बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण (Actress Deepika Padukone) को हार्ट रेट (Heart rate) बढ़ने की वजह अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। मंगलवार को दीपिका पादुकोण, बिग बी अमिताभ बच्चन के साथ हैदराबाद में फिल्म की शूटिंग कर रही थीं। इसी दौरान दीपिका पादुकोण का हार्ट रेट बढ़ गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। अस्पताल में इलाज के बाद दीपिका की हार्ट रेट नॉर्मल हो गई और वो कुछ ही घंटों बाद शूटिंग पर लौट आईं। हालांकि बाद में दीपिका पादुकोण के हार्ट बढ़ने की खबरें अफवाह निकली। दीपिका तो नहीं लेकर आज देश के कई युवा दिल से संबंधित बीमारियों का सामना कर रहे हैं।
पिछले दिनों स्टार सिंगर केक, सिद्धार्थ शुक्ला जैसे कई सेलेब्रिटी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो चुका है। अचानक से हार्ट रेट बढ़ना भी दिल से संबंधित बीमारियों का हिस्सा माना जाता है। डॉक्टर्स के मुताबिक अचानक बढ़े हुए हार्ट रेट को मेडिकल की भाषा में हार्ट एरिदमिया (Heart Arrhythmia) कहा जाता है। हार्ट एरिदमिया को हार्ट अटैक का एक लक्षण माना जाता है, इसमें दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है। आखिरकार क्या है हार्ट एरिदमिया और इससे बचाव के लिए किन बातों पर ध्यान रखना जरूरी है आइए जानते हैं।
हार्ट एरिदमिया क्या है? (What is Heart Arrhythmia?)
वेबएमडी के अनुसार हार्ट एरिदमिया दिल से संबंधित एक बीमारी है। इसमें दिल की धड़कने अचानक से तेज या धीमी हो जाती है। हार्ट एरिदमिया तब होता है जब दिल में इलेक्ट्रिकल पल्सेज सही तरीके से काम नहीं करते हैं। हार्ट के इलेक्ट्रिकल इंपल्स एक निर्धारित रास्तों से गुजराती है ताकि पूरे शरीर में खून का संचार सही तरीके से हो सके। अगर हार्ट के इलेक्ट्रिकल इंपल्स सुचारू रूप से काम नहीं करते हैं तो इससे एरिदमिया का खतरा हो सकता है। ज्यादातर मामलों में एरिदमिया सीरियस माना जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर हार्ट एरिदमिया को शुरुआत में न समझा जाए तो इससे हार्ट स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट के जोखिम का खतरा बढ़ सकता है।
टॉप स्टोरीज़
क्या हार्ट एरिदमिया खतरनाक है? (Is Heart Arrhythmia Dangerous?)
शुरुआती तौर पर एरिदमिया को खतरनाक नहीं माना जाता है, लेकिन जब यह समस्या फेफड़े, दिमाग, हार्ट और शरीर के जरूरी अंगों में होने वाले ब्लड फ्लो में बाधा बनती है तो यह जानलेवा हो सकती है।
इसे भी पढ़ेंः हार्ट ब्लॉक और हार्ट फेलियर में क्या अंतर है? जानें इनके लक्षण और कारण
हार्ट एरिदमिया होने का कारण क्या है? (causes heart arrhythmias)
हार्ट एरिदमिया होने के पीछे भावनात्मक, शारीरिक, मानसिक कारण हो सकते हैं।
- हाई ब्लड प्रेशर
- संक्रमण या बुखार
- कुछ दवाएं
- डिप्रेशन या तनाव
- शराब, कैफीन और तंबाकू का सेवन
- अत्यधिक एक्सरसाइज
- दिल से संबंधित कोई पुरानी बीमारी
हार्ट एरिदमिया के लक्षण (Heart Arrhythmia Symptoms)
- चक्कर आना या अचानक से अत्यधिक कमजोरी महसूस होना
- बेहोशी
- सांस लेने में कठिनाई
- सीने में दर्द या जकड़न
- गर्दन या सीने में फड़फड़ाहट
- अचानक धुंधला दिखाई देना
इन सबके अलावा सीने में दर्द, ज्यादा पसीना आना जैसे लक्षण भी हार्ट एरिदमिया में महसूस होते हैं। अगर आपको अपने शरीर में इनमें से कोई भी लक्षण या संकेत नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इसे भी पढ़ेंः स्क्वाट जम्प करने से शरीर को मिलते हैं ये फायदे, जानें करने का तरीका
हार्ट एरिदमिया का इलाज और बचाव (Arrhythmia Treatment)
हार्ट एरिदमिया से बचाव के लिए आप डॉक्टर से हार्ट मॉनिटर, ब्लड टेस्ट, ईसीजी जैसे टेस्ट करवा सकते हैं। अगर इन टेस्ट में किसी तरह की अनियमितता पाई जाती है तो डॉक्टर तुरंत आपसे हार्ट एरिदमिया का इलाज शुरू करने के लिए कहेगा। हार्ट एरिदमिया या किसी भी तरह की दिल की बीमारी के जोखिम को कम करने का पहला तरीका है लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाना।
- वजन को संतुलित बनाए रखना।
- अल्कोहल और सिगरेट का सेवन बिल्कुल न करना।
- हमेशा तनाव मुक्त रहना और गुस्सा कम करना।
- बीमारी में डॉक्टर से बिना पूछे दवा न लेना।