ति को बार-बार दौरे पढ़ते हैं। यह समस्या मस्तिष्क में किसी गड़बड़ी के कारण पैदा होती है। जब ये समस्या उत्पन्न होती है तो व्यक्ति का शरीर लड़खड़ाने लगता है और बेहोशी, हाथ पैर का झटकना, पेशाब कंट्रोल ना होना आदि लक्षण नजर आते हैं। ऐसे में येजानना जरूरी होता है कि इस समय में क्या खाएं और क्या नहीं? आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। बता दें कि आज के हमारे इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि मिर्गी के दौरान किस प्रकार की डाइट फॉलो करनी जरूरी है? साथ ही हम ये भी जानेंगे कि किन चीजों से सेवन से मिर्गी और गंभीर रूप ले सकती है। पढ़ते हैं आगे...
मिर्गी में कैसा हो आहार (what to eat to prevent epilepsy)
बता दें कि अगर आप मिर्गी को ध्यान में रखकर डाइट प्लान कर रहे हैं तो इसके लिए पहला जरूर तत्व है प्रोटीन। वहीं दूसरे तत्व की बात करें तो फैट, ये दोनों तत्वों को डाइट में जोड़ना बेहद जरूर है। ऐसे में आप अपनी डाइट में चीज़, पीनट बटर, मक्खन, घी, बदाम का आटा, नारियल का आटा, मछली, चिकन, अंडा, टोफू, मीट, सोया, बदाम का दूध, कॉफी, काली चाय, पालक, पत्ता गोभी, एवोकाडो, बादाम, अखरोट, काजू, सूरजमुखी के बीज, चिया सीड्स, कद्दू के बीज, अलसी के बीज, शिमला मिर्च, खीरा, प्याज, मेथी, गोभी, काली चाय आदि को जोड़ सकते हैं। लेकिन अगर आपको ऊपर बताई गई किसी भी चीज से एलर्जी है तो आप इसके सेवन से बचें।
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मिर्गी में के दौरान अपनी डाइट से किन चीजों को निकालें (what food to avoid in epilepsy)
जैसे कि हमने पहले भी बताया कि मिर्गी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा का सेवन कम किया जाता है। ऐसे में जिन चीजों में इसकी मात्रा ज्यादा होती है उन्हें अपनी डाइट से निकालना जरूरी होता है। उदाहरण के तौर पर मिठाई, शहद, किशमिश, फलों के जूस, कार्बोनेटेड ड्रिंक, दूध, शुगर, सिरप, चीनी, आम, लीची, अंगूर, पपीता, केला, अल्कोहल, वाइन, खजूर, शहर, ब्रेड, पास्ता, पिज़्ज़ा, दाल, फलियां, अनाज और मक्का, गेहूं, चावल, जौ, गाजर, प्रोसैस्ड फूड, आलू, चुकंदर, चॉकलेट, कैंडी, पेस्ट्री, डोनट आदि को निकाल दें। बता दें कि इन चीज़ों में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है। इनके सेवन से मिर्गी और गंभीर रूप ले सकती है।
ऊपर बताई गई चीजों को आप अपनी डाइट में कैसे जोड़ें
आप खाली पेट घी के साथ काली चाय का सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही आप बादाम और अखरोट का सेवन भी कर सकते हैं। नाश्ते में आप पीनट बटर या आमलेट का सेवन कर सकते हैं। लंच मे आप नारियल के आटे की रोटी और मेथी की सब्जी आदि का सेवन कर सकते हैं। शाम के नाश्ते में आप भुनी मूंगफली और ग्रीन टी ले सकते हैं और रात के खाने में लौकी के कोफ्ते आदि को जोड़ सकते हैं। इसी प्रकार आप रोज नई-नई चीजों को ((ऊपर बताएंगे चीजों को) अपनी डाइट में जोड़ सकते हैं।
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नोट -इस अवस्था में डाइटिशियन कीटोजेनिक डाइट लेने की सलाह देते हैं। हालांकि इस डाइट को प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट आदि की मात्रा को संतुलित करने के लिए पहले से प्लान किया जाता है। चूंकि हर व्यक्ति के शरीर में मिर्गी के लक्षण-लक्षण भिन्न होते हैं ऐसे में इसकी डाइट भी आहार विशेषज्ञ के निरीक्षण में ही प्लान करने की सलाह देते हैं।
ये लेख शीला सहरावत, डाइटीशियन, हेड डायटीशियन डाइट क्लीनिक, दिल्ली द्वारा दिए गए इनपुट्स पर बनाया गया है।
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