क्या आपको भी सोते समय शरीर में दर्द की शिकायत रहती है? इस तरह के दर्द के कारण सोना मुश्किल हो जाता है और व्यक्ति की नींद अधूरी रह जाती है। इस तरह की स्थितियों को मेडिकल साइंस में पेनसोमेनिया (Painsomania) कहते हैं। ये शब्द Pain और Insomnia दो शब्दों से मिलकर बना है। पेन का अर्थ है दर्द और इन्सोम्निया का अर्थ है नींद की कमी। इस तरह यह कहा जा सकता है कि जब कोई व्यक्ति लगातार दर्द के कारण रातभर सो नहीं पाता है, तो इसे पेनसोमेनिया की स्थिति कहते हैं।
क्यों होता है पेनसोमेनिया
पेनसोमेनिया अपने आप में कोई बीमारी नहीं है। ये एक तरह की स्थिति है, जिसमें किसी क्रॉनिक बीमारी के कारण व्यक्ति रात के समय दर्द से कराहता रहता है। ये बीमारियां अर्थराइटिस, मल्टिपल स्क्लेरोसिस, पेट में छाले, कैंसर, फाइब्रोम्यालगिया, डिप्रेशन या एंग्जायटी आदि हो सकती हैं। ये स्थिति काफी तकलीफ देह होती है। इसका कारण यह है जितना अधिक दर्द बढ़ेगा, व्यक्ति को सोने में उतनी ही परेशानी आएगी और व्यक्ति जितना कम सोएगा, उसे उतना ही तेज दर्द महसूस होगा। दर्द और अनिद्रा दोनों ही एक दूसरे को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं, इसलिए समय के साथ तकलीफ बढ़ती जाती है।
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पेनसोमेनिया में क्या करें
अगर आप पेनसोमेनिया से जूझ रहे हैं, तो सबसे जरूरी बात ये है कि आप जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलकर जांच कराएं और पता लगाएं कि आपका दर्द किस कारण से है। अगर आप दर्द के सही कारण का पता नहीं लगाएंगे, तो समय के साथ आपकी परेशानी बढ़ती जाएगी। इलाज के साथ-साथ आप कुछ प्राकृतिक तरीकों को अपनाकर दर्द और नींद की समस्या से राहत पा सकते हैं।
पेनसोमेनिया के प्राकृतिक उपचार
हल्दी की चाय पिएं- हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं, इसलिए ये दर्द और सूजन को कम करने के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है। रोजाना होने वाले दर्द और नींद न आने की समस्या में आप हल्दी की चाय पी सकते हैं। हल्दी में कर्क्यूमिन नामक विशेष तत्व होता है, जो एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट है। ये एंटीऑक्सीडेंट दर्द से बहुत जल्दी राहत दिलाता है।
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एक्टिव रहें- दर्द के बावजूद आपका एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। आप जितना ज्यादा स्थिर और गतिहीन रहेंगे, आपके दर्द की समस्या उतनी अधिक बढ़ेगी। इसलिए कुछ न कुछ ऐसा काम करते रहें, जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बना रहे और आपको थोड़ी थकान हो। थकान के कारण आपको नींद आएगी और अगर आप सो गए, तो दर्द भी जल्दी ठीक हो जाता है।
ध्यान करें- न सोने के कारण आप जल्द ही तनाव का शिकार हो सकते हैं, जो कि दर्द के साथ मिलकर गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है। इसलिए अपनी आदत में ध्यान को भी जरूर शामिल करें। सोने से पहले कुछ देर ध्यान करने से आपको नींद आने की संभावना ज्यादा रहेगी और कम से कम आपका मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
गर्म और ठंडी सिंकाई- अगर आपको अकड़न या अर्थराइटिस के कारण दर्द और सूजन की समस्या है, तो आप ठंडी और गर्म सिंकाई का सहारा ले सकते हैं। सिंकाई करने से नसों की अकड़न कम होती है और दर्द से छुटकारा मिलता है।
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