Colic In Babies: जानें क्‍या है नवजात बच्‍चे में कोलिक के कारण, लक्षण और बचाव के तरीके

क्‍या आप जानते हैं कि बच्‍चों में कोलिक यानि शूल या उदरसूल के क्‍या कारण होते हैं। आइए इस लेख में विस्‍तार से जानें।  
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Colic In Babies: जानें क्‍या है नवजात बच्‍चे में कोलिक के कारण, लक्षण और बचाव के तरीके

नवजात शिशुओं में कोलिक या शूल अक्सर होता है। यह एक स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति है, जिसे उदरशूल के नाम से भी जाना जाता है। इस स्‍वास्‍थ्‍य स्थिति में नवजात बच्‍चे के पेट में बहुत तेल दर्द होता है और वह लंबे समय तक तेज रोना शुरू कर देता है। यह कई बार माता-पिता को डरा भी देता है। बच्‍चों में कोलिक या शूल मुख्य रूप से उन बच्‍चों में होता है, जो 6 सप्ताह के होते हैं और 3 या 4 महीने के बाद भी हो सकता है। यह आमतौर पर शाम को होता है, जब माता-पिता थके हुए होते हैं। क्‍योंकि नवजात बच्‍चा कुछ बोल नहीं पाता, इसलिए इस समस्‍या को पहचानना माता-पिता के लिए मुश्किल हो सकता है।

शिशुओं में कोलिक या शूल या पेेट मेंं दर्द  के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। इसलिए, इस दौरान माता-पिता को धैर्य रखने की जरूरत है। उनका बच्चा बहुत रोएगा, लेकिन उन्हें घबराएं नहीं। आइए यहां हम आपको बच्‍चों में कोलिक के कारण और इससे निपटने के तरीके बताते हैं।

Colic In Child 

बच्‍चों में कोलिक या शूल के लक्षण 

  • बच्‍चा लगातार रोने और चिल्‍लाने लगता है
  • रात को रोना और सो नहीं पाना 
  • रोते समय हाथ पैर उठाना और मुठ्ठी बंद करना
  • चेहरे का रंग बदल जाना यानि चेहरे का लाल पड़ना
  • दूध न पीना और चिड़चिड़ापन 

किन लक्षणों के दिखने पर आपको अपने नवाजत को डॉक्‍टर को दिखाने की जरूरत है: 

  • बच्‍चे का बिलकुल दूध न पीना
  • उल्‍टी करना 
  • बुखार आना 
  • बच्‍चें को सांस लेने में तकलीफ होना 
  • त्‍वचा पर चक्‍खते दिखना या त्‍वचा का नीला पड़ना
Newborn Care

बच्‍चों में कोलिक या शूल के कारण

बच्‍चों में कोलिक या उदरशूल के कोई विशेष कारण नहीं हैं। यह वास्तव में कई कारकों के कारण होता है। कुछ संभावित योगदान कारक हो सकते हैं:

  • बच्‍चों में बहुत अधिक खाने से 
  • किसी विशेष खाद्य पदार्थ को न पचा पाने से
  • हार्मोन्‍स और उत्‍तेजक पदार्थों के कारण 
  • स्वस्थ जीवाणुओं का असंतुलन
  • एलर्जी 

Colic Causes In Babies

काेेलिक या शूूल से कैसे निपटेें ?

आइए यहां हम आप आपको नवजात बच्‍चों में कोलिक की स्थिति से निपटने के तरीके बताते हैं। 

  • माता-पिता को अपने बच्‍चों में शूल या कोलिक से निपटने के लिए अपने बच्चों को हिलाते रहना चाहिए। 
  • आप अपने बच्‍चे को शांत करने के लिए उसे ब्रेस्‍टफीडिंग करवाएं या बोतल से दूध पिलाएं। 
  • जब आप अपने बच्‍चे को दूध पिलाएं, तो ध्‍यान दें कि आप उसके सिर को ऊपर की ओर और पैरों को नीचे की ओर रखें। ऐसा करने पर बच्‍चे के पेट में दूध के साथ हवा नहीं जाती। 
  • बच्‍चे को दूध पिलाने के बाद आप उसे अपने कंधे से चिपकाकर उसकी पीठ थपथपाएं, जिससे कि उसे डकार आ जाए। 
  • इसके अलावा, आप बच्‍चे को कंबल में लपेटकर रखें। 
  • बच्‍चे को गोद में रखें, इससे वह कम चिड़ि‍चड़ा या रोएगा। 
  • बच्‍चे की सीधा खड़े रहने की अवस्‍था में रखें। इससे उसे गैस पास करने में आसानी और सीने में जलन की समस्‍या कम होगी। 
  • बच्‍चे के पेट और कमर की मालिश करें। 
  • अगर बच्‍चे की स्थिति आपको गंभीर लगे, तो डॉक्‍टर के पास जाने में देरी न करें। 

इस तरह आप बच्‍चे के लगातार रोने या परेशान होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें क्‍योंकि यह एक गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। 

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