स्मूदी गाढ़ा ड्रिंक है, जिसे लोग गर्मियों में बहुत शौक से पीते हैं। यह फलों या सब्ज़ियों से बनता है। इसमें पानी, बर्फ या आइसक्रीम मिक्स की जाती है। कई लोग, इसमें स्वीटनर्स- हनी, शुगर, सिरप या फिर डेयरी प्रोडक्ट्स- मिल्क, योगर्ट, नट्स, चॉकलेट और न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स डालकर पीना पसंद करते हैं।
ग्रीन स्मूदी में 40 से 50 प्रतिशत हरि सब्ज़ियां होती हैं, जैसे- पालक, ब्रोकोली आदि, और बाकी प्रतिशत फ्रूट्स होते हैं। चूंकि, सब्ज़ियां डालने से इसका टेस्ट थोड़ा कड़वा हो सकता है, इसलिए लोग इसमें केला भी डालते हैं। इससे रंग और टेस्ट, दोनों बदल जाते हैं। साल 2000 से ग्रीन स्मूदी काफी पॉपुलर हो रहा है।
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हेल्थ इश्यू:
आजकल के लाइफस्टाइल के चलते, लोगों को कई बीमारियां हो रही हैं और ये ज़्यादातर चीनी से जुड़ी हैं। डॉक्टर्स आजकल हाई शुगर कंटेंट को स्मोकिंग की तरह मानते हैं, क्योंकि चीनी कई बीमारियों का कारण बन रही है। डाइट एक्सपर्ट्स की मानें तो स्मूदी में आजकल कई स्वीटनर्स का इस्तेमाल हो रहा है, जो इसे टेस्टी तो बनाते हैं, लेकिन ये हेल्थ के लिए ठीक नहीं हैं। ये फ्यूचर में कई बीमारियों का कारण बना सकता है। एक्सपर्ट्स स्मूदी में ये 6 चीज़ें डालने से मना करते हैं, ताकि इसकी न्यूट्रिशनल वेल्यू कम न हो और आप रहें हेल्दी, एक्टिव एंड फिट।
1- फ्रोज़न योगर्ट
स्मूदी में आइसक्रीम न डालें। डाइट एक्सपर्ट्स का तो यह भी मानना है कि इसमें फ्रोज़न योगर्ट भी न डालें। हालांकि, फ्रोज़न योगर्ट में आइसक्रीम से कम कैलोरीज़ होती हैं। लेकिन चीनी की मात्रा दोनों में बहुत ज़्यादा होती है, और ये हेल्दी नहीं है। स्मूदी की रेसिपी ऐसी होनी चाहिए कि उसमें शुगर काफी कम हो।
2- स्वीटनर
कई लोग शुगर की जगह आर्टिफिशल स्वीटनर का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें लगता है कि इससे उन्हें नुकसान नहीं होगा। अगर आप व्हाइट शुगर की जगह ब्राउन शुगर यूज़ करते हैं, तब भी चीनी की मात्रा कम नहीं होती। हां, ब्राउन शुगर में कम केमिकल्स ज़रूर होते हैं, लेकिन इसमें भी बहुत ज़्यादा मिठास होती है, ठीक सफेद चीनी की तरह। डाइट एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर आप स्मूदी में फ्रूट्स डाल रहे हैं, तो किसी भी तरह की चीनी की ज़रूरत नहीं।
3- फ्लेवर्ड योगर्ट
न्यूट्रिशनिस्ट कहते हैं कि स्मूदी में फ्लेवर्ड योगर्ट की जगह प्लेन योगर्ट डालें। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, पुरुषों को एक दिन में 37.5 ग्राम से ज़्यादा चीनी नहीं खानी चाहिए। वहीं, महिलाओं को प्रतिदिन 25 ग्राम से ज़्यादा चीनी नहीं खानी चाहिए। दरअसल, फ्लेवर्ड योगर्ट में बहुत ज़्यादा चीनी होती है, इसके एक कंटेनर में 26 ग्राम चीनी होती है, जो महिलाओं के लिए तो बिल्कुल भी ठीक नहीं है। इसलिए लो-फैट और प्लेन योगर्ट का ही इस्तेमाल करें।
4- जूस
स्मूदी में जूस डालने से न तो स्मूदी का फ्लेवर बदलता है और न ही न्यूट्रिएंट्स। दरअसल, पैकेज्ड जूस में शुगर कंटेंट पहले से ज़्यादा हो जाता है और कैलोरीज़ भी बढ़ जाती हैं। अगर जूस मिक्स करना ही है, तो रियल फ्रूट जूस जो फाइबर से युक्त हों, उनका इस्तेमाल करें, जैसे- सेब, बेरीज़, नाशपाती। एडिशनल फाइबर के लिए हरि सब्ज़ियों का प्रयोग कर सकते हैं।
5- प्रोटीन पाउडर
प्रोटीन पाउडर की जगह, न्यूट्रिशनिस्ट योगर्ट, चीज़, टोफू और नट बटर डालने की सलाह देते हैं, क्योंकि इसमें नेचुरल प्रोटीन होता है। लेकिन अगर आप ऐसा प्रोटीन पाउडर इस्तेमाल करते हैं, जिसमें एक्सट्रा शुगर न हो और हाई प्रोटीन न हो, तो आप उसे यूज़ कर सकते हैं। स्मूदी में 20 से 30 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होनी चाहिए। हालांकि, मार्केट में जो प्रोटीन पाउडर मिलता है, उसमें 40 से 50 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है।
6- ड्राइड फ्रूट
ड्राइड फ्रूट से आपको उतनी संतुष्टी नहीं मिलती, जितनी नॉर्मल फ्रूट खाकर मिलती है। और-तो-और, ड्राइड फ्रूट में पानी भी नहीं होता। इनमें शुगर की मात्रा भी बहुत ज़्यादा होती है। इसलिए, डाइट एक्सपर्ट्स ड्राइड की जगह फ्रेश फ्रूट्स डालने की सलाह देते हैं, ताकि आपका डेली शुगर इन्टेक भी न बढ़े।
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