
गर्भावस्था में महिलाएं खानपान को लेकर विशेष सावधानी रखती है। इसका सबसे बड़ा कारण होता है कि उनके द्वारा लिया गया आहार शिशु की सेहत को भी प्रभावित करता है। वैसे तो गर्भावस्था के दौरान फलों और जूस का सेवन करने की सलाह दी जाती है। लेकिन इसमें भी विशेष सावधानी रखते है क्योंकि कुछ फलों का सेवन नुकसानदायक हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान मौसमी फलों का सेवन करना ठीक रहता है। ऐसे में आम का सेवन करना लाभदायक होगा। वैसे भी आम में पाया जाने वाला फोलिक एसिड गर्भस्थ शिशु के जरूरी पोषण देगा। ऐसी गर्भवती महिलायें जिन्हें गर्भावस्था के दौरान मीठा खाने की इच्छा होती है उनके लिए आम एक अच्छा विकल्प है। इससे वे अपच और मोटापा जैसी समस्याओं से बच सकती हैं।
- आम आयरन, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी6, पोटेशियम और फॉलिक एसिड से भरपूर है। ये सभी गर्भावस्था के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं। जो गर्भवती महिला के प्रतिरक्षा तंत्र को मज़बूत बनाने के साथ थ उसे उर्जा भी प्रदान करते हैं।
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- आम के सेवन करने से आपको पाचन संबंधी समस्या से भी निजात मिल जाएगा, क्योकि इसमें पर्य़ाप्त मात्रा में फाइबर्स पाए जाते है। जो पाचन तंत्र को ठीक रखने के साथ-साथ पाचन तंत्र को एनर्जी देता है।कब्ज की रोकथाम में मदद कर सकता है। ये ऊर्जा और एंटीऑक्सीडेंट के भी अच्छे स्त्रोत हैं।
- आम में मौजूद विटामिन ए भ्रूण के विकास में भी मदद करता है। विटामिन ए गर्भवती महिलाओं की आंखों के रोग व त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है।
- गर्भावस्था के दौरान ब्लडप्रशर की समस्या भी बहुत बढ़ जाती है ऐसे में आम एक प्राकृति उपचार है, क्योंकि इसमें पोटेशियम (156 मिलीग्राम में 4 प्रतिशत) और मैग्निशियम (9 मिलीग्राम में 2 प्रतिशत) भारी मात्रा में पाए जाते हैं।
- गर्भवती महिला को आयरन की विशेष जरूरत होती है। इसलिए उनके लिए आम काफी लाभदायक होता है। इसमें प्रचूर मात्रा में आइरन पाया जाता है। नियमित और पर्याप्त रूप से आम का सेवन शरीर में खून की मात्रा बढ़ा देता है।
- अगर आपको गर्भावधि मधुमेह (जैस्टेशनल डायबिटीज) है, तो आम न खाने की सलाह दी जा सकती है। यह इसलिए क्योंकि आम में मीठे की उच्च मात्रा होती है। आम में कैलोरी भी अधिक होती है।
- बाजार में आम खरीदते समय उन्हें सावधानी से चुनें। ध्यान रखें कि आप रसायनो द्वारा पकाए हुए आम न खरीदें। आम के सीजन में ही आम खरीदें, ताकि उनके कृत्रिम तरीके से पकाए जाने की संभावना कम हो।
गर्भवती महिला को इस बारे में भी जानना चाहिए कि किस प्रकार का भोजन उसके लिए सर्वोत्तम है। इसलिए उसे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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