अंडा दुनियाभर में बहुत चाव से खाया जाता है। नाश्ते में उबले अंडे या ऑमलेट खाना हेल्दी माना जाता है, वहीं डिनर हो या लंच आप अंडा भुर्जी, अंडाकरी, अंडा बिरयानी जैसी डिशेज खाकर आसानी से पेट भर सकते हैं। अंडे खाने के फायदों को देखते हुए ही डायटीशियन इसे सुपरफूड मानते हैं। हाल में हुई एक रिसर्च बताती है कि रोजाना 1 अंडा खाने से आपका मस्तिष्क बुढ़ापे तक स्वस्थ रहता है और याददाश्त तेज होती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ आपकी याददाश्त कम होने लगती है या पूरी तरह चली जाती है। डिमेंशिया और अल्जाइमर ऐसे ही रोग हैं, जो बुढ़ापे में याददाश्त के कमजोर होने का कारण बनते हैं। ऐसे में अगर आप अभी से रोजाना 1 अंडा खाएं, तो आप लंबी उम्र तक अपने मस्तिष्क को स्वस्थ रख सकते हैं।
अंडा खाने से बेहतर याददाश्त
American Journal of Clinical Nutrition में हाल में ही एक अध्ययन छापा गया, जिसमें बताया गया है कि अंडा खाना आपके मस्तिष्क के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है। ये अध्ययन 2500 पुरुषों पर किया गया, जिनकी उम्र 22 साल से ज्यादा थी। इन सभी लोगों को रोजाना 1 या 2 अंडे खिलाए गए। थोड़े दिनों बाद टेस्ट करने पर पता चला कि इनमें से ज्यादातर लोगों का मस्तिष्क पहले से बेहतर काम कर रहा था और उनकी याददाश्त तेज हो गई थी। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि ज्यादातर लोगों में अल्जाइमर और डिमेंशिया का खतरा, उन लोगों के मुकाबले बहुत कम हो गया, जिन्होंने अंडे नहीं खाए थे।
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अंडे में होता है ब्रेन पावर बढ़ाने वाला तत्व
अंडे में एक खास पोषक तत्व होता है, जिसे कोलाइन (Choline) कहते हैं। कोलाइन को ब्रेन फूड माना जाता है, यानी इसके सेवन से मस्तिष्क की क्षमता बढ़ती है। कोलाइन वाले आहारों के सेवन से मस्तिष्क की कोशिकाओं की कमजोरी दूर होती है, जिससे कोशिकाएं लंबे समय तक स्वस्थ रहती हैं। अंडे में कोलाइन की अच्छी मात्रा होती है। इसलिए जब आप अंडा खाते हैं, तो आपका मस्तिष्क इस कोलाइन को एसिटिलकोलाइन (Acetylcholine) में बदल देता है। ये एक ऐसा न्यूरोट्रांसमीटर है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं के आपसी संवाद को बेहतर बनाता है। इससे आपकी याददाश्त लंबे समय तक बनी रहती है।
अंडा खाने से डिमेंशिया-अल्जाइमर का खतरा 28% तक कम
बुढ़ापे में मस्तिष्क की जिन बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है, उनमें डिमेंशिया और अल्जाइमर दो प्रमुख बीमारियां हैं। आमतौर पर अल्जाइर रोग ही धीरे-धीरे डिमेंशिया का कारण बनता है। इस रोग में व्यक्ति की याददाश्त या तो कमजोर हो जाती है या पूरी तरह चली जाती है। इसके अलावा उसके काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया कि रोजाना सिर्फ 1 अंडा खाने से इन दोनों बीमारियों का खतरा 28% तक कम किया जा सकता है। यानी अगर आप युवावस्था में अंडे खाने की आदत डाल लें, तो आपका शरीर तो स्वस्थ रहेगा ही, साथ ही बुढ़ापे में भी आप स्वस्थ रहेंगे।
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कितना और कैसे खाएं अंडा
अंडा खाना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है, मगर लंबे समय तक बहुत ज्यादा अंडा खाना भी ठीक नहीं है। अंडे के पीले भाग में कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है, लेकिन ये कोलेस्ट्रॉल तेल-घी आदि में पाए जाने वाले कोलेस्ट्रॉल से कम हानिकारक होता है। एक बड़े अंडे में लगभग 186 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है, जबकि एक स्वस्थ व्यक्ति को एक दिन में 200-300 मिलीग्राम से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल नहीं लेना चाहिए। इसलिए आप अंडा जरूर खाएं, मगर इसे सही तरीके से खाएं।
- अगर आप रोजाना अंडा खाने के शौकीन हैं, तो 1 अंडा पीले भाग के साथ खाएं, बाकी अंडों का सिर्फ सफेद वाला हिस्सा (एग व्हाइट) खाएं।
- अंडों को बहुत तेज आंच पर पकाकर, ढेर सारे तेल में ऑमलेट या सब्जी बनाकर न खाएं।
- अंडे खाने का सबसे सेहतमंद विकल्प है कि इसे उबालकर खाएं या बहुत कम तेल में ऑमलेट और भुर्जी बनाकर खाएं।
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