बहुत से शिशुओं में जन्म के समय से एक्ने या मुंहासे होते हैं। हालांकि इन मुहांसों की कोई खास वजह नहीं है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर में कुछ हार्मोंस बदलाव के कारण ऐसा होता है। ये लाल दाने बच्चों में मुंह या शरीर पर हो सकते हैं। ये समस्या 15-20 प्रतिशत बच्चों में देखने को मिलती है। बेबी एक्ने ज्यादातर बिना इलाज के स्वयं ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन जैसे हर बच्चा दूसरे से अलग है ऐसे ही उसकी त्वचा भी अलग होती है। यदि किसी बच्चे की त्वचा ज्यादा संवेदनशील है, तो उसे एक्ने ठीक करने के लिए उपचार जरूरी है। ऐसे मामले में बिना उपचार के अगर दाने लंबे समय तक मुंह पर रह जाएं, तो वो निशान दे सकते हैं। शिशु को मुंहासे या एक्ने कई अन्य कारणों से भी हो सकते हैं।
एरीथेमा टॉक्सिकम (Erythema Toxicum)
यह भी बच्चों में त्वचा संबंधी एक आम समस्या है। जिसमें बच्चों को शरीर पर रैशेज हो जाती हैं। यह रैश या दाने शिशु के मुंह पर या छाती पर हो सकते हैं। यह बच्चे के पैदा होते ही थोड़े दिन के बाद होना शुरू होते हैं और इसमें आप के बच्चे को किसी प्रकार का नुक़सान नहीं होता है। यह कुछ ही हफ्तों में स्वयं ही ठीक हो जाते हैं।
इसे भी पढ़ें: बच्चें की स्किन को नुकसान से बचाना है, तो बेबी केयर प्रॉडक्ट खरीदते समय करें इन 5 टॉक्सिक केमिकल की जांच
टॉप स्टोरीज़
मिलिया
यह सफेद रंग के छोटे छोटे दाने होते हैं जो आप के बच्चे के मुंह पर होते हैं। यह ज्यादातर डैड स्किन के कारण होते है। यह बहुत आम हैं और इसमें बच्चे को किसी प्रकार के उपचार की भी जरूरत नहीं होती है। इसलिए आप को इसके लिए अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं होती है।
बेबी एक्ने के लक्षण
बेबी एक्ने लाल रंग या सफेद रंग के पिंपल्स के रूप में स्किन पर होते हैं। इनके आस पास लाल रंग के घेरे भी बन जाते हैं। वैसे तो बच्चों को मुंह पर किसी भी जगह एक्ने हो सकते हैं परन्तु यह गालों पर ज्यादा होते हैैं। यह बच्चे की कभी कभार गर्दन पर भी हो सकते हैं। जानते हैं उन वजहों को जिनसे बच्चे को एक्ने हो सकते हैं।
बेबी एक्ने होने का कारण
बच्चों में मुहांसों का एक बहुत बड़ा कारण है एलर्जी। जोकि कई बार ऐसे उत्पादों के प्रयोग के कारण होती है जो शिशु को सूट नहीं करते। जैसे कि नहाने का साबुन मालिश का तेल या बेबी पाउडर। यही नहीं मां के खान-पान का असर भी एक्ने का कारण बन सकता है। दरअसल नवजात शिशु पूरी तरह से मां के दूध पर निर्भर करता है। इसलिए कभी कभी कुछ खाद्यों के सेवन से बच्चे के शरीर पर या चेहरे पर छोटे बारीक दाने उभर आते हैं।
इसे भी पढ़ें: नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए आयुर्वेद में बताई गई हैं ये 5 बातें, इंडियन पेरेंट्स को जरूर अपनाना चाहिए इन्हें
साफ सफाई
शिशु की देखभाल के समय बहुत जरूरी है ऐसे उत्पादों का प्रयोग जिनमें कोई कृत्रिम सुगंध या राम-राम मिलाया गया हो। इनसे शिशु को स्किन एलर्जी अथवा स्किन एक्ने की समस्या हो सकती है। बहुत जरूरी है कि शिशु को रोज नहलाया जाए और साफ कपड़ों का प्रयोग किया जाए। बच्चे के पहनने वाले कपड़े हल्के और ढीले हों। पहनने वाले कपड़ों के अलावा बच्चे के बिछौने, तकिए, कवर, चादर या ब्लैंकेट मुलायम व साफ हों। क्योंकि छोटा बच्चा बहुत जल्दी संक्रमण पकड़ता है। जिसकी वजह से त्वचा संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
एक्ने से बचाव उपाय
- यदि किसी भी प्रकार की एलर्जी या एक्ने को 15 दिन से ज्यादा हो गए हैं तो डॉक्टर से सलाह लें।
- ज्यादा तेज धूप या ज्यादा तेज पंखे की हवा से बचाएं।
- डायपर्स और कपड़े बदलने का ध्यान रखें।
- नेचुरल बेबी प्रोडक्ट्स का प्रयोग करें
- समय-समय पर होने वाले टीकाकरण का ध्यान रखें
- कमरे की साफ सफाई का ध्यान रखें।
- बच्चे को ज्यादा चूमे नहीं।
Read More Articles on Newborn Care in Hindi