व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना बेहद आवश्यक है। दरअसल, जब आप मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं तो ऐसे में आपको चीजों को समझने और मुश्किलों को हल करने में आसानी होती है। इसके साथ ही आपकी जीवनशैली आसान हो जाती है। लेकिन, कुछ लोगों को तनाव, चिंता और अवसाद की वजह से मानसिक स्थिति पर दबाव पड़ता है। स्ट्रेस में व्यक्ति भविष्य या खुद से संबंधित विषयों के बारे में बार-बार सोचने लगता है। यह विचार नकारात्मकता को बढ़ा सकते हैं। जिसके चलते मानिसक विकार हो सकते हैं। मानसिक विकारों के समूह की वजह से पर्सनैलिटी डिसऑर्डर की संभावना अधिक हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति खुद को नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही, उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता है। आगे नारायणा अस्पताल के साइकैटरिस्ट एंड साइकोथैरेपिस्ट कंसलटेंट डॉक्टर राहुल कक्कड़ से जानते हैं कि कितने तरह के कॉमन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर होते हैं।
आपकी लाइफस्टाइल को प्रभावित करने वाले कॉमन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर - Common Personality Disorders These Can Affect Lifestyle In Hindi
ऑबसेसिव कम्पलसिव पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (OCPD)
इसमें व्यक्ति को कई तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। इस दौरान व्यक्ति को लगता है कि वह हर कार्य को केवल खुद ही कर सकता है। इसमें व्यक्ति दूसरों को काम देने में डरता है। व्यक्ति किसी कार्य छोटी-छोटी चीजों पर फोकस करने के चलते मुख्य बिंदु को अनदेखा कर सकते हैं।
अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
अवॉइडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में व्यक्ति शर्म और रिजेक्शन के डरता है। इस तरह के विकार वाले व्यक्ति दूसरों की आलोचना से डरकर रिश्तों से बचने लगते हैं। भले ही वह किसी अच्छे दोस्त की इच्छा रखते हो, लेकिन उनको लोगों से बात तक करने में झिझक महसूस होती है। इस स्थिति में उनको अकेलापन और स्ट्रेस डिसऑर्डर हो सकता है।
डिपेंडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
डिपेंडेंट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में व्यक्ति खुद को किसी पर निर्भर रखता है। इस विकार से पीड़ित व्यक्तियों को निर्णय लेने में परेशानी हो सकती है। ऐसा व्यक्ति हमेशा दूसरों पर ही निर्भर रहता है। इस समस्या में व्यक्ति का दृष्टिकोण बच्चे की तरह रहता है। शोषण के प्रति संवेदनशीलता बनाए रखते हुए। यह आसानी से दूसरों के सामने समर्पण कर देते हैं।
बॉडरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
बॉडरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में व्यक्ति के रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं। इस डिसऑर्डर में व्यक्ति को चिंता, अवसाद व क्रोध आने लगता है। इस दौरान व्यक्ति किसी करीबी के दूर जाने से डरता है। यह डिसऑर्डर बचपन में किसी तरह की समस्या के कारण शुरु हो सकता है।
एंटीसोशल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर
एंटीसोशल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में व्यक्ति दूसरों के अधिकारों की उपेक्षा करते हैं। इस डिसऑर्डर में व्यक्ति अन्य लोगों को धोखा देने में विचार नहीं करते हैं। अपने को दूसरों से अधिक समझते हैं। यह व्यक्ति अन्य लोगों के साथ रिश्ते लंबे समय तक नहीं चला पाते हैं। इससे पुरुष अधिकतर प्रभावित होते हैं। इससे व्यक्ति का बर्ताव आक्रामक हो जाता है।
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पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में पैरानॉएड पर्सनैलिटी डिसऑर्डर, शिजिऑएड पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (Schizoid personality disorder), सिजोटिपल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (Schizotypal personality disorder), हिस्ट्रीओनिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (Histrionic personality disorder), नारसिसटिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (Narcissistic personality disorder) को भी इसमें शामिल किया जाता है। इन डिसऑर्डर में साइकैटरिस्ट व्यक्ति के लक्षणों के आधार पर इलाज व थैरेपी को चुन सकते हैं।