महिलाओं की समझी जाने वाली इन 5 बीमारियों का शिकार हो सकते हैं पुरुष भी, जानें लक्षण और कारण

कुछ ऐसी बीमारियां हैं, जो न सिर्फ महिलाओं को प्रभावित करती हैं। बल्कि इनने पुरुषों भी प्रभावित हो सकते हैं। जानते हैं उन बीमारियों के बारे में-  
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महिलाओं की समझी जाने वाली इन 5 बीमारियों का शिकार हो सकते हैं पुरुष भी, जानें लक्षण और कारण

महिलाओं और पुरुषों की शारीरिक संरचना, जीन, हार्मोंस का स्तर काफी अलग-अलग होता है। ऐसे में कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जो पुरुष और महिलाओं को अलग-अलग रूप से प्रभावित करती हैं। कई ऐसी बीमारियां होती हैं, जो पुरुषों को अधिक प्रभावित करती हैं। वहीं, कुछ ऐसी बीमारियां हैं, जिनसे महिलाएं अधिक प्रभावित होती हैं। ऐसे में कुछ ऐसी बीमारियां भी हैं, जिन्हें हम सिर्फ महिलाओं वाली बीमारी समझ लेते हैं। लेकिन असल में वह समय पुरुषों को भी प्रभावित कर सकता है। आज हम इस लेख में आपको ऐसी बीमारियों के बारे में बताएंगे, जिसे महिलाओं का समझा जाता है, लेकिन वह पुरुषों को भी प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं उन बीमारियों के बारे में- 

1. ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer)

ब्रेस्ट कैंसर का नाम सुनते  ही हमारे दिमाग से सबसे पहले महिलाओं की इमेज सामने आती है। लेकिन ऐसा नहीं है,  ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं को प्रभावित नहीं करता है, बल्कि इससे पुरुष भी प्रभावित होते हैं। हालांकि, पुरुषों की तुलना में महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर का अधिक ग्रसित होती हैं। क्योंकि उनसे स्तन में टिश्यूज अधिक होते हैं। रिसर्च के मुताबिक, पुरुषों में स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इसका प्रमुख कारण पुरुष ब्रेस्ट कैंसर के संकेतों पर ध्यान नहीं देते हैं। इसलिए पुरुषों कैंसर के शरीर में कैंसर कोशिकाएं विकसित होती हैं और उन्हें इस बात का अंदाजा लास्ट स्टेज पर जाकर होता है। जिसका इलाज करना काफी मुश्किल हो जाता है।

अगर आपकी उम्र 50 साल से अधिक है और मोटापे से ग्रसित हैं, तो आपको ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो सकता है। इसलिए कभी भी ब्रेस्ट के आसपास गांठ या फिर सूजन दिखे, तो इस परेशानी को नजरअंदाज न करेँ। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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2. थायराइड (Thyroid problems)

थायराइड की समस्या महिलाओं में काफी आम है। हमारे शरीर में थायराइड एक छोटी सी ग्रंथि है, जो हमारे गर्दन के बीच में स्थित होती है। मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने के लिए इस ग्रैंड से हार्मोंस का स्त्राव होता है। अगर यह ग्रंथि अधिक हार्मोंस का स्त्राव करने लगे, तो व्यक्ति हारइपरथायराइडिज्म से ग्रसित हो सकता है। वहीं, अगर कम हार्मोंस का स्त्राव करे, तो व्यक्ति हाइपोथायराइडिम्स से ग्रसित हो सकता है।

हारइपरथायराइडिज्म से ग्रसित व्यक्ति को चक्कर आना,  वजन कन होना, भूल जाना, स्किन ड्राई होना और बालों का झड़ना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। वहीं, हारइपोथायराइडिज्म से ग्रसित व्यक्ति में वजन बढ़ना, इरिटेड होना, मसल्स कमजोर होना और नींद न आने जैसे लक्षण दिख सकते हैं। हमारे बीच कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें यह लगता है कि थायराइड की समस्या सिर्फ महिलाओं को होती है। लेकिन ऐसा नहीं है, यह समस्या पुरुषों को भी हो सकती है। हालांकि, महिलाओं को थायराइड अधिक प्रभावित करता है। 

3. इटिंग डिसऑर्डर (Eating disorders)

इटिंग डिसऑर्डर पुरुषों को भी प्रभावित करता है। पुरुषों में यह डिसऑर्डर तब होता है, जब वह मोटे और अच्छे दिखने का दबाव महसूस करते हैं। यानि जब उन्हें लगता है कि वह काफी पतले हो गए हैं, जिसकी वजह से उनकी पर्सैनिलिटी खराब हो रही है, तब वह मोटे होने के लिए अधिक खाने लग जाते हैं। जिसका विपरीत असर उनके शरीर पर पड़ने लगता है। हालांकि, यह परेशानी महिलाओं को अधिक होती है। लेकिन अगर पुरुषों को इटिंग डिसऑर्डर हो जाए, तो इसे कम करने की संभावना काफी कम हो जाती है और उनमें जटिलताएं भी बढ़ सकती हैं। जैसे- हृदय की समस्याएं, हड्डियों का नुकसान होना, ऑर्गन फैलियर (organ failure) इत्यादि। एथलीट, समलैंगिक और ट्रांसजेंडर को इटिंग डिसऑर्डन होने का खतरा अधिक है। 

4. ब्लैडर इंफेक्शन (Bladder infections)

ब्लैडर इंफेक्शन महिलाओं में होने वाली आम समस्याओं में से एक है। लेकिन यह समस्या पुरुषों को भी हो सकती है। खासतौर पर बढ़े हुए प्रोस्टेड, किडनी स्टोन और मूत्रमार्ग में संकुचन से ग्रसित पुरुषों को ब्लैडर इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है। ब्लैडर इंफेक्शन से बचने के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती है। पुरुषों को ब्लैडर इंफेक्शन होने पर बार-बार पेशान आना, पेशाब में खून आना, पेशाब करने की इच्छा तीव्र होना, पेशान करने के दौरान जलन और हल्के-फुल्के बुखार आना जैसे लक्षण दिख सकते हैं।  

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5. ल्यूपस (Lupus)

ल्यूपस से पीड़ित मरीजों में करीब 90 फीसदी महिलाएं होती हैं। इस बात को इनकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन यह सिर्फ महिलाओं को होता है, यह मान लेना बिल्कुल गलत है। ल्यूपस एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जो पुरुषों को भी प्रभावित कर सकता है। ल्यूपस से ग्रसित व्यक्ति को जोड़ों में दर्द, सूजन, मांसपेशियों में कमजोरी, अत्यधिक थकान, बाल झड़ना, पैरों में सूजन, आंखें फड़कना, मुंह में छाले, ग्रंथियों में सूजन जैसे लक्षण दिख सकते हैं। इस समस्या का इलाज महिलाओं और पुरुषों एक जैसा होता है। अगर आपको ल्यूपस के लक्षण दिख रहे हैं, तो अपना टेस्ट जरूर कराएं। इस समस्या को नजरअंदाज न करें।  

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