शरीर को अंदर साफ करने के लिए लोग डिटॉक्स डाइट (Detox diet) को फॉलो करते हैं। डिटॉक्स डाइट फास्टिंग की तरह होती है। जिसमें लोग पूरे दिन पानी, सब्जियां और फल पर निर्भर रहते हैं। पूरे दिन प्रोपर खाना नहीं खाते। शरीर से हानिकारक पदार्थों को निकालने के लिए लोग ऐसा करते हैं। तो वहीं, जिनका वजन ज्यादा है, वे लोग भी इस डाइट को अपनाते हैं। डिटॉक्स डाइट दो से तीन दिन की होती है। जल्दी वजन कम करने के लिए लोग आजकल डिटॉक्स डाइट को तीन दिन से ज्यादा फॉलो करते हैं। जिससे उनके शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है। हालांकि डिटॉक्स डाइट क्या वाकई शरीर से हानिकारक पदार्थ निकालती है, इस पर अभी तक कोई प्रमाणिक शोध नहीं आया है। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. पुनीता श्रीवास्तव ने बताया कि क्या वाकई डिटॉक्स डाइट फायदेमंद है और इसे करने के नुकसान क्या हैं।
क्या वाकई डिटॉक्स डाइट हानिकारक पदार्थों को शरीर से निकालती है?
हानिकारक पदार्थों को शरीर से निकालने का नैचुरल तरीका हमारे शरीर में पहले ही है। पसीना बहना, मल त्याग करना, पेशाब करना आदि तरीके शरीर से गैर जरूरी पदार्थों को पहले ही निकाल देते हैं। ऐसे में अलग से डिटॉक्स डाइट को अपनाना कोई तुक नहीं बनता। तो वहीं, न्यूट्रीशनिस्ट पुनीता का कहना है कि डिटॉक्स डाइट दो से तीन दिन की जाए तो उससे वजन को नियंत्रित में रखा जा सकता है, लेकिन ज्यादा दिन इसे करने से नुकसान होता है।
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डिटॉक्स डाइट के नुकसान (Side effects of detox diet)
मांसपेशियों की हानि (muscle loss)
ज्यादा समय डिटॉक्स डाइट को फॉलो करने से मांसपेशियों की हानि होती है। न्यूट्रीशनिस्ट पुनीता का कहना है कि डिटॉक्स डाइट में प्रॉपर मील नहीं मिल पाती, जिससे मांसपेशियों की कमी होने लग जाती है। सभी पोषक तत्त्व नहीं मिलने की वजह से नई मांसपेशियां नहीं बनती हैं। इस वजह से मांसपेशियों की कमी आने लगती है।
पोषक तत्त्वों की कमी
न्यूट्रीशनिस्ट पुनीता ने बताया कि डिटॉक्स डाइट से शरीर में पोषक तत्त्वों की कमी हो जाती है। स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है कि संतुलित आहार मिले। जिसमें कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, मिनरल, विटामिन सभी की मात्रा समान हो। लेकिन जब आप डिटॉक्स डाइट को अपनाते हैं तो शरीर में इन पोषक तत्त्वों की कमी हो जाती है। इस कमी की वजह से कई रोग शरीर में प्रवेश कर लेते हैं, इसलिए जरूरी है कि डिटॉक्स डाइट का लंबे समय पालन न किया जाए।
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कमजोरी
ठीक से खाना नहीं खाने की वजह से शरीर में कमजोरी आना लाजमी है। पुनीता श्रीवास्तव का कहना है कि दो से तीन दिन तक जब ढंग से खाना नहीं मिलता तो शरीर में कमजोरी आने लगती है। तो वहीं, अन्य पोषक तत्त्वों की कमी की वजह से भी यह कमजोरी आ जाती है। कमजोरी के साथ-साथ शरीर में थकावट भी रहती है।
भूख बढ़ जाना
ज्यादातर लोग वजन कम करने के लिए डिटॉक्स डाइट को अपनाते हैं, लेकिन दो से तीन भूखे रहने से वजन कम नहीं होता, उसके लिए जितना आप खा रहे हैं, उतना ही मेहनत करके बाहर भी निकालना होता है। ज्यादा भूखे रहने से भूख और बढ़ जाती है। फिर मन में आता है कि फलां खाना हमने कितने से नहीं खाया। ऐसे में जरूरत से ज्यादा खाना खा लिया जाता है। और जो वजन कम करना था और बढ़ जाता है।
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ऊर्जा की कमी
थकावट, कमजोरी होने के साथ-साथ बीपी डाउन होने तक की समस्याएं डिटॉक्स डाइट में होने लगती हैं। एक वजन कम करने के लिए चार बीमारियां आपकी दोस्त और बन जाती हैं। तो वहीं, ठीक से खाना नहीं खाना नहीं खाने की वजह से शरीर में ताकत नहीं रहती है और काम करने की ऊर्जा भी कम हो जाती है। इसलिए लंबे समय के लिए इस डाइट को फॉलो नहीं करना चाहिए।
डिटॉक्स डाइट के फायदे तभी हैं जब इसे एक से दो दिन के लिए अपनाया जाए। लेकिन लंबे समय फॉलो करने पर शरीर बीमारियों का घर बन जाता है।
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