SIBO, जिसे स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ के रूप में भी जाना जाता है। यह एक छोटी आंत का एक गंभीर संक्रमण है, जो छोटी आंत को प्रभावित करता है। आपको बता दें कि आपकी आंत के विभिन्न हिस्सों में बैक्टीरिया बढ़ते रहते हैं, लेकिन जब से बैक्टीरिया छोटी आंत में बढ़ते हैं, तो इसका परिणाम स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ (SIBO) होता है। स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ की समस्या के कुछ आम लक्षणों में पेट दर्द, ऐंठन, सूजन या गेस, खट्टी डकार आना, दस्त और कब्ज आदि शामिल हैं, जिस वजह से हम सभी इसे नजरअंदाज कर देते हैं। क्योंकि ये सभी समस्याएं कई बार हमें तेलीय खाने या गलत समय पर खाने जैसे कारणों से हो जाती हैं। लेकिन यदि आप इन लक्षणों को महसूस करते हैं, तो एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें, अन्यथा समस्या बढ़ सकती है। आइए यहां आप स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ (SIBO) के जोखिम कारण और इससे निपटने के घरेलू उपाय जानें।
स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ के जोखिम कारक
यहां हम आपको बता रहे हैं कि स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ (SIBO) कब और क्यों होता है।
टॉप स्टोरीज़
- छोटी आंत में असामान्यताओं के कारण
- पेट का पीएच लेवल बदलने के कारण
- कमजोर इम्युनिटी के कारण
- छोटी आंत की मांसपेशियों की गतिविधि में खराबी के कारण
यदि आप स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ (SIBO) की समस्या से ग्रस्त है और इसका इलाज नहीं करवाते हैं, तो इससे इन समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है:
- हाइपोथायरायडिज्म
- डायबिटीज
- पार्किंसंस डिजीज
- तंत्रिका क्षति
स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ से निपटने के घरेलू उपाय
#1. दही
रोजाना एक कटोरी दही का सेवन करने से स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ की समस्या से निपटने में मदद मिल सकती है। आप रोजाना एक कटोरी सादा दही पिएं, इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो आपके आंत स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके अलावा दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स न केवल आपके पेट के पीएच को बहाल करने में मदद करते हैं बल्कि आपके गट फ्लोरा को भी संतुलित करते हैं। जिससे कि आपको स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ से निपटने में मदद मिलती है।
#2. दालचीनी
दालचीनी एक औषधीय बूटी है, जो आपको स्वस्थ रहने में मदद करती है। एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएं और इसमें स्वाद के लिए 1 चम्मच शहद मिलाएं और सेवन करें। यह आपके सभी आंतों के रोगजनक बैक्टीरिया को मारने में मदद करेगा। आप इस मिश्रण का सेवन रोजाना एक बार कर सकते हैं।
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#3. अदरक
पेट दर्द की समस्या हो या पाचन और आंत की, अदरक इन सब समस्याओं के लिए एक महान जड़ी बूटी है। यदि आप स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आप एक गिलास पानी में एक टुकड़ा कसा हुआ अदरक डालकर उबाल लें। आ चाहें, तो गर्म पानी में एक चम्मच अदरक का पाउडर भी डाल सकते हैं। अब आप इस पानी में उबाल आने के बाद इसमें चाय के रूप में पिएं। आप इसे दिन में 2 बार पी सकते हैं। यह आपको इस स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ की समस्या को दूर करने में मदद करती है क्योंकि अदरक एंटीइंफ्लामेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर है।
#4. चकोतरा फल के बीज का अर्क
आपने चकोतरा फल के फायदे सुने होंगे, लेकिन इसके बीजों का अर्क आपको स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है। आपको बस ़ गिलास पानी में चकोतरा फल के बीज के अर्क की 5-10 बूंदें डालनी हैं। इसके बाद आप इसे पानी में अच्छे से मिलाएं और इस घोल का सेवन रोजाना 3 बार करें। यह आंत के हानिकारक बैक्टीरिया को आंत में बढ़ने से रोकने में मदद करेगा।
#5. मनुका शहद
मनुका शहद को काफी फायदेमंद माना जाता है। आप स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ के लिए कच्चे मनुका शहद के 1-2 चम्मच का सेवन करें। यह आपको आंत के संक्रामक बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह उन एंजाइमों और पोषक तत्वों से भी समृद्ध है जो SIBO जैसी समस्याओं के इलाज के लिए आवश्यक हैं।
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