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मेटाबॉलिज्म से जुड़े इन 5 मिथकों पर कहीं आप भी तो नहीं करते भरोसा? एक्सपर्ट से जानें इनकी सच्चाई

Metabolism Myths And Facts In Hindi: मेटाबॉलिज्म को लेकर लोगों के बीच तरह-तरह धारणाएं मौजूद हैं, चलिए एक्सपर्ट से इनकी सच्चाई जानते हैं।
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मेटाबॉलिज्म से जुड़े इन 5 मिथकों पर कहीं आप भी तो नहीं करते भरोसा? एक्सपर्ट से जानें इनकी सच्चाई

Metabolism Myths And Facts In Hindi: मेटाबॉलिज्म हमारे शरीर में कई कार्यों को करने में बहुत अहम भूमिका निभाता है। हमारे शरीर में होने वाली सभी रासायनिक प्रक्रियाओं को ही हम मेटाबॉलिज्म कहते हैं। भोजन के पाचन, इसे ऊर्जा में बदलने, रक्त का संचार, सांस लेने की प्रतिक्रिया और शरीर का तापमान नियंत्रण रखने आदि जैसी प्रक्रियाओं को सही ढंग से चलाने के लिए हमारा मेटाबॉलिज्म ही जिम्मेदार होता है। इसलिए स्वस्थ शरीर के लिए यह जरूरी है कि आपके पास एक स्वस्थ मेटाबॉलिज्म भी हो। लेकिन आजकल हम देखते हैं कि मेटाबॉलिज्म को लेकर लोगों के बीज कई गलत धारणाएं मौजूद हैं, जो लोगों को अक्सर गुमराह करती हैं। लोगों के बीच सही जानकारी को लेकर जागरूकता बढ़ाने और उन तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए हमने मेटाबॉलिज्म से जुड़े कुछ मिथकों को लेकल एक्सपर्ट से बात की। फिटनेस कोच और न्यूट्रिशनिस्ट अक्षय एस शेट्टी से प्राप्त जानकारी के माध्यम से इस लेख में हम आपको ऐसे ही 5 मिथकों की सच्चाई बता रहे हैं।

Metabolism Myths And Facts In Hindi

मेटाबॉलिज्म से जुड़े 5 मिथक और उनकी सच्चाई- Common Myths About Metabolism In Hindi

मिथक 1: मेरा मेटाबॉलिज्म खराब हो गया है।

वास्तव में आपका मेटाबॉलिज्म खराब नहीं होता है, आपको बस सही आहार और कुछ फिजिकल एक्टिविटी की मदद से इसे फिर से रिबूट करने की आवश्यकता होती है। अगर आप गतिहीन जीवन शैली जी रहे हैं और अपना मेटाबॉलिज्म खराब बताते हैं, तो यह सही नहीं है। आपके मेटाबॉलिज्म की सिर्फ एक्टिविटी धीमी हुई है, जो एक्सरसाइज और डाइट की मदद से फिर से ठीक हो सकती है।

मिथक 2:  मेरा वजन इसलिए अधिक है क्योंकि मेरा मेटाबॉलिज्म धीमा है।

यह धारणा पूरी तरह गलत है। वास्तव में आपका वजन ही आपकी अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद करता है। आप जितना भारी होंगे, गतिविधियों के दौरान आप उतनी अधिक कैलोरी बर्न करेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि आप जो कैलोरी बर्न करते हैं उसका अधिकांश हिस्सा आपके बीएमआर (बेसल मेटाबोलिक रेट) से आता है।  इसलिए अधिक वजन वाले लोगों का चयापचय वास्तव में अधिक होता है क्योंकि वे अधिक कैलोरी जलाते हैं और उन्हें अपना वजन बनाए रखने के लिए भोजन की मात्रा भी अधिक होगी।

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मिथक 3: मसल बिल्डिंग से मेटाबॉलिज्म तेज होता है और अधिक कैलोरी बर्न होती है

यह सही है कि मसल बिल्डिंग से आपको अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। लेकिन बहुत अधिक मात्रा में कैलोरी बर्न नहीं होती है। 1 किलो मांसपेशी एक दिन में केवल 10-15 कैलोरी बर्न करती है, न कि 50-100 कैलोरी। इसके अलावा, मसल बिल्डिंग में बहुत समय लगता है। इसलिए यह कहना सही नहीं है कि मसल बिल्डिंग से मेटाबॉलिज्म तेज होता है।

 
 
 
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मिथक 4: डाइटिंग से आपका मेटाबॉलिज्म खराब होता है।

जब आप डाइटिंग करते हैं और वजन कम करते हैं, तो आप हल्के हो जाते हैं और पहले की तुलना में कम कैलोरी बर्न करते हैं। यदि आप 80 किलोग्राम वजन पर फैट कम करना शुरू करते हैं, तो शुरुआत में यदि आप 45 मिनट तक चलते हैं, तो आप 70 किलोग्राम वजन पर 45 मिनट चलने की तुलना में अधिक कैलोरी बर्न करेंगे। इस वजह से ज्यादातर लोग सोचते हैं कि अब उनका वजन कम नहीं हो रहा है इसलिए उनका मेटाबॉलिज्म खराब हो गया है।

लेकिन वास्तविकता यह है कि आपको अपने नए शरीर के वजन के अनुसार अपना आहार बदलने की जरूरत है और अपनी गतिविधि के स्तर को भी बढ़ाना होगा। इस स्थिति को अडाप्टिव थर्मोजेनेसिस के रूप में जाना जाता है, लेकिन लोग अक्सर इसके बारे में सोचते हैं कि उनका मेटाबॉलिज्म डैमेज हो गया है।

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मिथक 5: मेटाबॉलिज्म कमजोर होने की वजह से आप भोजन मिस करते हैं

यह धारणा पूरी तरह गलत है। बार-बार खाने की वजह से आप बहुत बार आपको भूख कम लगती है। इसका अर्थ यह नहीं है कि आपका मेटाबॉलिज्म इसके लिए जिम्मेदार है।

All Image Source: freepik

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