जब बच्चा जन्म लेता है, तो यह समय मां बाप के लिए बेहद खास होता है। ऐसा होने पर आप नर्वस महसूस कर सकते हैं क्योंकि आपके मन में बच्चे के पालन पोषण को लेकर अनेक सवाल होते हैं। इस समय आपके करीबी लोग भी आपको कई सुझाव देते हैं। लेकिन बच्चे के पालन पोषण में तमाम कोशिश और एनर्जी लगाने के बाद भी आप कुछ चीजों पर ध्यान नहीं दे पाते, खासकर जब आपका पहला बच्चा हो। नवजात शिशु का सही से ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में यदि आप नर्वस महसूस करेंगे, तो बच्चे की देखभाल में कमी रह सकती है। इसलिए यहां कुछ ऐसी गलतियों को बताया गया है जिन्हें सुधार कर आप अपने बच्चे की देखभाल बेहतर तरीके से कर पाएंगे।
ब्रेस्टफीडिंग को लेकर तनाव में रहना
मां के लिए बच्चे के जन्म के बाद का 1 साल काफी मुश्किल और तनावपूर्ण हो सकता है। ब्रेस्टफीडिंग कराने को लेकर नई मां कई बार बहुत चिंता करती हैं। लेकिन ब्रेस्टफीडिंग के बारे में आपको अत्यधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है। यदि आप नर्वस महसूस कर रही हैं या कोई परेशानी है, तो अपने करीबी लोगों से सलाह लें। ब्रेस्टफीडिंग से आपके बच्चे को पोषण मिलता है। यह ध्यान रखें कि आप शेड्यूल के अनुसार ब्रेस्टफीडिंग न कराएं, बल्कि आपको बच्चे की जरूरत के अनुसार उसे दूध पिलाएं। इसे डिमांड फीडिंग भी कहा जाता है।
नवजात शिशु को भीड़भाड़ वाली जगह पर ले जाना
नवजात शिशु की इम्युनिटी कमजोर होती है क्योंकि अभी वह विकसित हो रहा होता है। ऐसे में भीड़भाड़ वाली जगहों पर बच्चा बहुत सारे अंजाने वायरस और बैक्टीरिया के संपर्क में आ सकता है, जो उसे बीमार बना सकते हैं। इसलिए बच्चे को लेकर घर से बाहर तभी जाएं, या यात्रा तभी करें, जब बहुत जरूरी हो। संभव हो तो शिशु को कम से कम लोगों के संपर्क में आने दें।
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टमी टाइम पर ध्यान ना देना
यह एक एक्टिविटी होती है, जिसमें बच्चे को पेट के बल लिटाते हैं और सिर को ऊपर की ओर रखते हैं। यह उनकी गर्दन और कंधों की मसल्स को मजबूत करता है। आप इसे अपने बच्चे को दिन में 1 से 2 मिनट कराएं। आप इसे बाद में 10 से 15 मिनट तक बढ़ा सकते हैं। यह एक्टिविटी बच्चे के संपूर्ण विकास में मदद करती है।
बच्चे के पालने में ना सुलाना
पेरेंट्स को लगता है कि सोते समय बच्चे को अपने पास रखना ठीक होता है। लेकिन बच्चे को अपनी पीठ के बल अपने पालने में मुलायम बिस्तर पर सोना चाहिए, जिससे कि वह सुरक्षित नींद ले सके और उसे सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम और अन्य खतरों से बचाया जा सके।
सेल्फ केयर ना करना
बच्चे के जन्म के बाद आपको अपनी और अपने पार्टनर की देखभाल करनी चाहिए। कई बार पेरेंट्स अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए खुद की देखभाल नहीं कर पाते। याद रखें कि अगर आप ठीक हैं, तो आप अपने बच्चे का भी ध्यान रख सकते हैं। अपने बच्चे की देखभाल के लिए जिम्मेदारियों को आपस में बांटे।
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बच्चे के रोने से घबराना
बच्चे का रोना एक साधारण बात है इसमें कुछ नई बात नहीं है। लेकिन बच्चे के रोने पर नए माता-पिता बहुत घबरा जाते हैं। नवजात शिशु के पास अपनी बात बताने या कहने एक मात्र साधन है रोना। बच्चे को भूख लगती है या वह ठीक महसूस नहीं कर रहा होता या फिर बुखार होता है, किसी भी स्थिति में बच्चा रो सकता है। लेकिन ऐसी स्थिति में नए माता-पिता के लिए जरूरी है समस्या की तरफ ध्यान करना वो भी बिना पैनिक हुए। अगर बच्चा ब्रेस्टफीडिंग के बाद भी नहीं चुप हो रहा है, तो एक बार जरूर डॉक्टर से कंसल्ट करें।
आप जब नए पेरेंट्स बनते हैं तो आपके लिए यह अनुभव नया होता है इसीलिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होता है, जिससे आप अपने बच्चे की देखभाल सही तरीके से कर सकते हैं।
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