Diet Tips For Uterus Infection In Hindi: महिलाओं को अक्सर प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें पीसीओएस, पीरियड्स का समय पर न आना, पेट में ऐंठन और बच्चेदानी में इंफेक्शन आदि को शामिल किया जा सकता है। आजकल महिलाओं में बच्चेदानी में इंफेक्शन (Bachedani me Infection) की समस्या के अधिक मामले देखने को मिलते हैं। यदि समय पर इस समस्या का इलाज न किया जाए तो यह अन्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इस इंफेक्शन के कारण गर्भाशय पर कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं, जो गर्भाधारण करने की क्षमता को कम कर सकते हैं। यही कारण है कि बच्चेदानी में होने वाले इंफेक्शन को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस तरह के इंफेक्शन में महिलाओं को बुखार, बच्चेदानी में दर्द, सफेद पानी की समस्या आदि लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इस समस्या में अधिकतर महिलाओं के मन में सवाल उठता है कि बच्चेदानी में इंफेक्शन होने पर किन चीजों का सेवन करना चाहिए। इस लेख में एसेंट्रिक डाइट क्लीनिक की डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि बच्चेदानी में इंफेक्शन होने पर डाइट में किन चीजों को शामिल (Foods for Uterus Infection) करना चाहिए।
बच्चेदानी में इंफेक्शन होने पर क्या खाना चाहिए? - Diet Tips For Infection In Uterus In Hindi
बच्चेदानी में इंफेक्शन (Uterine Infection) महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या हो सकती है। यह इंफेक्शन गर्भाशय की आंतरिक परतों में हो सकता है, जो दर्द और सूजन की वजह बन सकता है। आगे जानते हैं कि महिलाओं को बच्चेदानी में इंफेक्शन होने पर किन चीजो को डाइट में शामिल (diet for urine infection) करना चाहिए।
बच्चेदानी का इंफेक्शन होने पर हल्दी को डाइट में करें शामिल
शरीर में इंफेक्शन होने पर सबसे पहले हल्दी का उपयोग किया जा सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो बच्चेदानी में इंफेक्शन के साथ ही अन्य समस्याओं को भी दूर करने में मदद करते हैं। इससे बच्चेदानी में होने वाली सूजन में आराम मिलता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियों में फाइबर, आयरन और प्रोटीन पाया जाता है। यह पोषक तत्व आपके बच्चेदानी के इंफेक्शन को दूर करने में मदद करते हैं। इसी तरह पालक में फोलेट, विटामिन सी और आयरन अधिक मात्रा में होता है, इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और महिलाओं के गर्भाशय की कोशिकाओं को दोबारा से बनने मदद मिलती है। ऐसे में बच्चेदानी का इंफेक्शन तेजी से कम होता है।
लहसुन
लहसुन एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक होता है। इसमें मौजूद एलिसिन नामक तत्व बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करता है। बच्चेदानी के इंफेक्शन होने पर आप डाइट में लहसुन को शामिल कर सकते हैं। इससे बैक्टीरियल संक्रमण की संभावना कम हो जाती है।
दही
दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो अच्छे बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाने में मदद करते हैं। यह पाचन तंत्र और प्रजनन प्रणाली में बैक्टीरियल संतुलन बनाए रखता है, जिससे बच्चेदानी में इंफेक्शन का खतरा कम होता है।
सीड्स और ड्राई फ्रूट
बादाम, अखरोट. अलसी और चिया सीड्स में विटामिन सी के अधिक मात्रा में होता है। इसके अलावा, इनमें ओमेगा - 3 फैटी एसिड और हेल्दी कोलेस्ट्रॉल भी पाया जाता है। ये महत्वपूर्ण पोषक तत्व गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं जैसे फाइब्रॉएड, इंफेक्शन और यूट्राइन कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
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इसके अलावा, महिलाएं बच्चेदानी के इंफेक्शन में ग्रीन टी, अदरक आदि को डाइट में शामिल कर सकते हैं। इस तरह के इंफेक्शन के लक्षण दिखाई देने पर आप तुरंत स्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। साथ ही, पेल्विक एरिया से जुड़ी एक्सराइज को लाइफस्टाइल का हिस्सा बना सकते हैं।