टैनिंग को दूर करने में कितना असरदार होता है सनस्क्रीन? जानें

त्वचा पर होने वाले टैनिंग से के लिए सिर्फ सनस्क्रीन ही जरूरी नहीं हैं, टैनिंग से त्वचा को नुकसान हो सकता है और इससे बचाव के लिए सनस्क्रीन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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टैनिंग को दूर करने में कितना असरदार होता है सनस्क्रीन? जानें

वैसे तो हर मौसम में ही लोग अपनी त्वचा का ध्यान रखते हैं, लेकिन गर्मियों में त्वचा के लिए एक्सट्रा केयर करते हैं। कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट एंड डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर भावुक मित्तल के अनुसार गर्मियों में सूरज की हानिकारक यूवीए और यूवीबी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं, इससे काले-धब्बे और झुर्रियां होने हैं। वहीं यूवीबी किरणें त्वचा को बर्न करती हैं। ऐसे में सनस्क्रीन का उपयोग करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि सनस्क्रीन त्वचा को कोट करता है और त्वचा को बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है। सनस्क्रीन आपकी त्वचा को यूवी किरणों से बचाता है, लेकिन यह त्वचा के रंग को नहीं बदलता है। आपकी त्वचा पर सनस्क्रीन एक फिल्टर के रूप में काम करता है।  

कितने समय में होती है टैनिंग की समस्या 

जहां तक टैनिंग की बात है, यह तब होता है जब त्वचा सूरज की किरणों के संपर्क में आती है। आपकी त्वचा में कोशिकाएं होती हैं, जो यूवी किरणों के संपर्क में आने पर मेलानोसाइट्स उत्पन्न करती हैं। जो त्वचा पर मेलेनिन का उत्पादन करते हैं, आपकी त्वचा की सतह को गहरा कर देते हैं। यह यूवी किरणों को आपकी त्वचा की कोशिकाओं तक पहुंचाने और उन्हें खराब होने से रोकता है। जैसे-जैसे यह कम होता है, आपकी त्वचा अधिक टैन्ड दिखती है। कुछ लोगों में टैनिंग की समस्या 30 मिनट में हो सकती है, जबकि अन्य को कुछ घंटे लगते हैं। 

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टैनिंग के हानिकारक प्रभाव

त्वचा की टैनिंग सिर्फ रंग पर ही असर नहीं डालती, बल्कि यह आपकी त्वचा को डैमेज भी करती है। इसके साथ ही सूरज की क्षति से डीएनए म्यूटेशन हो सकता है, जिससे त्वचा कैंसर हो सकता है।  इसके अलावा झुर्रियां, झुलसी त्वचा और धूप के धब्बे हो सकते हैं। त्वचा विशेषज्ञ सूरज की क्षति से बेहतर सुरक्षा के लिए हाई एसपीएफ वाले सनस्क्रीन का उपयोग करने की सलाह देते हैं।

  • सनटैनिंग का स्किन पर असर
  • स्किन सेल्स को डैमेज करता है।
  • स्किन पर झुर्रियां और फाइन लाइंस जल्दी दिखने लगती हैं।
  • कैंसर, मेलानोमा, कार्सिनोमा जैसी गंभीर मेडिकल कंडीशन सन टैनिंग की वजह से हो सकती हैं।
  • हर मौसम में आपकी स्किन जल्दी टैंड होती है।
  • सन टैन के कारण सोलर केराटोस, आंखों की क्षति और कमजोर इम्यून सिस्टम का भी सामना करना पड़ सकता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सनस्क्रीन अक्सर अच्छी तरह से या मोटे तौर पर पर्याप्त रूप से लगाया जाए। इसके अलावा ब्रॉड स्पेक्ट्रम प्रोटेक्शन का भी इस्तेमाल टैनिंग से बचने के लिए किया जा सकता है। स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन त्वचा को यूवीए और यूवीबी दोनों किरणों से बचा सकता है।

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