हर साल 25 मई को विश्व थायरॉइड दिवस (World Thyroid Day) के रूप में मनाया जाता है। थायरॉइड एक गंभीर बीमारी है, जिसे स्वास्थ्य विशेषज्ञ साइलेंट किलर कहते हैं। इसका अर्थ है कि ये बीमारी चुपचाप धीरे-धीरे इंसान को खत्म करती है। यही कारण है कि थायरॉइड रोग से बचाव के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से थायरॉइड दिवस मनाया जाता है। इस साल कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं की चिंता का विषय सिर्फ कोरोना वायरस ही बना हुआ है। हाल में ही रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया। अभी तक यही माना जाता था कि कोरोना वायरस रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट पर हमला करता है और इसके कारण रेस्पिरेट्री इंफेक्शन ही होता है। मगर नई रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया कि कोरोना वायरस थायरॉइड को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
18 साल की लड़की में दिखे लक्षण, तो वैज्ञानिक हैरान
इटली की यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल पीसा में 21 फरवरी को 18 साल की एक लड़की को कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण भर्ती किया गया। भर्ती करते समय लड़की एसिम्पटोमेटिक थी, यानी उसमें कोई लक्षण नहीं थे। इलाज के बाद लड़की की जांच रिपोर्ट 13 और 14 मार्च को निगेटिव आई, तो उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। मगर 17 मार्च को लड़की में दोबारा कुछ लक्षण दिखने शुरू हुए, जिनमें बुखार, थकान, गले और जबड़े में दर्द प्रमुख लक्षण थे। डॉक्टर्स ने दोबारा उसकी जांच की तो पाया कि उसका हार्ट रेट बहुत अधिक बढ़ा हुआ है और थायरॉइड का आकार सूजन के कारण बढ़ गया है। इसी कारण से उसे गले में दर्द की शिकायत थी।
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लैब टेस्ट में इस लड़की में बहुत अधिक थायरॉइड हार्मोन पाए गए। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में इस लड़की के गले में दोनों तक काफी ज्यादा सूजन पाई गई। डॉक्टर्स को इस बात को देखकर हैरानी हुई क्योंकि कुछ दिन पहले ही इस लड़की का थायरॉइड फंक्शन टेस्ट बिल्कुल नॉर्मल आया था। डॉक्टर्स ने सूजन कम करने की दवा देकर और कोरोना वायरस के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही दूसरी दवाएं देकर लड़की को सप्ताह भर में ठीक कर दिया, मगर उन्हें इस बात की पहली जानकारी मिली कि कोरोना वायरस थायरॉइड ग्लैंड्स पर भी अटैक कर सकता है।
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क्या हैं इस नए इंफेक्शन के लक्षण
इस रिसर्च के अनुसार कोरोना वायरस के कारण नए तरह का थायरॉइड इंफेक्शन मरीजों में देखा जा रहा है। इसे वैज्ञानिकों ने सबएक्यूट थायरॉइडाइटिस (subacute thyroiditis) नाम दिया है। कोरोना वायरस के कारण होने वाले इस इंफेक्शन के लक्षण इस प्रकार हैं- गले में दर्द, खाना या थूक निगलने में गले में पीड़ा, थायरॉइड ग्लैंड में सूजन, गर्दन के पिछले हिस्से में दर्द। वैज्ञानिकों ने बताया कि ये स्थिति वायरस से फैले इंफेक्शन के कारण होने वाली सूजन की वजह से होती है।
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क्या थायरॉइड रोगियों को कोरोना का ज्यादा है खतरा?
अमेरिकन थायरॉइड एसोसिएशन के अनुसार ऐसे लोग जो थायरॉइड से संबंधित ऑटोइम्यून बीमारियों का शिकार हैं, उन्हें कोविड-19 का खतरा सामान्य लोगों से ज्यादा हो सकता है। इसका कारण यह है कि ऑटोइम्यून बीमारियों के शिकार लोगों का इम्यून सिस्टम पहले से ही कमजोर होता है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि ऐसे व्यक्ति अगर कोरोना वायरस का शिकार हो जाएं, तो वो ठीक नहीं हो सकते हैं। इसका अर्थ है कि थायरॉइड रोगियों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है, लेकिन डरने की बात नहीं है।
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