
कुछ रोग ऐसे होते हैं जिनकी वजह लोगों उठने और बैठने में परेशानी होने लगती है। रीढ़ की हड्डी में किसी भी तरह की समस्या होने पर व्यक्ति को बैठने में दिक्कत होती है। रीढ़ की हड्डी के ब्लॉक में समस्या होने पर इसके बीच से निकलने वाली नसों पर दबाव उत्पन्न होता है। इस वजह से व्यक्ति को दर्द, झुनझुनी और मांसपेशियों में कमजोरी होने लगती है। स्पाइनल स्टेनोसिस गर्दन के पास या पीठ के निचले हिससे पर होती है। इस लेख में आपको स्पाइनल स्टेनोसिस के कारण और इसके इलाज के बारे में बताया गया है। इस समस्या पर हमने सीके बिरला अस्पताल के डॉ. अश्वनी मैचंद ने बात कि तो उन्होंने इस रोग के मुख्य कारण और इलाज को आगे विस्तार से बताया।
स्पाइनल स्टेनोसिस किन कारणों से होता है? What Causes of Cervical Spinal Stenosis in Hindi
स्पाइनल स्टेनोसिस तब होता है जब रीढ़ की हड्डी के अंदर का स्थान बहुत छोटा हो जाता है। यह रीढ़ की हड्डी और उसके अंदर से गुजरने वाली नसों पर दबाव डाल सकता है। सर्वाइकल स्पाइनल स्टेनोसिस पीठ के निचले हिस्से और गर्दन में होता है। आगे आपको गर्दन पर होने वाले सर्वाइकल स्पाइनल स्टेनोसिस के कारण बताए गए हैं।
- इंटरवर्टेब्रल डिस्क का लिक्विड समाप्त होने की वजह से गर्दन में सर्वाइकल स्पाइनल स्टेनोसिस की समस्याए हो सकती है। इसके चलते डिस्क की ऊंचाई कम हो जाती है और स्पाइनल कैनाल व हड्डी पीछे की ओर से बढ़ जाती है।
- रीढ़ की हड्डी के छोटे जोड़ और स्नायुबंधन भी रीढ़ की हड्डी की नहर और इंटरवर्टेब्रल फोरमैन को और संकीर्ण करने के लिए मोटा और कठोर बनाते हैं।
- बोन स्पर्स ((Bone Spurs - ऑस्टियोफाइट्स) की वजह से नसें और रीढ़ की हड्डी संकुचित हो जाती है।
- स्पोंडिलोलिस्थेसिस (Spondylolisthesis) में रीढ़ की हड्डी के ब्लॉक्स एक दूसरे के साथ रगड़ने लगते हैं।
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स्पाइनल स्टेनोसिस में क्या लक्षण होते हैं? Symptoms of Cervical Spinal Stenosis in Hindi
- हाथ व पैरों का सुन्न होना,
- चलने और संतुलन बनाने में समस्या होना,
- हाथ व पैरों में झुनझुनी या कमजोरी,
- गर्दन में दर्द होना,
- आंतों व ब्लैडर में समस्या होना।
सर्वाइकल स्पाइनल स्टेनोसिस में का इलाज कैसे होता है? Treatment Of Cervical Spinal Stenosis in Hindi
दवाएं
इस रोग में डॉक्टर दवाओं के इस्तेमाल से मरीज के दर्द को कम करने का प्रयास किया जाता है। दवाओं से गर्दन के पिछले हिस्से पर होने वाली जलन और सूजन को दूर किया जाता है।
थैरेपी
सर्वाइकल स्पाइनल स्टेनोसिस में थैरेपी लेने की सलाह दी जाती है। इसमें डॉक्टर फिजियोथैरेपी और एक्यूपेंचर से इलाज करते हैं। इसमें हॉट और आइस पैक से मसाज को शामिल किया जाता है।
सर्जरी
अगर मरीज को ज्यादा परेशानी हो तो उसका इलाज सर्जरी के द्वारा किया जाता है। इसके लिए कई तरह सर्जरी को शामिल किया जाता है, जो रीढ़ की हड्डी और नसों पर होने वाले दबाव को दूर करने का काम करती हैं।
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क्या कहते हैं डॉक्टर
सीके बिरला अस्पताल के डॉ. अश्वनी मैचंद ने बताया कि उनके अस्पताल बीते दिनों ऑस्टेलिया से सर्वाइकल स्पाइनल स्टेनोसिस का एक मरीज भारत आया था। मरीज की समस्या इतनी गंभीर थी कि उन्हें चलने में भी परेशानी हो रही थी। रोग की वजह से उनके पैर सुन्न हो गए थे। डॉक्टर ने बताया कि इस तरह के रोग का इलाज बेहद मुश्किल भरा होता है। लेकिन डॉक्टरों की टीम से रोबोट की मदद से मरीज का सफल इलाज किया और अब मरीज को काफी आराम मिला है।
रीढ़ की हड्डियों से गुजरने वाली नसों में समस्य होने पर आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि इस समस्या में आपको गंभीर लक्षण दिखाई दें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।