मीसल्स मोर्बिली वायरस की वजह से होने वाली संक्रामक बीमारी को खसरा कहते है। आज के समय में आपको इस बीमारी का टीका हर एक सरकारी अस्पताल में मिल जाएगा। यह टीका काफी प्राभावी और सुरक्षित माना जाता है। लेकिन विश्वभर में अभी भी खसरा की वजह से लाखों लोगों की मौत हो रही है। इससे बच्चे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। खसरा की वजह से स्किन पर लाल दाने, खांसी, नाक बहना और तेज बुखार इत्यादि जैसे लक्षण दिखते हैं। इसके अलावा भूख में कमी, ठंड लगना, पेट में जलन जैसे कई अन्य लक्षण भी नजर आते हैं। इस बीमारी के कारण मरीज खाना पीना कम कर देता है। ऐसे में मरीजों को खानपान का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है। इस लेख के जरिए आज हम आपको खसरा रोगियों के डाइट प्लान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे खसरा रोगी तेजी से रिकवर हो सकें। आइए डायट मंत्रा क्लीनिक की डायटीशियन कामिनी कुमारी से जानते हैं खसरा रोगियों की खास डाइट प्लान क्या है?
क्या कहती हैं एक्सपर्ट ?
डायटीशियन कामिनी कुमारी का कहना है कि खसरा हमेशा गर्मियों के सीजन में ज्यादा होती है। यह समस्या अधिकतर अप्रैल से जून माह में ज्यादा होती है। यह एक तरह से फंगल इंफेक्शन है। पहले के समय में लोग इसे छोटी माता समझ लेते थे। लेकिन हमें इन बातों से हटकर हाइजीन का विशेष ख्याल रखना चाहिए। यह बैक्टीरियल और फंगल का कॉम्बिनेशन है। गर्मियों में शरीर से पसीना काफी ज्यादा निकलता है। यह पसीना अच्छे से ना सूख पाने की वजह से बैक्टीरिया शरीर में फैलने लगता है। इस वजह से भी खसरा होने की संभावना बढ़ जाती है। खसरा से बचाव के लिए सबसे जरूरी यह है कि हमें हाइजीन को मैंटेन करके रखना है। साथ ही बॉर्डी को डिहाइड्रेट करने रखना चाहिए। इसके लिए दही, लस्सी, खीरा, तरबूज, खरबूज, नींबू पानी, मेहंदी का पानी (यह पेट को ठंडा रखता है), सौंप का पानी मरीजों को पिलाएं। इससे हमारा पेट रिलैक्ट रहता है और बॉडी हाइड्रेट रहता है, जिससे शरीर में मौजूद बैक्टीरिया शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि बहुत से लोगों का यह मानना होता है कि खसरा होने पर हल्दी नहीं देनी चाहिए। लेकिन यह बिल्कुल मिथ है। हल्दी हमारे शरीर से वायरस-बैक्टीरिया को खत्म करता है। हालांकि, हल्दी का सेवन कम मात्रा में करें। अपने खाने की प्लेट को हमेशा कलरफुल रखें, ताकि खाने की इच्छा बढ़ सके। इसके अलावा कई तरह के डाइट हैं।
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खसरा रोगियों का कैसा होना चाहिए डाइट?
डायटीशियन का कहना है कि खसरा रोगियों को भूख कम लगती है। इसलिए इस दौरान उन्हें ऐसे आहार का सेवन कराना चाहिए, जिससे उन्हें भूख लगे। इस बीमारी की वजह से कई लोग भोजन न के बराबर करते हैं। भूख कम लगने की वजह से और खाना ना खाने के कारण मरीज के शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। इस बीमारी के कारण मरीजों को भूख का अनुभव कम होता है। भूख ना लगने के कारण उनके शरीर में उर्जा की कमी होने लगती है। ऐसे में शरीर को ऐसे आहार की जरूरत होती है, जो उन्हें इंस्टेंट एनर्जी दे सके। डायटीशियन बताती हैं कि शरीर में उर्जा का स्तर बनाए रखने के लिए मरीज को ग्लूकोज युक्त आहार दें। इसमें आप मौसमी, संतरा, पाइनएप्पल जैसे जूस उन्हें दे सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि ये सभी चीजें आपको खाली पेट नहीं देनी है। मौसमी और संतरा का जूस देने से पहले उन्हें कुछ अवश्य खिलाएं। इसके अलावा दाल का पानी, सब्जियों से तैयार सूप भी आप उन्हें दें। ये ऐसे आहार हैं, जिससे भूख बढ़ती है।
मरीजों की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार आने पर उन्हें साबुत और ठोस आहार देने की कोशिश करें। मरीजों को खसरा होने पर ऐसा आहार दें, जो आसानी से पच सके। इस दौरान आप उन्हें आप दलिया, उबले आलू, चावल का पानी, सूजी का हलवा, साबुदाने की खिचड़ी (इससे मरीज का पेट ठंडा रहेगा) इत्यादि आहार दे सकते हैं। साथ ही उन्हें पीने के लिए गर्मपानी दें। गर्म पानी पीने से शरीर डिटॉक्स होता है। इससे आपके शरीर में मौजूद गंदगी साफ होती है। कोशिश करें कि मरीज को सुबह-शाम गुनगुना पानी दें।
रिकवरी करने के लिए दे ये आहार
कामिनी कुमारी बताती हैं कि खसरा के कारण मरीजों को तेज बुखार होता है। तेज बुखार के कारण ना सिर्फ आपके शरीर का उर्जा स्तर कम होता है, बल्कि इससे आपको कई अन्य परेशानियां भी होती है। इसमें मुंह का स्वाद खराब होना सबसे प्रमुख होता है। हल्का सा बुखार होने पर सबसे पहले मुंह का स्वाद खराब होता है। ऐसे में कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती है। इस स्थिति में मरीजों को रिकवर करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए इस दौरान कोशिश करें कि उन्हें ऐसा आहार दें, जिससे उनका मुंह का स्वाद अच्छा हो। साथ ही उन्हें उर्जा मिले। रिकवरी के दौरान मरीजों को स्वाद बढ़ाने के लिए काढ़ा पिलाएं। इसके लिए उन्हें तुलसी, धनिया, काली मिर्च, नींबू, अदरक जैसी चीजों से तैयार काढ़ा दें। खाने में इन मसालों को शामिल करें। इससे उनके मुंह का स्वाद बढ़ेगा। साथ ही उन्हें मिक्स वेज, दलिया, साबुदाने की खिचड़ी, सैंडविच, चावल, खीर जैसे अहार खाने के लिए दें। ताकि मुंह के स्वाद के साथ-साथ शरीर को उर्जा भी मिल सके।
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खसरा रोगियों के लिए ये विटामिंस है जरूरी
विटामिन ए है जरूरी
खसरा के कारण मरीज के शरीर में विटामिन ए का स्तर कम होता है। ऐसे में डॉक्टर मरीज को विटामिन ए सप्लीमेंट्स देते हैं। ताकि खसरे की जटिलता को कम किया जा सके। खसरा होने पर शरीर में विटामिन ए की कमी होने पर बीमारी गंभीर होने की संभावना बढ़ सकती है। शरीर में विटामिन ए की कमी के कारण मरीज अंधापन के शिकार हो सकते हैं। इसलिए कोशिश करें कि मरीजों को सप्लीमेंट के साथ-साथ विटामिन ए युक्त आहार दें। दूध, अंडा, मछली, गाजर पालक, कंद्दू, शकरकंद, शिमला मिर्च, लाल मिर्च इत्यादि विटामिन ए के प्रमुख स्त्रोत माने जाते हैं।
विटामिन C भी है जरूरी
खसरा के मरीजों को विटामिन सी युक्त आहार दें। विटामिन सी युक्त आहार एंटी-वायरल एजेंट्स के गुणों से भरपूर होता है। विटामिन सी मजबूत एंटीऑक्सीडेंट है, जो स्किन की परेशानियों को दूर करता है। यह आपके स्किन पर किसी तरह के दाग को मिटाने में असरकारी है। हर दिन 2 से 3 खट्टे फल दें।
खसरा मरीज क्या ना खाएं?
- डायटीशियन बताती हैं कि खसरा के मरीजों को अधिक तला-भुना ना खिलाएं।
- उन्हें सैचुरेटेड फैट, सोडियम, प्रेजरवेटिव इत्यादि आहार ना दें। ऐसे आहार से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।
- ट्रांस वसा
- रोटी ना खिलाएं।
- अधिक मसालेदार खाने से दूर रखें।
- पैकेटबंद आहार ना दें।
- कोला-कोक जैसी कोल्डड्रिंक्स ना दें।
- धूम्रपान से दूर रखें।
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