
Early Signs Of Type 1 Diabetes In Teenagers: डायबिटीज एक खराब जीवनशैली से जुड़ा एक गंभीर रोग है, जिसमें व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में नहीं रहता है। कुछ लोगों में यह ब्लड शुगर लेवल बुहत अधिक बढ़ जाता है तो इस स्थिति को टाइप 2 डायबिटीज या हाई ब्लड शुगर कहा जाता है, वहीं जब शरीर में ब्लड ग्लूकोज लेवल सामान्य से भी नीचे चला जाता है, तो इस स्थिति को टाइप 1 डायबिटीज या हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। पहले यह समस्या व्यस्कों में अधिक देखी जाती थी, लेकिन अब बच्चों से लेकर किशोर और कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। यहां तकि कि टीनएजर्स में लॉ ब्लड शुगर (टाइप 1 डायबिटीज) या हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या काफी बढ़ रही है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें अग्रनाश्य पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है।
जिसकी वजह से ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से भी कम हो जाता है। इसके कारण उन्हें चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, हमेशा थकान, पेट में दर्द, मतली और बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि एससीपीएम हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ शेख जफर बताते हैं कि किशोरों या बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज के कई संकेत और लक्षण देखने को मिलते हैं, जिन्हें पचानकर इसकी पुष्टि के लिए परामर्श किया जा सकता है। डॉक्टर इसके निदान के बाद सही उपचार और कुछ जीवनशैली बदलावों का सुझाव दे सकते हैं। इस लेख में हम आपको किशोरों में टाइप 1 डायबिटीज के 8 संकेत बता रहे हैं।
कोशोरों में डायबिटीज के शुरुआती संकेत- Early Signs Of Type 1 Diabetes In Teens in Hindi
टीनएजर्स और यहां तक कि बच्चों में भी कुछ लक्षण व्यस्कों के समान ही देखने को मिलते हैं, जिनसे आपको टाइप 1 डायबिटीज के संकेतों को आसानी से पहचान सकते हैं जैसे...
- बार-बार यूरीन आता है
- मीठा खाने की इच्छी अधिक होती है
- बहुत प्यास लगना
- बहुत अधित थकान लगती है
- आंखों की रोशनी कम होने लगती है
- त्वचा ड्राई होने लगती है
- हाथ-पैरों में सुन्नपन और चुभन महसूस होती है
- वजन कम होने लगता है
उपरोक्त लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, जिससे कि इसके समय रहते उपचार लिया जा सके और लक्षणों को कम किया जा सकते।
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टाइप 1 डायबिटीज का इलाज- Type 1 Diabetes Treatment In Hindi
- डॉक्टर ब्लड शगुर कंट्रोल रखने के लिए नियमित इसकी जांच की सलाह देते हैं
- गंभीर स्थिति में बाहर से इंसुलिन शॉट्स लेने का सुझाव देते हैं
- कर्बोहाइड्रेट युक्त पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सुझाव देते हैं
- शारीरिक रूप से एक्टिव रहना बहुत जरूरी है, एक्सरसाइज या फिजिकल एक्टिविटीज जरूर करें
- कुछ दवाओं देते हैं
- जंक और प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन से सख्त परहेज की सलाह देते हैं।
- शराब, स्मोकिंग से भी बचना चाहिए
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