
दर्द के लिए हम पेरासिटामोल को सबसे अच्छी दवा मानते हैं, लेकिन कमर के निचले हिस्से में होने वाले दर्द में यह गोली आम गोलियो से बेहतर नहीं होती।
आम दवाओं की विख्यात पत्रिका लैंसेट के अब तक के किये गए सबसे बड़े परीक्षण के नतीजों में यह बात सामने आयी है। इसके अनुसार यह दवा किसी प्रायोगिक दवा के मुकाबले न तो जल्दी ठीक करती है और न ही दर्द दर्द में कमी लाती है।
इस शोध के बाद सवाल उठाया गया है कि क्या ज़्यादातर राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों में इसे पहली पसंद रखा जाना सही है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अपनी दवा बदलने से पहले डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिये।
शोधकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया के प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में 1,650 से ज़्यादा ऐसे लोगों का अध्ययन किया जिन्हें छह सप्ताह या उससे कम समय से पीठ में दर्द हो रहा था।
इनमें से एक तिहाई ने नियमित रूप से पैरासिटामोल लीं। एक तिहाई ने जरूरत पड़ने पर इसे लिया। और तिहाई को एक महीने तक एक प्रायोगिक दवा दी गई। पैरासिटामोल ने न तो दर्द की तीव्रता को कम किया न ही इससे अच्छी नींद आई।
शोध की सह लेखक प्रोफेसर क्रिस्टीन लिन का कहना है कि पीठ दर्द से आराम पाने में दवाओं से बेहतर अधिक सक्रिय रहना और बिस्तर पर पड़ने से बचना शामिल है।
Image Courtesy- getty images
Source- BBC
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