चाय यूं तो दुनियाभर में पॉपुलर पेय है, लेकिन भारत में चाय सिर्फ बेवरेज नहीं, बल्कि 'जज्बात' का भी नाम है। फॉर्मल मुलाकात हो या दोस्तों के साथ टाइमपास की बात हो, चाय का दौर चलता रहे तो बातचीत खिंचती ही चली जाती है। शायद इसीलिए बॉलीवुड से लेकर राजनीति तक अक्सर 'चाय पर चर्चा, होती रहती है। भारत में वाकई चाय के दीवानों की एक अलग ही बात है। आपको ऐसे करोड़ों लोग मिल जाएंगे जिन्हें चाय पिए बिना खाना नहीं पचता, सिर दर्द होने लगता है, नींद नहीं आती और कुछ लोगों को टॉयलेट भी नहीं होता है।
चाय तो खैर भारत में पॉपुलर है ही। लेकिन एक और आदत है, जो हम भारतीयों में खास पाई जाती है और वो है किसी भी डिश का 'देसी' संस्करण खोज लेना। जैसे- आपको चाउमीन में आलू डालकर खाने वाले लोग भारत में ही मिल सकते हैं। इसी तरह चाय का भी एक देसी वर्जन हमने भारत के कई हिस्सों में बड़ा पॉपुलर है, जिसे 'तंदूरी चाय' कहते हैं। तंदूरी चाय को आप ऐसे समझ सकते हैं कि रेगुलर चाय में जब मिट्टी की तासीर और गमक मिल जाए, तो चाय तंदूरी हो जाती है। आपके घर पर भले ही तंदूर न हो, लेकिन आप घर पर भी तंदूरी चाय का आनंद ले सकते हैं। हम आपको बता रहे हैं घर पर तंदूरी चाय बनाने का आसान तरीका।
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इस तरह बनाएं तंदूरी चाय
- सबसे पहले आप रेगुलर तरीके से चाय बना लें।
- इसके लिए पानी में चाय की पत्तियां, अदरक, मसाले, तुलसी की पत्तियां, चीनी, इलाचयी आदि डालकर पकाना होता है, जैसा कि आप रोज ही बनाते हैं।
- जब पानी में उबाल आ जाए, तो इसमें दूध मिलाएं।
- इसी बीच एक कुल्हड़ को कपड़े से साफ करके दूसरी गैस पर मीडियम आंच में गर्म होने के लिए रख दें।
- जब आपकी चाय उबल जाए और पर्याप्त पक जाए, तो इसे छानकर किसी अलग ग्लास या बर्तन में रख लें।
- अब जब गैस की आंच पर रखा कुल्हड़ खूब गर्म हो जाए और हल्का लाल दिखने लगे (10-15 मिनट में कुल्हड़ पर्याप्त गर्म हो जाता है), तो इसे चिमटे की मदद से उठाएं।
- अब इस कुल्हड़ को किसी बड़े बर्तन में रखें और इस पर तुरंत चाय धीरे-धीरे उड़ेलें।
- आप देखेंगे कि चाय में बुलबुले फूट रहे हैं और तेज धुंआ उठ रहा है। इससे आपको सोंधी-सोंधी खुश्बू भी आएगी।
- चाय को पूरा कुल्हड़ पर उड़ेल दें, जिससे कुल्हड़ भर जाए या पूरी तरह चाय में डूब जाए।
- अब जब चाय से बुलबुले फूटना बंद हो जाएं, तो कुल्हड़ को बाहर निकाल लें और इस चाय को दूसरे कप या कुल्हड़ में परोसें।
- बस आपकी तंदूरी चाय तैयार है।
क्यों खास है तंदूरी चाय?
तंदूरी चाय और रेगुलर चाय के स्वाद में जरा सा अंतर होता है, जिसे चाय के दीवाने आसानी से पकड़ सकते हैं। चाय में ये तंदूरी तड़का लगाने से उसमें मिट्टी का सोंधापन आ जाता है और खुश्बू भी बदल जाती है। ऐसी चाय उन लोगों को ज्यादा पसंद आती है, जो शहरों में अपने गांव को मिस करते हैं। तंदूरी चाय से लगभग वही महक आती है, तो पहली बारिश के समय जमीन से उठती है।
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स्वादिष्ट के साथ-साथ सेहतमंद भी है तंदूरी चाय
अगर सीमित मात्रा में पी जाए, तो तंदूरी चाय जितनी स्वादिष्ट होती है, उतनी ही सेहतमंद भी होती है। दरअसल कुल्हड़ मिट्टी से बनते हैं और मिट्टी में बहुत सारे मिनरल्स होते हैं। कुल्हड़ को पकाने के दौरान मिट्टी के बैक्टीरिया और जर्म्स तो नष्ट हो जाते हैं, लेकिन मिनरल्स बचे रहते हैं। ऐसे में जब आप चाय में तंदूर का तड़का लगाते हैं, तो ये मिनरल्स आपके शरीर में भी पहुंचते हैं और शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं।
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