हर बच्चा अपने आप में बेहद खास, स्पेशल और यूनिक होता है। उसका वजन, लंबाई चेहरे का कलर सब कुछ भगवान की देन होती है। लेकिन कभी-कभी कम वजन के कारण या कम लंबाई के कारण उसे शर्मिंदगी का सामना उठाना पड़ता है। बता दें कि व्यक्ति की हाइट नहीं बढ़ती है तो उसे बौने की कैटेगरी में डाल देते हैं। पर सवाल यह है कि हाइट ना बढ़ने के पीछे क्या कारण होता है? बता दें कि छोटे कद वाले बच्चों के प्रकार प्रोपोर्शनेट और डिस्प्रापोर्शनेट शॉर्ट स्टैचर होते हैं जो लोग प्रोपोर्शनेट से पीड़ित होते हैं तो उनके शरीर का हर हिस्सा छोटा होता है वहीं जो लोग डिसप्रोपोर्शन शॉर्ट का शिकार होते हैं उनके बैठने और खड़े होने की लंबाई थोड़ी अलग होती है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि बच्चों में बौनेपन के कारण क्या होते हैं। साथ ही लक्षण और इलाज के बारे में भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...
बच्चों में बौनेपन के लक्षण
1 - हाथ पैरों का छोटा होना।
2 - सिर का ज्यादा बड़ा होना।
3 - कद छोटा होना।
4 - टांगों का मुड़ा हुआ महसूस करना।
5 - जांघ और बांह का इससे ज्यादा छोटा होना।
6 - मांसपेशियों मैं ठीक प्रकार से ज्यादा खिंचाव ना हो पाना।
7 - शरीर के सभी अंगो का असामान्य दिखना।
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बच्चों के बौनेपन के पीछे होने वाले कारण
आमदतौर पर बौनेपन के पीछे कई कारण छिपे होते हैं। वही इस स्थिति से 15,000 में से एक बच्चा प्रभावित हो सकता है। इसके ऊपर एक रिसर्च भी सामने आई है। रिसर्च पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। बौनेपन के निम्न कारण इस प्रकार हैं-
1 - मुख्यतौर पर बौनेपन के पीछे का कारण माता-पिता का बौना होना होता है। यानी कि ये समस्या बच्चों में जेनेटिक हो सकती है।
2 - बच्चे एंडोक्राइन डिसऑर्डर का शिकार हो जाते हैं तब भी उनके शरीर की शारीरिक बनावट में कमी आ सकती है।
3 - जब बच्चे के शरीर में कोई गलत हड्डी का विकास होने लगता है तब भी यह समस्या हो सकती है।
4 - जब बच्चों का विकास और उनका शरीर सही समय पर विकसित नहीं हो पाता है तब भी यह समस्या हो सकती है।
5 - जब बच्चों को उचित मात्रा में जरूरी पोषण नहीं मिल पाता है तब भी यह समस्या हो सकती है।
6 - जब बच्चे सिस्टमिक डिसऑर्डर का शिकार हो जाते हैं तब भी इस प्रकार की समस्या हो सकती है।
बच्चों में बौनेपन की समस्या से बचाव
बता दें कि बच्चों में बौनेपन की समस्या से बचाव होना मुमकिन नहीं है। क्योंकि इसके पीछे कई कारण छिपे होते हैं। लेकिन इसका मुख्य कारण जेनेटिक है। इसके अलावा अगर बच्चे के अंदर किसी और कारण की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई है तो माता-पिता को तुरंत इस समस्या का इलाज कराना चाहिए।
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डॉक्टर कैसे पता लगाए लगाते हैं इस समस्या का
ध्यान दें कि डॉक्टर अल्ट्रासाउंड, शरीर की एग्जामिनेशन, एक्स-रे आदि के कारण इस समस्या का पता लगाते हैं।
1 - एक्स-रे के माध्यम से डॉक्टर शरीर की लंबी हड्डियों का पता लगाते हैं।
2 - शरीर की एग्जामिनेशन के माध्यम से डॉक्टर सिर के आगे और पीछे के आकार पर फोकस करते हैं।
3 - अल्ट्रासाउंड के माध्यम से मां के अंदर पल रहे बच्चे के आस-पास यदि ज्यादा एमनियोटिक द्रव जब मौजूद होता है तो इससे ज्ञात हो सकता है कि बच्चा बौनेपन का शिकार भविष्य में हो सकता है।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि बच्चों में बौनेपन की समस्या कई कारणों से हो सकती है लेकिन अगर बच्चों में शुरुआती दिनों में ये लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
इस लेख में फोटोज़ Shutterstock से ली गई हैं।
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