बच्‍चे को रूम में अकेला छोड़ने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, वरना खतरे में पड़ सकती है जान

बच्‍चा जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है उसकी सुरक्षा की चिंता मां-बाप को होने लगती है। चिंता और बढ़ जाती है जब आपका लाडला अकेला खेल रहा हो या घर में अकेला घूम रहा हो। जन्‍म लेने के बाद भी बच्‍चे की सुरक्षा का ध्‍यान रखना चाहिए, क्‍योंकि नवजात की त्‍वचा बहुत नाजुक होती हैं। इसके बच्‍चे की सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए आपको सेफ होम बनाना चाहिए। 
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बच्‍चे को रूम में अकेला छोड़ने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, वरना खतरे में पड़ सकती है जान

बच्‍चा जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है उसकी सुरक्षा की चिंता मां-बाप को होने लगती है। चिंता और बढ़ जाती है जब आपका लाडला अकेला खेल रहा हो या घर में अकेला घूम रहा हो। जन्‍म लेने के बाद भी बच्‍चे की सुरक्षा का ध्‍यान रखना चाहिए, क्‍योंकि नवजात की त्‍वचा बहुत नाजुक होती हैं। इसके बच्‍चे की सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए आपको सेफ होम बनाना चाहिए। यदि बच्‍चा थोड़ी देर घर में अकेला भी हो तो सेफ होम में उसकी सुरक्षा हो सकती है। इसके अलावा बच्‍चे की सुरक्षा से जुड़े कई ऐसे पहलू हैं जिनके बारे में आप नहीं जानते। आइए हम आपको बताते हैं कि अपने लाडले की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करें।

 

बच्‍चे को अकेला न छोड़ें

बच्‍चे हमेशा हरकते करते रहते हैं, इसलिए बच्‍चे को कभी भी अकेला न छोड़ें। यदि आप बाहर जा रहे हैं तो बच्‍चे को साथ ले जायें, बेबी वॉकर पर भी बच्‍चे को अकेला न छोड़ें।

बच्‍चा सो रहा हो तो

यदि आपका बच्‍चा सो रहा है तो उसके आसपास कपड़े और खिलौने न रखें। क्‍योंकि बच्‍चे अक्‍सर नींद में खिलौनों और कपड़ों को खींचकर अपने उपर डाल सकते हैं और इसके कारण उनको घुटन हो सकती है।

कार में बैठाते वक्‍त

बच्‍चे को हमेशा पीछे की सीट पर ही बैठायें, यदि आप बच्‍चे को आगे की सीट पर बैठायेंगे तो दुर्घटना के समय यह खतरनाक हो सकता है। कार में बैठाने के बाद चाइल्‍ड लॉक का प्रयोग जरूर करें, और बच्‍चे के लिए बाजार से कार की अतिरिक्‍त सीट जरूर खरीदें।

मच्‍छरों से बचायें

मच्‍छरों के काटने से कई बीमारियां होती हैं, और बच्‍चों को तो इससे अधिक खतरा होता है। मच्छरों से सुरक्षा के लिए मच्छरदानी या टिकिया का उपयोग कीजिए।

बच्‍चे के नहाने का पानी

बच्‍चे को नहलाते वक्‍त भी ध्‍यान रखें, उसे बॉथ टब में अकेला बिलकुल न छोड़ें। यदि आप बच्‍चे को पानी गरम करके नहला रहे हैं तो पानी 38 डिग्री सेंटीग्रेट गर्म होना चाहिए। बच्चे को नहलाने से पहले अपनी कलाई या कोहनी से पानी का तापमान जांच लें। बच्‍चे को ज्‍यादा देर तक बॉथ टब में न छोड़ें क्योंकि गर्म पानी में उनकी बॉडी और ज्‍यादा संवेदन हो सकत है।

बच्‍चों के खिलौने

बच्‍चो के खिलौने चुनते समय भी ध्‍यान रखें, उनके लिए साफ्ट खिलौने अधिक ले आयें। खिलौने जिनमें लम्बी रस्सी, रिबन, कार्ड आदि लगे हों उन्हें बच्चों से दूर रखें क्योंकि रस्सी आदि बच्चे की गर्दन में फंस सकती हैं जिससे उनका गला दब सकता है।

सीढि़यों पर

सीढ़ियों के ऊपर और नीचे चाइल्ड सेफ्टी गेट लगावाइये और यह भी ध्‍यान रखिये कि वो ठीक से लगे हैं या नहीं। सेफ्टी गेट की ओपनिंग बड़ी नहीं होनी चाहिए क्योंकि इसमें से बच्चा अपना सिर बाहर निकाल सकता हैं, जो कि खतरनाक है।

खानपान में परहेज

बच्‍चे को ऐसा खाना बिलकुल न खिलायें जो गले में फंस जाये। गले में कुछ फंसने से भी बच्चों की आकस्मिक मौत हो जाती है। 1 साल तक की उम्र के बच्चों में ऐसी मौत ज्‍यादा देखी जाती है। इसलिए पॉपकॉर्न, अंगूर, नट्स, हार्ड मिठाइयां, कच्ची सब्जियां आदि के छोटे पीस देने से परहेज करें।

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इलेक्ट्रिक सामान

इलेक्ट्रिकल वायर्स व कॉर्ड आदि बच्चों से दूर रखें वरना बच्चे इसे खींचकर चबा सकते हैं। इलेक्ट्रिक के प्‍लग बच्‍चों की पहुंच से दूर होने चाहिए, यदि उनके पास भी कोई प्‍लग लगा है तो शॉर्ट पिन वाले प्‍लग का प्रयोग कीजिए।

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अन्‍य सामान

छोटी-छोटी चीजों से भी बच्‍चों की सुरक्षा को नुकसान हो सकता है। यह सुनिश्चित कर लें कि फ्लोर, टेबल, कैबिनेट आदि में कोई छोटी चीज जैसे- सिक्के, रिंग्स, नेल्स, ड्रॉइंग पिन आदि न रखी हो, क्‍योकि बच्‍चे इसे मुंह में डाल सकते हैं। स्टोव, रेडिएटर, स्पेस हीटर और हॉट वाटर टैप्स आदि हमेशा गर्म न रखें, बच्चे इसे छूकर जल सकते हैं। 

बच्‍चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए मां-बाप दोनों को ध्‍यान देना होगा। क्‍योंकि बच्‍चे अनजान होते हैं और उनको सही गलत के बारे में पता नहीं होता। इसलिए बच्‍चों की सुरक्षा की जिम्‍मेदारी पर विशेष ध्‍यान दीजिए।

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