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त्वचा पर चकत्तों के साथ मांसपेशियों में कमजोरी है डर्मेटोमायोसाइटिस का संकेत, जानें इसके कारण और लक्षण

कई रोग में आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता गलती से आपकी ही स्वस्थ कोशिकाओं को नुकासान पहुंचाने लगती हैं। इस लेख में जानते हैं कि डर्मेटोमायोसाइटिस के कारण और लक्षण क्या हो सकते हैं?
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त्वचा पर चकत्तों के साथ मांसपेशियों में कमजोरी है डर्मेटोमायोसाइटिस का संकेत, जानें इसके कारण और लक्षण

कुछ लोगों को अक्सर थकान और कमजोरी बनी रहती है। इसके साथ ही, व्यक्ति को स्किन से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। यह रोग डर्मेटोमायोसाइटिस की ओर संकेत करता है। डर्मेटोमायोसाइटिस (Dermatomyositis) एक दुर्लभ बीमारी मानी जाती है। लेकिन, इस बीमारी में व्यक्ति को मांशपेशियों में दर्द, कमजोरी और त्वचा पर चकत्ते बनने की समस्या हो सकती है। यह मायोपैथी का ही एक रूप है। इस समस्या में व्यक्ति को सांस लेने और निगलने की क्षमता को प्रभावित करता है। यदि आपको भी डर्मेटोमायोसाइटिस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो ऐसे में आपको इसका इलाज सही समय पर शुरू करना बेहद आवश्यक होता है। सही समय पर इलाज न मिलने की वजह से डर्मेटोमायोसाइटिस में कुछ मरीजों को कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। इस लेख में नारायणा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर गौरव जैन से जानते हैं कि डर्मेटोमायोसाइटिस के क्या कारण और लक्षण होते हैं?

डर्मेटोमायोसाइटिस के कारण - Causes Of Dermatomyositis In Hindi 

डर्मेटोमायोसाइटिस का सटीक कारण अभी पूरी तरह से पता नहीं लगाया गया है, लेकिन यह एक ऑटोइम्यून रोग माना जाता है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपनी ही स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करने लगती है। इसके कुछ कारकों को आगे बताया गया है।

ऑटोइम्यून रिस्पांस (Autoimmune Response)

यह रोग तब विकसित होता है जब प्रतिरक्षा प्रणाली मांसपेशियों और त्वचा की कोशिकाओं को बाहरी तत्व समझकर नष्ट करने लगती है। इससे सूजन और कमजोरी विकसित होती है।

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आनुवंशिक कारण (Genetic Factors)

यदि परिवार में किसी को पहले से ऑटोइम्यून रोग हुआ हो तो ऐसे में अगली पीढ़ी में डर्मेटोमायोसाइटिस होने की संभावना बढ़ जाती है।

वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण (Viral and Bacterial Infections)

वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली अत्यधिक सक्रिय हो जाती है, जिससे यह रोग विकसित हो सकता है।

पर्यावरणीय कारण (Environmental Factors)

अल्ट्रवायलेट रेज (UV Rays), कीटनाशकों (Pesticides), और अन्य हानिकारक रसायनों के संपर्क में आने से भी यह बीमारी विकसित हो सकती है।

डर्मेटोमायोसाइटिस के लक्षण - Symptoms Of Dermatomyositis in Hindi 

डर्मेटोमायोसाइटिस के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और समय के साथ गंभीर हो सकते हैं। इसके कुछ लक्षणों को आगे बताया गया है।

  • स्किन पर रैशेज लाल और बैंगनी रंग के चकत्ते दिखाई दे सकते हैं। यह चकत्ते चेहरे, पलकों, गर्दन, छाती, कोहनी और घुटनों पर उभरते हैं। धूप में रहने की वजह से यह रैशेज और अधिक गहरे हो सकते हैं।
  • इस समस्या में व्यक्ति की मुख्य मांसपेशियां जैसे गर्दन, कूल्हे, जांघों की मांसपेशियां कमजोर (Muscle Weakness) होने लगती है। इसकी वजह से मरीज को चलने, उठने बैठने और सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी होती है।
  • इस रोग जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या (Joint Pain and Swelling) हो सकती है।
  • इस रोग में मरीज को भोजन निगलने में परेशानी हो सकती है, क्योंकि इसमे ग्रास नली (Pharynx) की मांसपेशियां भी प्रभावित होती हैं।
  • मरीज को हर समय थकान बनी रहती है और उसे किसी काम को करने मन नहीं करता है।
  • कुछ मामलों में, यह रोग फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

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डॉक्टर इस रोग की पहचान के लिए मरीज को ब्लड टेस्ट, मांसपेशियों का बायोप्सी (Muscle Biopsy), इलेक्ट्रोमायोग्राफी (Electromyography - EMG) और एमआरआई करने की सलाह देते हैं। इस समस्या में व्यक्ति को त्वचा की देखभाल करने की आवश्यकता होती है। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह रोग शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। इसका लक्षण दिखाई देने पर आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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