Sprains Strains Fractures And Ligament Tears: शरीर के किसी भी हिस्से में चोट लगने पर दर्द और सूजन की समस्या होती है। हाथ, पैर की हड्डियों में चोट लगने पर दर्द और सूजन के अलावा कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हड्डियों में लगने वाली चोट कई तरह की होती है। अक्सर लोग हड्डियों में लगने वाली चोट को फ्रैक्चर समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। फ्रैक्चर के अलावा चोट लगने पर मोच (Sprains), खिंचाव (Strain) और लिगामेंट इंजरी (Ligament Tear) की समस्या होती है। इन सभी समस्याओं में एक जैसा इलाज नहीं होता है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं, स्प्रेन, स्ट्रेन, फ्रैक्चर और लिगामेंट इंजरी होने पर किन लक्षणों से इसे पहचान सकते हैं।
मोच, खिंचाव, फ्रैक्चर और लिगामेंट इंजरी में अंतर- Difference Between Sprains, Strains, Fractures And Ligament Tears
बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. आर के यादव ने बताया मोच, खिंचाव, फ्रैक्चर और लिगामेंट इंजरी में अंतर इस तरह से हैं-
टॉप स्टोरीज़
मोच (Sprains)
मोच तब होती है जब लिगामेंट, जो कि हड्डियों को जोड़ने वाले फाइबर होते हैं, खिंच जाते हैं या फट जाते हैं। यह आमतौर पर अचानक मरोड़ने, गिरने या अत्यधिक दबाव के कारण होता है।
मोच के लक्षण
- सूजन
- दर्द
- हिलाने-डुलाने में कठिनाई
- प्रभावित क्षेत्र में नीला या काला निशान
मोच के कारण
- अचानक मुड़ना या गिरना
- अनियमित सतहों पर चलना या दौड़ना
- खेल खेलते समय अत्यधिक बल का प्रयोग
मोच का इलाज
- आराम
- बर्फ लगाना
- कम्प्रेशन
- ऊंचाई पर रखना

खिंचाव (Starins)
खिंचाव तब होता है जब मांसपेशियों या टेंडन (जो मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ते हैं) पर खिंचाव पड़ता है या फट जाता है।
खिंचाव के लक्षण
- मांसपेशियों में दर्द
- सूजन
- कमजोरी
- प्रभावित क्षेत्र में ऐंठन
खिंचाव का कारण
- भारी वस्तु उठाना
- अत्यधिक शारीरिक गतिविधि
- मांसपेशियों का गलत तरीके से उपयोग
खिंचाव का इलाज
- आराम
- बर्फ लगाना
- कम्प्रेशन
- दवाओं का इस्तेमाल
फ्रैक्चर (Fractures)
फ्रैक्चर हड्डी का टूटना या दरार होना है। यह तेज दबाव या बल, चोट या अन्य कारणों से हो सकता है, जो हड्डी की संरचना को नुकसान पहुंचाता है।
फ्रैक्चर के लक्षण
- तीव्र दर्द
- सूजन
- असामान्य हिलावट
- टूटे हुए हिस्से का आकार बदलना
फ्रैक्चर के कारण
- भारी गिरना या टक्कर
- खेल में चोट
- अस्थियों की कमजोरी (ऑस्टियोपोरोसिस)
फ्रैक्चर का इलाज
- इमरजेंसी हेल्प
- इमेजिंग (X-ray, MRI)
- फ्रैक्चर की स्थिति के आधार पर प्लास्टर, सर्जरी
लिगामेंट इंजरी (Ligament Tears)
लिगामेंट इंजरी तब होती है जब लिगामेंट पूरी तरह से फट जाता है। यह गंभीर चोटों में गिना जाता है और अक्सर खेल के समय या एक्सीडेंट में होता है।
लिगामेंट इंजरी के लक्षण
- तेज दर्द
- सूजन
- जोड़ की अस्थिरता
- हिलाने-डुलाने में कठिनाई
लिगामेंट इंजरी के कारण
- अचानक झटका या मरोड़
- अत्यधिक बल का प्रयोग
- खेल या दुर्घटनाओं में सीधे चोट लगना
लिगामेंट इंजरी का इलाज
- प्रारंभिक आराम, बर्फ लगाना, कम्प्रेशन, और ऊंचाई पर रखना
- गंभीर मामलों में सर्जरी
- फिजिकल थेरेपी और रिहैबिलिटेशन
मोच और खिंचाव में अंतर- Difference Between Sprains And Strains in Hindi
मोच लिगामेंट को प्रभावित करता है, जबकि खिंचाव मांसपेशियों या टेंडन को प्रभावित करता है। दोनों में दर्द और सूजन हो सकती है, लेकिन मोच के मामले में जोड़ में अस्थिरता अधिक होती है, जबकि खिंचाव के मामले में मांसपेशियों में कमजोरी और ऐंठन होती है।
फ्रैक्चर और लिगामेंट इंजरी में अंतर- Difference Between Fractures And Ligament Tears in Hindi
फ्रैक्चर हड्डी के टूटने या दरार होने की वजह से होता है, जबकि लिगामेंट इंजरी की समस्या लिगामेंट के फटने की वजह से होती है। ये दोनों ही गंभीर स्थितियां हैं। इनमें इमरजेंसी सहायता की आवश्यकता होती है और सही समय पर उचित इलाज न मिलने से मरीज की परेशानियां बढ़ जाती हैं।
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