
अगर आपके सोने और जागने का समय फिक्स नहीं है और आप मनमाने ढंग से कभी भी सो जाते हैं, तो आपको भविष्य में दिल की बीमारियों का खतरा हो सकता है।
क्या आप भी रात में मोबाइल चलाते हुए सोने की कोशिश करते हैं? आजकल ज्यादातर लोगों के सोने और जागने का समय निश्चित नहीं है। देर तक जागने या सुबह देर तक सोने के कारण लोग कई तरह की मानसिक और शारीरिक परेशानियों का शिकार बन रहे हैं। देशभर में लॉकडाउन होने के बाद इस समय लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। ऐसी स्थिति में लोगों के सोने-जागने की आदत और ज्यादा खराब हो गई है। मगर एक नई रिसर्च में वैज्ञानिकों ने सोने और जागने की आदतों का आपके दिल और दूसरे अंगों पर प्रभाव के बारे में पता लगाया है।
इस रिसर्च के अनुसार अगर आपके सोने का समय निश्चित नहीं है और आप मनमर्जी के अनुसार जब चाहे सोते-जागते रहते हैं, तो ये आदत जल्द ही आपको दिल की गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती है। इसके उलट यदि आप रोजाना एक फिक्स समय पर सोते हैं, तो ये आदत आपके दिल के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है।
कैसे की गई रिसर्च?
ये रिसर्च University of Notre Dame द्वारा की गई है। रिसर्च में 557 युवाओं को शामिल किया गया है, जिनके स्लीप टाइम और अन्य डाटा के लिए फिटबिट की सहायता ली गई। इस रिसर्च के लिए इन सभी युवाओं के बेड टाइम, स्लीप और रेस्टिंग हार्ट रेट आदि का डाटा शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने बताया कि जो लोग अपने फिक्स समय से 30 मिनट इधर-उधर के अंतर पर सो जाते हैं, उनका रेस्टिंग हार्ट रेट काफी सामान्य था। जबकि जिन लोगों में ये अंतर 1 घंटे ज्यादा या कम था, उनके रेस्टिंग हार्ट रेट में काफी बढ़ोत्तरी पाई गई। इस रिसर्च को Nature नामक जर्नल में छापा गया है।
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देर से ही नहीं, जल्दी सोना भी है नुकसानदायक
अक्सर लोगों को स्वस्थ रहने के लिए जल्दी सोने की सलाह दी जाती है। मगर इस रिसर्च में ये बात सामने आई है कि अपने फिक्स टाइम से जल्दी सोना भी आपके दिल की सेहत के लिहाज से नुकसानदायक हो सकता है। जल्दी सोने वाले लोगों में भी रेस्टिंग हार्ट रेट (RHR) काफी बढ़ा हुआ पाया गया।
रेस्टिंग हार्ट रेट ज्यादा, मतलब दिल की बीमारियों का खतरा
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि जिन लोगों का रेस्टिंग हार्ट रेट (RHR) ज्यादा होता है, उन्हें दिल की बीमारियों का खतरा सामान्य लोगों से ज्यादा होता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार वयस्कों को एक दिन में कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। शोधकर्ताओं ने बताया कि अगर आप रोजाना रात में 7 घंटे की नींद ले रहे हैं, मगर आपके सोने का समय फिक्स नहीं है, तो ये आदत आपको आगे चलकर बीमार बना सकती है।
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नींद से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
अच्छी और पर्याप्त नींद लेने से आपके शरीर की थकान दूर होती है और शरीर दोबारा से काम करने के लिए ऊर्जा इकट्ठा कर लेता है। इससे अंगों को काम से थोड़ी फुरसत मिलती है। यही कारण है कि शरीर के डैमेज की रिपेयरिंग और हार्मोन्स को रेगुलेट करने का काम आपका शरीर नींद में ही करता है। इसके अलावा शोध बताते हैं कि अच्छी नींद लेने से प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम) स्वस्थ रहता है और व्यक्ति की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
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