दीपिका पादुकोण की डाइटीशियन पूजा मखीजा से जानें भूख कम या ज्यादा लगने से जुड़ी जरूरी बातें

ऐसे बहुत से लोग होते हैं जिन्हें थोड़-थोड़े समय पर भूख लगती है। इसके पीछे कौन से कारण हैं? इसे दीपिका पादुकोण की डायटीशियन ने बताया है।
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दीपिका पादुकोण की डाइटीशियन पूजा मखीजा से जानें भूख कम या ज्यादा लगने से जुड़ी जरूरी बातें

अगर आपको बार-बार भूख लगती है तो इससे डरने की जरूरत नही है। ज्यादा भूख लगने का मतलब है कि आपके शरीर में पहले का खाया हुआ भोजन पच चुका है और अब आपको कुछ और उर्जा की जरूरत है। हालांकि अगर आपको हमेशा ही भूख लगने की समस्या है तो यह दिक्कत दे सकती है जैसे अगर आपने भोजन ख़त्म किया और भूख शुरू हो गई। जब हमारा पेट खाली होता है तो यह एक हॉर्मोन को छोड़ता है जो हमारे दिमाग या मस्तिष्क को भूख लगने का सिग्नल पहुंचाता है। मस्तिष्क को सिग्नल मिलने के बाद भूख की उत्तेजना बढती है और शरीर भोजन की डिमांड करने लगता है। दीपिका पादुकोण (Dipika Padukone) की डाइटीशियन पूजा मखीजा (Pooja Makhija) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बार-बार भूख लगने को लेकर लोगों में होने वाले भ्रम को लेकर अहम बातें शेयर की हैं, आइये जानते हैं भूख लगने को लेकर पूजा मखीजा द्वारा बताई गई टिप्स के बारे में।

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भूख लगने से जुड़ी बातें (Hunger Facts)

डाइटीशियन पूजा मखीजा ने बताया कि ज्यादातर लोग भूख लगने को लेकर डरते हैं, वे लोग जो डाइट पे हैं या वजन कम करने को लेकर खास डाइट प्लान का पालन कर रहे हैं उन्हें भूख लगने को लेकर बड़ा डर रहता है। भूख लगना एक इमोशन है और इससे डरने की कोई जरुरत नही है। भूख लगने का मतलब है कि आपका शरीर पहले के भोजन को पचा चुका है और अब यह कुछ और खाने की मांग कर रहा है। अगर आपको भूख कम लगने की समस्या है तो इसके पीछे एक बड़ा कारण यह हो सकता है कि आपने अपने आखिरी भोजन में कुछ ऐसी चीजें खायी हैं जो पचने में ज्यादा समय लेती हैं वहीं अगर आपको लगातार भूख लगी रहती है तो इसका यह मतलब हुआ कि आपने आवश्यक डाइट नही ली है। आपको भूख के बारे में दो अहम बातें जान लेना बेहद जरूरी है पहला यह कि इमोशनल हंगर (Emotional Hunger) और दूसरा असल भूख (Actual Hunger), इमोशनल भूख वह है जब आपका मन कुछ खाने को कह रहा है लेकिन पेट को जरूरत नही है। वहीं असल भूख वह है जिसमें हमें शरीर के लिए जरूरी आहार लेने की जरुरत है। इन दोनों के बीच के अंतर को समझ कर हम अपने भूख को नियंत्रित कर सकते हैं।

 
 
 
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असल भूख और भोजन की इच्छा (Hunger vs Appetite)

भूख लगना एक सामान्य बात है, पेट में भोजन के पच जाने के बाद हमारा दिमाग हमें भूख लगने का सिग्नल देता है। अगर आपको भोजन के बाद भी कुछ खाने की क्रेविंग हो रही है तो इसे असल भूख नहीं कहा जाता है। शरीर में ऊर्जा के स्तर को बनाये रखने के लिए भूख बेहद जरूरी है लेकिन हमेशा भूख यह लगातार खाने का मन होने में बहुत अंतर है। भूख लगने का सबसे पहला कारण यह माना जाता है कि पेट में पहले खाया गया भोजन पच चुका है और अब इसे और खाने की जरूरत है लेकिन इसके अलावा भोजन की इच्छा के और भी कई कारण हो सकते हैं। भूख लगने की इच्छा जिसे इमोशनल हंगर भी कहते हैं उसके पीछे भावनात्मक या पारिस्थितिक कारण हो सकते हैं। कभी-कभी जब कोई  बहुत तनावग्रस्त, परेशान होता है तब भी भोजन की इच्छा होती है पैदा हो सकती है। लोगों में किसी भी चीज के सेवन की क्रेविंग भूख को बढ़ाती है और चाहे आपको भूख लगी हो या नहीं। जबकि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि Cravings वह स्थिति है जब आपके शरीर में भोजन या पोषक तत्वों की जरूरत होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक अधिक भूख लगने और कम भूख लगने की स्थितियों में आपको चिकित्सक या किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए। Appetite के कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं

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  • पेट में गड़गड़ाहट या दर्द
  • जी मिचलाना
  • चिड़चिड़ापन
  • पेट में खालीपन की भावना
  • चक्कर आना
  • सिर दर्द

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भूख कम लगने की स्थिति को कैसे सुधारें (How to Boost Appetite)

भूख कम लगने की स्थिति में हमें भोजन करने की इच्छा कम या न के बराबर होती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। मानसिक और शारीरिक बीमारी सहित तमाम अन्य बातें भूख कम लगने का कारण बनती हैं। भूख के कम लगने से शरीर और सेहत को काफी नुकसान भी हो सकता है। कम भूख कुपोषण को भी जन्म दे सकती है। भूख कम लगने या खाने की इच्छा कम होने पर ये बातें आपके लिए लाभकारी हो सकती हैं।

  • ऐसी चीजों का सेवन करें जो ज्यादा पसंद हो।
  • भोजन के स्वाद को बेहतर बनाने के लिए सुंगंधित मसालों का प्रयोग करें।
  • शांत और साफ़ वातावरण में भोजन करने की कोशिश करें।
  • एक साथ न खाकर दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा भोजन करें।
  • निश्चित समय पर ही भोजन करें।
  • शरीर में पानी की कमी न होने दें।
  • शरीर को उचित आराम दें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • नींबू का रस, पुदीना, तुलसी और अन्य जड़ी बूटियों का उपयोग करें।
  • अगर चीनी और नमक का सेवन मना नहीं है तो भोजन में उसका इस्तेमाल करें। 

किन वजहों से भूख होती है प्रभावित (Things That Affect Appetite and Hunger)

  • शरीर स्वस्थ और फिट रखने के लिए भूख बेहद महत्वपूर्ण होती है। सामान्य रूप से तो हमारा पाचन और Appetite सही तरीके से काम करता है लेकिन कुछ वजहों से हमारी भूख अनियंत्रित और असंतुलित भी हो सकती है। भूख या भोजन की इच्छा को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।
  • असंतुलित डाइट की वजह से भी हमारी भूख या भोजन की इच्छा प्रभावित हो सकती है।
  • मानसिक स्वास्थ्य का असर भूख पर सीधे पड़ता है, तनाव आदि की स्थिति में भूख अनियंत्रित हो सकती है।
  • गर्भावस्था के दौरान भी महिलाओं की भूख पर असर होता है।
  • एक बढ़ते भ्रूण से मतली, कब्ज और पेट पर दबाव एक गर्भवती महिला की भूख को कम कर सकता है।
  • रक्तचाप कम करने वाली दवाएं, जैसे कि मेटोपोलोल (लोप्रेसोर) आदि के सेवन से भी भूख पर असर होता है।
  • एंटीसाइकोटिक दवाओं के सेवन से भी व्यक्ति के भूख पर प्रभाव पड़ सकते हैं।

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कैसे करें भूख का नियंत्रण (How to Control Appetite)

अत्यधिक भूख लगने की स्थिति भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। बार-बार भूख लगने से शरीर में मोटापे जैसी व्याधियां भी उत्पन्न हो सकती है। भूख को नियंत्रित करने के लिए आप विशेषज्ञों द्वारा बताई गई इन बातों को अमल में ला सकते हैं।

  • इमोशनल और असली भूख को पहचाने, और शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों का समय पर सेवन करें।
  • भोजन करने के दौरान कोई दूसरा काम करने से बचें।
  • भोजन से पहले और उसके कुछ देर बाद तक कम पानी पियें।
  • पेट की जरूरत के हिसाब से ही भोजन करें।
  • स्वास्थ्य के लिए उत्तम माने जाने वाले आहार का अधिक सेवन करें।

हमें उम्मीद है कि भूख को लेकर दी गयी जानकारी आपको पसंद आई होगी। भूख से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या होने पर आप चिकित्सक या किसी विशेषज्ञ से संपर्क जरूर करें। भूख का कम लगना या ज्यादा लगना अलग-अलग व्यक्तियों के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है ऐसे में किसी भी प्रकार की समस्या अथवा ज्यादा या कम भूख लगने पर पारिस्थिति के हिसाब से इलाज जरूर कराएं।

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