
बच्चों में जन्म के समय से ही उनमें कुछ जटिल बीमारियाँ पाई जाती हैं जिनका इलाज समय पर करवाना बहुत आवश्यक है अगर ऐसा न किया जाए तो बच्चों को कई परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्पाइना बाइफ़िडा बीमारी में 90 प्रतिशत बच्चे ऐसे माता-पिता की संतान होते हैं जिनके परिवार में कोई भी इस विकार से ग्रस्त नहीं होता। आज हम यहाँ एक ऐसी ही बीमारी के बारे में बात करने वाले हैं जिसका नाम है स्पाइना बिफ़िडा। यह बच्चों के जन्म से होने वाली बीमारी है। आज हम यहाँ इसके इलाज के बारे में भी जानेंगे।
क्या है स्पाइना बिफ़िडा?:
यह एक तंत्रिकीय नाल की बीमारी होती है। इसे साधारण शब्दों में दरार युक्त रीढ़ या मेरु रज्जू का पूर्ण रूप से घिरा हुआ न होना कहा जा सकता है। स्पाइना बिफ़िडा में दरार वाली जगह के नीचे की तरफ जो पेशियाँ होती हैं वह बहुत कमजोर हो जाती है या फिर उस जगह पर लकवा हो जाता है। इस तरह इस जगह की संवेदनशीलता खत्म हो जाती है और मलमूत्र पर नियंत्रण नहीं रहता है।
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स्पाइना बिफ़िडा के प्रकार:
स्पाइना बिफ़िडा के तीन प्रकार होते हैं जैसे:
- 1.स्पाइना बिफ़िडा ओक्युल्टा
- 2.मेनिंगोसील
- 3.माइलोमेनिंगोसील
अधिकतर बच्चों लगभग 40% बच्चों में स्पाइना बिफ़िडा ओक्युल्टा पाया जाता है। यह अमेरिकन बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है और इसके दौरान बच्चों को मामूली सी तकलीफ होती है या कभी-कभी बिल्कुल तकलीफ नहीं होती और समझ ही नहीं आता कि कोई परेशानी है। इसके अलावा बाकि की दोनों मेनिंगोसील एवं माइलोमेनिंगोसील 1000 में से किसी एक बच्चे में पाई जाती है।
स्पाइना बिफ़िडा का उपचार:
- स्पाइना बिफ़िडा को रोकना संभव है। जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा यह बीमारी शिशु को जन्म से होती है इसलिए गर्भवस्था के दौरान ही गर्भवती को हर दिन फोलिक एसिड का सेवान करना चाहिए। और फोलिक एसिड के बारे में गर्भवती को अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए कि इसका सेवन कब से कब तक करना है।
- स्पाइना बिफ़िडा के कारण बच्चों की तंत्रिका को क्षति पहुँचती है जिसका दवाओं से उपचार नहीं है इसके लिए सर्जरी करवाना जरुरी है।
- अगर पहली प्रकार का स्पाइना बिफ़िडा है तो उसका समझ नहीं आता, लेकिन अगर यह दूसरे और तीसरे प्रकार का है तो इसका एक मात्र ही इलाज है वो है सर्जरी। शिशु सर्जन इसे अच्छे से भांप कर इसका इलाज बता सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें:
वैसे तो ध्यान देने योग्य कई बातें हैं। डॉक्टर शिशु के जन्म समय पर ही स्पाइना बिफ़िडा के बारे में बता देते हैं। और उसी समय वे इसके उपचार के बारे में भी बात करते हैं इसलिए आप घर में ही किसी प्रकार का उपचार प्रारंभ न करें। घर पर बिना पता किये किसी प्रकार के उपचार से बच्चे को नुकसान हो सकता है। इसलिए किसी अच्छे डॉक्टर से इसकी सलाह लें।
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यहाँ हमने जाना एक ऐसी बीमारी के बारे में जो बच्चे के जन्म से ही होने की सम्भावना होती है। इसलिए गर्भवस्था के दौरान ही अगर माँ अपने खान पान का विशेष ध्यान रखें और फोलिक एसिड का सेवन करें तो शिशु को स्पाइना बिफ़िडा से बचाना संभव है।
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