त्वचा की खूबसूरती के लिए अपनाएं कार्बोक्सी थैरेपी, जानें क्या है ये

कार्बोक्सीथेरेपी चिकित्सा के दौरान त्वचा में कार्बनडाइआक्साइड का इंजेक्शन लगाया जाता है, जिससे नयी रक्त कोशिकायें बनती हैं।
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त्वचा की खूबसूरती के लिए अपनाएं कार्बोक्सी थैरेपी, जानें क्या है ये


आज जहां बाज़ार में प्रतिदिन नये सौंदर्य प्रसाधन और नयी तकनीक आ रही है, वहीं त्वचा से सम्बन्धी समस्याओं की सूची भी कुछ कम नहीं हैं। हम सभी चाहते हैं बेदाग और खिली–खिली त्वचा। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपकी त्वचा हमेशा ऐसी ही दिखे तो इसके लिए आपको अपनी त्व‍चा का ख्याल रखना होगा। त्वचा में किसी भी प्रकार के परिवर्तन का इलाज जितनी जल्दी हो करा लें, फिर चाहे आंखों के नीचे काले घेरे हों या स्ट्रैच मार्क।

उम्र के साथ त्वचा में आता है बदलाव

उम्र के साथ झुर्रियों का पड़ना भी आम है, लेकिन अगर समय से पहले आपके चेहरे पर झुर्रियां पड़ रही हैं या आपका सौंदर्य प्रभावित हो रहा है तो इसे अस्वीकार करें और इसका समाधान निकालें। स्ट्रैच मार्क, आंखों के नीचे काले घेरे या एक्ने जैसी समस्या से हालांकि किसी प्रकार की पीड़ा नहीं होती ना ही यह खतरनाक होते हैं। लेकिन इनसे साइकालाजिकल समस्याएं भी हो सकती हैं क्योंकि इनसे होने वाले तनाव भी कुछ कम नहीं होते। आज ऐसी समस्याओं को स्वीकार कर लेना कोई समाधान नहीं बल्कि‍ चिकित्सा के तरीके अपनाना अच्‍छा है।

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कार्बोक्सी थैरेपी के फायदे

कार्बोक्सीथेरेपी जैसी नयी तकनीक से ऐसी समस्याओं का इलाज बहुत आसानी से सम्भव हो पाया है। अपनी त्वचा का ख्याल रख आप स्वस्थ‍ त्वचा तो पा ही सकते हैं, साथ ही आकर्षण का पात्र भी बन सकते हैं। दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल के कास्मेटिक सर्जन डाक्टर अनूप धीर के अनुसार कार्बोक्सीथेरेपी स्ट्रैच मार्क, सेल्युलाइट और आंखों के नीचे काले घेरों से बचने का सरल और सस्ता उपाय है।

क्या है कार्बोक्सी थैरेपी

कार्बोक्सीथेरेपी चिकित्सा के दौरान त्वचा में कार्बनडाइआक्साइड का इंजेक्शन लगाया जाता है, जिससे नयी रक्त कोशिकायें बनती हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि अगर इसे सेप्टिक तरीके से किया जाये तो इससे किसी भी प्रकार के अतिरिक्त प्रभाव नहीं होते। इस चिकित्सा में आने वाले एक सिटिंग का खर्च सिर्फ 3000 से 4000 रूपये तक का है। स्ट्रैच मार्क अकसर गर्भावस्था के बाद या किशोरावस्था के दौरान होते हैं और ऐसा त्वचा के खिंचाव के कारण होता है।

नई है ये तकनीक

कार्बोक्सीथेरेपी का प्रयोग सेल्युलाइट्स से बचाव के लिए भी किया जाता है। जहां पहले स्ट्रैच मार्कस हटाने के लिए लेज़र तकनीक का प्रयोग होता था, वहीं आज कार्बोक्सीथेरेपी जैसी नान सर्जिकल प्रक्रिया का प्रयोग हो रहा है जो कि बहुत सुरक्षित है।

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भारत में हो रहा है पॉपुलर

नई दिल्ली के न्यू लुक कास्मेटिक लेज़र क्ली‍निक में कार्यरत वरिष्ठ कास्मे‍टिक सर्जन डा प्रीतम पंकज के अनुसार भारत में अधिकतर लोग सेल्युलाइट रिडक्शन और स्ट्रैच मार्क के इलाज के लिए कार्बोक्सीथेरेपी को पसंद कर रहे हैं। यह चिकित्सा बहुत ही सुरक्षित है और कम समय लेने वाली है इसलिए आफिस जाने वाले लोग भी आसानी से इसका लाभ उठा सकते है। इस चिकित्सा की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें किसी प्रकार का दर्द नहीं होता। सावधानी के तौर पर आपको सिटिंग के 4-5 घंटों बाद तक नहाना नहीं चाहिए और ना ही स्वीमिंग पूल में उतरना चाहिए। निशान, एक्ने और स्ट्रैच मार्क से बचने का यह एक आसान और कारगर उपाय है। कार्बोक्सीथेरेपी को अगर लीपोसक्शन जैसी दूसरी थेरेपी के साथ में किया जाये तो यह ज्यादा फायदेमंद सिद्ध हो सकती है।

कार्बोक्सीथेरेपी क्यों है खास

  • यह झुर्रियों को अलविदा कहने का आसान उपाय है।
  • अगर आप स्ट्रैच मार्क से परेशान हैं और अपनी चिकित्सा को अधिक समय नहीं देना चा‍हते हैं तो आपके लिए यह चिकित्सा की सही तकनीक है।
  • इसमें आपको सिर्फ 10 से 20 सिटिंग लेनी होगी।
  • अन्य ‍चिकित्सा की तरह यह बहुत महंगी भी नहीं है। आपको 1 सि‍टिंग के 3000 से 4000 तक खर्च करने होंगे ।

अगर उम्र के असर को बेअसर करने की कोई ऐसी तकनीक मिल जाये जो सुरक्षित भी हो और कम समय लेने वाली हो तो इससे अच्छा आपके लिए क्या हो सकता है। अपना सौंदर्य बरकरार रखने के लिए ऐसी तकनीक ही अपनायें जो सुरक्षित हो क्योंकि आपकी त्वचा है खास आपके लिए।

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