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दिन में गर्मी और रात में ठंडक बढ़ने से बिगड़ सकती है तबीयत, जानें इस मौसम में सेहत का कैसे रखें ध्यान

मौसम बदलने के साथ आपको अपनी सेहत का भी ध्‍यान रखना चाह‍िए, कुछ आसान तरीकों से आप बदलते मौसम में फ‍िट रह सकते हैं, जान‍िए उपाय 
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दिन में गर्मी और रात में ठंडक बढ़ने से बिगड़ सकती है तबीयत, जानें इस मौसम में सेहत का कैसे रखें ध्यान

हल्‍की ठंड में लोग बीमार क्‍यों हो जाते हैं? इस मौसम में तापमान कम होता है और हवा में नमी बनती है ज‍िस कारण स‍िर में दर्द, थकान, बुखार, गले में खराश आद‍ि श‍िकायतें होती हैं और वायरल बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। मौसम ने करवट लेनी शुरू कर दी है, रात को हल्‍की ठंड अब धीरे-धीरे बढ़ रही है। इस दौरान तापमान घटने के साथ बीमार‍ियों का प्रकोप बढ़ जाता है। ज‍िला अस्‍पतालों के ओपीडी की बात करें तो लगभग हर अस्‍पताल में मौसमी बीमार‍ियों से पीड़‍ित मरीजों की संख्‍या 30 से 40 प्रत‍िशत बढ़ गई है। इस दौरान लापरवाही बरतने पर आप भी बीमार पड़ सकते हैं इसलि‍ए सतर्क रहें। लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव ने बताया क‍ि इस मौसम में लोग सबसे ज्‍यादा बीमार पड़ते हैं ऊपर से कोव‍िड का प्रकोप तो जारी ही है ऐसे में आप हेल्‍दी डाइट लें, व्‍यायाम करें और बाहर न‍िकलकर साफ-सफाई और मास्‍क का के इस्‍तेमाल पर गौर करें।

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(image source:flushinghospital)

इस मौसम में इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज (Don't avoid these symptoms during change in weather)

इस मौसम में आपको कुछ खास लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाह‍िए ये वायरल फीवर के लक्षण हो सकते हैं जैसे- 

  • हर समय थकान का अहसास होना
  • शरीर के कई ह‍िस्‍सों में दर्द होना
  • भूख न लगना 
  • आंखों का लाल होना 
  • जोड़ों में दर्द होना 
  • खांसी या जुकाम के लक्षण
  • कमजोरी महसूस होना 
  • शरीर का तापमान बढ़ना 

इन लक्षणों के नजर आने पर आप तुरंत डॉक्‍टर को संपर्क करें।

इसे भी पढ़ें- वायरल बुखार के बाद कमजाेरी और थकान दूर करने के लिए डाइट में शामिल करें ये 9 चीजें

इस मौसम में क‍िन चीजों को अवॉइड करें? (Avoid these during change in weather)

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(image source:www.ul.com) 

  • इस मौसम में आपको ज्‍यादा मसालेदार चीजों का सेवन अवॉइड करना है, पैक्‍ड फूड या जंक फूड भी अवॉइड करें।
  • भले ही मौसम में ठंडक हो पर तला-भुना खाना अवॉइड करें, आपको हल्‍का भोजन ही खाना है साथ ही घर का बना ताजा खाना ही खाएं।
  • इस मौसम में एसी चलाना अवॉइड करें इससे आपको जुकाम हो सकता है, अगर आपको ज्‍यादा गर्मी लगे तो एसी की जगह कमरे की ख‍िड़क‍ियों को खोल दें।
  • इस मौसम में ठंडा या फ्र‍िज का पानी पीना भी पूरी तरह से अवॉइड करना चाह‍िए, ठंडा पानी पीने से आपका गला खराब हो सकता है।

इस मौसम में पंखा चला सकते हैं?

चूंकि मौसम में गुलाबी ठंड घुलने लगी है इसलि‍ए आपको इस समय पंखा कम से कम चलाना चाह‍िए। दोपहर के समय आपको पंखे की जरूरत महसूस हो सकती पर रात के दौरान पंखे को अवॉइड करें खासकर जब आपके घर में छोटे बच्‍चे हों। आपको गले की खराश के ल‍िए रात के समय दोहर या चादर का इस्‍तेमाल करना चाह‍िए और हॉर्फ स्‍लीव के नाइट सूट या नाइट ड्रेस पहनकर सोना अवॉइड करना चाह‍िए। जो लोग बाहर से घर आकर पंखा चला लेते हैं उन्‍हें कुछ देर रुकना चाह‍िए क्‍योंक‍ि अचानक से तापमान में बदलाव आने से तबीयत ब‍िगड़ सकती है।

इस मौसम में क‍िन बातों का खयाल रखें? (Remember these during change in weather)

breathing exercise for patients

(image source:squarespace) 

  • इस मौसम में आपको व‍िटाम‍िन डी युक्‍त चीजों का सेवन करना चाह‍िए, व‍िटाम‍िन डी के सेवन से आपकी हड्ड‍ियों में दर्द और कमजोरी नहीं होती।
  • व‍िटाम‍िन डी के ल‍िए आपको हर रोज सुबह सैर पर जाना चाह‍िए।
  • मौसमी बीमार‍ियों से बचने के ल‍िए आप अंडे के सफेद भाग वाला ह‍िस्‍सा नाश्‍ते में खाएं इसके अलावा मेवे, सेब, टमाटर, आंवला को अपनी डाइट में शाम‍िल करें।
  • ज‍िन मरीजों को एलर्जी है वो घर से बाहर न‍िकलते समय मास्‍क का प्रयोग करें, इसके साथ ही सैनेटाइजर का इस्‍तेमाल करना न भूलें।
  • अगर आप हार्ट या अस्‍थमा के मरीज हैं तो सुबह उठकर ताजी हवा में ब्रीद‍िंग एक्‍सरसाइज करें और जरूरी न होने पर घर से बाहर न जाएं।
  • आधी स्‍लीव्‍स की टी शर्ट पहनने के बजाय फुल स्‍लीव्‍स की शर्ट या टी-शर्ट पहनें। 
  • आपको इस मौसम में सूप, व‍िटाम‍िन सी युक्‍त जूस, पानी का सेवन ज्‍यादा से ज्‍यादा करना है।

काढ़े से बढ़ाएं इम्‍यून‍िटी (Kadha boosts immunity)

kadha

(image source:annamodisha)

इम्‍यून‍िटी बढ़ाने के ल‍िए रोजाना काढ़े का सेवन करना चाह‍िए। आपको काढ़ा बनाते समय एक बात का खयाल रखना है क‍ि इसे ज्‍यादा न उबालें, काढ़े को ज्‍यादा देर तक उबालने से उसमें कड़वाहट तो आती ही है साथ ही पेट में जलन भी हो सकती है। काढ़े को कुछ म‍िनट के ल‍िए उबालना काफी है। काढ़ा आपकी इम्‍यून‍िटी भी बढ़ाएगा और शरीर को भी गरम रखेगा। काढ़े का सेवन करने से मौसमी बीमार‍ियों का खतरा भी कम हो जाता है और गले में खराश भी ठीक हो जाती है। इस काढ़े में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण है और ये एंटी-ऑक्‍सीडेंट भी है। इसे बनाने का तरीका बेहद आसान है आप भी काढ़ा बनाने की रेस‍िपी सीख लें।

इसे भी पढ़ें- Ayurveda: बीमारियों से बचाने और इम्‍युनिटी बूस्‍ट करने वाले काढ़े का अधिक सेवन डाल सकता है सेहत पर दुष्‍प्रभाव

काढ़ा बनाने का तरीका (How to make kadha) 

सामग्री: काढ़ा बनाने के ल‍िए आपको कच्‍ची हल्‍दी, काली म‍िर्च, आंवला, दाल चीनी, तुलसी, लौंग, इलायची, अदरक की जरूरत होगी।

व‍िध‍ि: 

  • काढ़ा बनाने के ल‍िए अदरक को अच्‍छी तरह से धोकर कूट लें। 
  • अब उसमें हल्‍दी की गांठ डालें और अच्‍छ तरह से कूटें। 
  • अब पानी को उबलने के ल‍िए गैस पर चढ़ा दें। 
  • इसमें सभी मसालों को डालकर आपको 20 से 30 म‍िनट उबलने देना है। 
  • जब पानी का रंग बदल जाए तो उसमें थोड़ा सा गुड़ डालें। 
  • अब हल्‍दी और अदरक का म‍िश्रण भी म‍िला दें। 

मरीजों से दूर रहें 

अगर आपके घर में कोई मरीज है या क‍िसी को बीमारी के लक्षण हैं तो आप उससे दूर रहें। उस व्‍यक्‍त‍ि को अलग कमरे में रखें। इसी के साथ आपको इस बात का भी ध्‍यान रखना है क‍ि बच्‍चे बीमारी से बचे रहें। बच्‍चों की साफ-सफाई पर गौर करें और उन्‍हें बेवजह घर से बाहर न न‍िकलने दें। घर में कोई बीमार है तो पर‍िवार के सभी सदस्‍यों को ताजे फल और सब्‍ज‍ियों का सेवन करना चाह‍िए ज‍िससे उनकी रोग प्रत‍िरोधक क्षमता बनी रहे। फल और सब्‍ज‍ियों में एंटी-ऑक्‍सीडेंट्स होता है ज‍िससे आप वायरस के प्रकोप से बच सकते हैं।

बदलते मौसम में आपको तबीयत ठीक न महसूस हो तो डॉक्‍टर से सलाह लें और बीमारी बढ़ने का इंतजार न करें, मौसमी बीमार‍ियां एक से दूसरे व्‍यक्‍त‍ि भी फैलकर पूरे घर को बीमार कर सकती हैं इसल‍िए बीमारी का इलाज जरूरी है।

(main image source:vegbuffet,cloudfront)

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