
पिछले कुछ सालों से थायराइड के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हार्मोनस में गड़बड़ी के कारण थायराइड की समस्या बढ़ने लगती है, जिसमें वजन बढ़ना सबसे आम है। थायराइड कंट्रोल करने के लिए पोषत तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करना जरूरी होता है। लेकिन काम के प्रेशर या अन्य कारणों से लोग अपने स्वास्थ्य की ओर खास ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिस कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने से रोकने के लिए सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं। डाइट सप्लीमेंट्स उन्हें थायराइड से जुड़े लक्षणों को कम करने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। न्यूट्रिशनिस्ट अंजलि मुखर्जी ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके हाइपोथायरायडिज्म वाले व्यक्तियों के लिए कुछ डाइटरी सप्लीमेंट्स के बारे में बताया है।
थायराइड कंट्रोल करने के लिए सप्लीमेंट्स - Supplements To Control Thyroid in Hindi
1. सेलेनियम
सेलेनियम थायराइड हार्मोन को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाता है। यह सूजन को कम करने और थायराइड असंतुलन में सुधार करने में मदद कर सकता है, जो ब्राजील नट्स, सी फूड्स, अंडे और सूरजमुखी के बीज में पाया जाता है।
2. विटामिन डी
विटामिन डी की कमी हाइपोथायरायडिज्म में आम समस्या है और ऑटोइम्यून थायराइड डिसऑर्डर से जुड़ा है। विटामिन डी सप्लीमेंट्स थायराइड फंक्शन को बेहतर बनाने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
3. ओमेगा-3 फैटी एसिड
ओमेगा 3 फैटी एसिड अपने सूजन-रोधी गुणों के लिए जाना जाता है, जो मछली के तेल या सैल्मन, मैकेरल और सार्डिन जैसी वसायुक्त मछली में पाया जाता है।
4. प्रोबायोटिक्स
गट हेल्थ को बेहतर रखने में प्रोबायोटिक्स अहम भूमिका निभाता है, जो थायराइड को भी प्रभावित करता है। प्रोबायोटिक्स आंत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जो हाइपोथायरायडिज्म वाले व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है।
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5. अश्वगंधा
अश्वगंधा एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है, जो एड्रेनालाईन फंक्शन को बेहतर रखने और तनाव कम करने में फायदेमंद है। इसके सेवन से थायराइड फंक्शन में सुधार होता है और हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
6. आयरन
थायराइड हार्मोन के उत्पादन के लिए आयरन एक महत्वपूर्ण सप्लीमेंट है। जिसकी कमी पूरी करने के लिए आप आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।
7. आयोडीन
आयोडीन थायराइड हार्मोन का एक प्रमुख घटक है, थायरायड ग्रंथि आयोडीन का उपयोग थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) का उत्पादन करने के लिए करती है। ऐसे में आप आयोडीन युक्त नमक को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
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न्यूट्रिशनिस्ट अंजलि मुखर्जी के अनुसार डाइटरी सप्लीमेंट्स हाइपोथायरायडिज्म को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन इन्हें लेने से पहले अपने हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
Image Credit- Freepik
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