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ग्लूकोमा (काला मोतिया) से आंखों को कैसे बचाएं? डॉक्टर्स से जानें टिप्स

Glaucoma Prevention in Hindi: ग्लूकोमा या काला मोतिया एक गंभीर बीमारी है, डॉक्टर से जानें इससे बचने के टिप्स। 

Prins Bahadur Singh
Written by: Prins Bahadur SinghUpdated at: Mar 20, 2023 21:51 IST
ग्लूकोमा (काला मोतिया) से आंखों को कैसे बचाएं? डॉक्टर्स से जानें टिप्स

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Glaucoma Prevention in Hindi: ग्लूकोमा या काला मोतिया आंखों से जुड़ी गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में सही समय पर इलाज न मिलने की वजह से आपके आंखों की रोशनी हमेशा के लिए भी जा सकती है। ग्लूकोमा दरअसल आंखों से जुड़ी बीमारियों का एक समूह है, इस बीमारी में आपकी आंखों के ऑप्टिक नर्व्स को नुकसान पहुंचता है और इसकी वजह से आपकी नजर खराब हो जाती है। दुनियाभर में ग्लूकोमा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए ग्लूकोमा जागरूकता सप्ताह मनाया जता है। हर साल मार्च के महीने में 12 तारीख से 18 तारीख तक यह अभियान चलाया जाता है। इस अभियान में ग्लूकोमा के शुरूआती लक्षणों की पहचान और इसके इलाज के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम होता है। गुरुग्राम स्थित अरुणोदय देसरेट आई हॉस्पिटल में ग्लूकोमा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए दुनियाभर से सुप्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ पहुंचे। ग्लूकोमा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इस गंभीर बीमारी के इलाज को लेकर टोरंटों कनाडा के मशहूर नेत्र रोग विशेषज्ञ प्रो. स्टीव अर्शिनआफ और न्यूयॉर्क के मशहूर नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र बंसल के अलावा सुप्रसिद्ध ओफ्थल्मोलॉजिस्ट और आई सर्जन डॉ. अरुण सेठी ने जरूरी जानकारियां साझा की। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं ग्लूकोमा से बचाव के टिप्स और इस गंभीर बीमारी के इलाज के बारे में।

ग्लूकोमा क्या है?- What is Glaucoma in Hindi

ग्लूकोमा आंखों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, इसमें आपकी आंख के पीछले हिस्से की ऑप्टिक नर्व्स डैमेज हो जाती हैं। इसकी वजह से आपके आंखों की रोशनी प्रभावित होती है या हमेशा के लिए चली भी जा सकती है। यह बीमारी जेनेटिक कारणों से भी हो सकती है। ग्लूकोमा की समस्या में आपको शुरूआती लक्षण बहुत कम दिखाई देते हैं या सामान्य होते हैं। यही कारण है कि लोग जल्दी इसके लक्षणों को नोटिस नहीं कर पाते हैं। ग्लूकोमा को काला मोतिया के नाम से भी जाना जाता है। इंट्राओक्युलर प्रेशर की वजह से आपकी आंखों की ऑप्टिक नर्व्स डैमेज हो जाती हैं और इसकी वजह से ग्लूकोमा की शुरूआत होती है।

Glaucoma Prevention in Hindi

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ग्लूकोमा से कैसे बचें?- Tips To Prevent Glaucoma in Hindi

ग्लूकोमा धीरे-धीरे आंखों की रोशनी छीन लेता है। अगर समय रहते काला मोतिया का इलाज नहीं कराया गया तो ऑप्टिक नर्व को काफी नुकसान पहुंच सकता है। सही समय पर आंखों की जांच कराने के बाद डॉक्टर की देखरेख में इसका इलाज होने पर मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है। इलाज न मिलने पर आपकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है। ग्लूकोमा से बचाव के लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  • धूम्रपान से बचें
  • तनाव ना लें और हाई ब्लड प्रेशर से बचें
  • समय-समय पर आंखों की जांच करवाएं
  • ग्लूकोमा की जांच कराएं
  • हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल अपनाएं

ग्लूकोमा की पहचान के लिए सबसे पहले तो पूरी आई टेस्ट करवाएं। उसके बाद डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर आंखों के दबाव, ड्रेनेज सिस्टम, ऑप्टिक नर्व और कॉर्निया की मोटाई की जांच करेंगे। इसके लिए वे टोनोमेट्री, पैचिमेट्री और गोनियोस्कोपी आदि की मदद ले सकते हैं। ग्लूकोमा से होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है। लेकिन उपचार और नियमित जांच दृष्टि हानि को धीमा करने या रोकने में मदद कर सकती है। खासकर अगर आप रोग को उसके प्रारंभिक चरण में पकड़ लेते हैं।

(Image Courtesy: Freepik.com)

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