
बवासीर के मरीज को बहुत तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इसका दर्द असहनीय होता है। बवासीर में मलत्याग करते समय खून निकलने और तेज दर्द की समस्या तो होती ही है, साथ ही बैठने और लेटने में भी परेशानी होने लगती है। बवासीर की समस्या में गलत खानपान की आपकी त
बवासीर के मरीज को बहुत तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इसका दर्द असहनीय होता है। बवासीर में मलत्याग करते समय खून निकलने और तेज दर्द की समस्या तो होती ही है, साथ ही बैठने और लेटने में भी परेशानी होने लगती है। बवासीर की समस्या में गलत खानपान की आपकी तकलीफ और रोग को बढ़ा सकता है। बवासीर के इलाज के लिए दवाओं के साथ-साथ परहेज भी बहुत जरूरी है। अगर आपको बवासीर है तो आपको पता होना चाहिए कि आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। आइए आपको बताते हैं बवासीर डाइट प्लान, यानी बवासीर में क्या खाएं और क्या न खाएं।
बवासीर में क्या खाने से कम होगी तकलीफ
कैसा होना चाहिए बवासीर में डाइट प्लान
अगर आपको बवासीर है, तो आपका डाइट प्लान बहुत संतुलित होना चाहिए। सुबह उठते ही आधा लीटर गुनगुना पानी पिएं। इसके बाद नाश्ते में पोहा, दलिया, ओट्स, फल, कच्चे सलाद और सब्जियां खाएं। मैदे से बनी चीजें बिल्कुल न खाएं। दोपहर के खाने में रोटी और सब्जी के साथ छिलके वाली दाल खाएं। खाने में दही और छाछ जरूर शामिल करें। रात का खाना हल्का खाएं मगर इसमें फाइबर की मात्रा भरपूर हो।
छाछ पिएं
बवासीर में छाछ (मट्ठा) पीना आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा। छाछ से न सिर्फ आपका पेट ठीक रहता है, बल्कि बवासीर में आपको जलन और दर्द से भी आराम मिलता है। करीब 2 लीटर छाछ में 25 ग्राम भुना हुआ जीरा पीस कर डालें और स्वादानुसार काला नमक मिला लें। इसे थोड़ा-थोड़ा करके दिनभर में पिएं। चार दिन तक ऐसा करने से मस्से ठीक हो जायेगें। छाछ के अलावा खाने के साथ दही का सेवन भी आपके लिए फायदेमंद होगा।
फल और सब्जियां खाएं
बवासीर में आप जितना ज्यादा रेशेदार (फाइबरयुक्त) चीजें खाएंगे, आपको उतना आराम मिलेगा और आपका पेट भी साफ होगा। अच्छे पाचन के लिए फाइबर का सेवन फायदेमंद होता है। अपने आहार में ताजे फल और रंगीन सब्जियों को शामिल करें। हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करें। फलों और सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ-साथ फाइबर भी भरपूर होता है।
ईसबगोल
ईसबगोल की भूसी खान-पान के कारण होने वाली पेट की गड़बड़ियों को जल्दी ठीक करती है। इसके साथ ही ये फाइबर का भी बहुत अच्छा स्रोत है। ईसबगोल की भूसी का प्रयोग करने से आपका मल मुलायम होता है, जिससे मलत्याग के समय आपको दर्द कम होता है और पेट अच्छी तरह साफ होता है। मस्सों के दर्द से ईसबगोल के सेवन से फायदा मिलता है। रात को सोने से पहले एक या दो चम्मच इसकी दही या पानी के साथ लिया जा सकता है।
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तिल खाएं
बवासीर में तिल का सेवन करने से भी फायदा मिलता है। रात को 1 चम्मच काला या सफेद तिल पानी में भिगो दें और सुबह उठकर खा लें। अगर आपको साबुत तिल खाना पसंद नहीं है तो आप तिल के लड्डू भी खा सकते हैं। बवासीर की समस्या होने पर प्रतिदिन प्रतिदिन दो चम्मच काले या सफेद तिल को चबाकर खाइए और उसके बाद ठंडा पानी पीजिए।
मूली खाएं
मूली में बहुत अधिक मात्रा में घुलनशील फाइबर पाये जाते हैं जो मल को मुलायम करने और पाचन क्रिया को दुरस्त रखने में मदद करते हैं। पाइल्स के मरीजों को कच्ची मूली का ही सेवन करना चाहिए। आप चाहें तो इसे घिसकर खा सकते हैं। यानी 100 ग्राम मूली को घिस कर उसमें 1 चम्मच शहद मिलाकर, दिन में इसे दो बार खाएं।
बवासीर में क्या न खाएं
मिर्च न खाएं
बवासीर के रोगी को हरी या लाल मिर्च नहीं खाना चाहिए क्योंकि हरी मिर्च का सेवन मरीज के दर्द और जलन की समस्या को बढ़ा सकता है।
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सुपारी, गुटखा और सिगरेट
सुपारी, गुटखा, पान मसाला, सिगरेट आदि का सेवन आपकी तकलीफ को बढ़ा सकता है। हर तरह की सुपारी युक्त चीजें खाने से बचें।
बाहर का खाना न खाएं
बवासीर होने पर बाहर का खाना खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि बाहर के खाने में नमक, मिर्च और साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है
राजमा, मसूर, बीन्स न खाएं
राजमा-चावल व दाल-चावल आदि के शौकीन लोगों को यदि पाइल्स हो तो इस शौक से कुछ वक्त के लिये तौबा कर लेनी चाहिए। क्योंकि राजमा व मसूर जैसी बीन्स व दालों का सेवन पाइल्स के रोगियों के लिए बेहद नुकसानदायक होता है।
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