संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि चीनी 'नया तम्बाकू' हो सकती है। चीनी के सेवन से सेहत को कई तरह के नुकसान होते हैं। इससे मोटापा, डायबिटीज और हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। और अगर आप चीनी का सेवन बंद कर देते हैं, तो सभी आहार विशेषज्ञ इसे सही फैसला ठहरायेंगे।
मोटापे के डर से लोग अकसर चीनी का सेवन बंद कर देते हैं। वे किसी भी प्रकार के मीठे के सेवन से दूर ही रहते हैं। लेकिन, यह आदत जानलेवा हो सकती है। चैरिटी संस्था ‘सेंस अबाउट साइंस’ के आहार विशेषज्ञों ने मानव शरीर पर शक्कर रहित डाइट का असर आंकने के बाद यह चेतावनी दी है।
संस्था का कहना है कि आजकल शुगर-फ्री डाइट मोटापे पर काबू पाने का सबसे कारगर जरिया बनकर उभर रहा है। डायबिटीज और दिल की बीमारियों की समस्या से जूझ रहे मरीज भी शुगर व कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने के लिए शक्कर रहित आहार योजना अपना रहे हैं।
लेकिन लंबे समय तक इस डायट पर बने रहने से शुगर घटने का खतरा बढ़ जाता है। खासकर तब, जब व्यक्ति डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवा खा रहा होता है।
शोधकर्ता मैथ्यू मैककनॉय के मुताबिक शुगर घटना डायबिटीज से ज्यादा घातक है। इससे व्यक्ति चक्कर खाकर गिर सकता है। मितली, कमजोरी, सुस्ती और थकान की शिकायत हो सकती है। आंखों की रोशनी कमजोर पड़ने और बाल झड़ने के अलावा शरीर की इनसुलिन सोखने की क्षमता में गिरावट आ सकती है।
समय रहते शुगर के स्तर पर काबू न पाया जाए तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। हालांकि, योगार्ट, तैयार भोजन, बिस्कुट आदि सभी में शुगर होती है और इन सभी उत्पादों से पूरी तरह बच पाना संभव नहीं।
मैककनॉय ने मोटापा कम करने के लिए स्वस्थ और अस्वस्थ आहार का अंतर समझने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि चीनी की मौजूदगी के चलते बिस्कुट, मिठाई, खीर, सेवईं और आइस्क्रीम से परहेज करना अच्छी बात है। कोल्ड ड्रिंक, केक, चॉकलेट और फास्टफूड के सेवन पर लगाम लगाना तथा दूध-दही में चीनी मिलाने से बचना भी फायदेमंद है।
Image Source- Getty Images
Source- dailymail.co.uk
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