मिर्च खाएं और दूर करें फेफड़ों के कैंसर का खतरा, इस खास तत्व के कारण बेस्ट एंटी-कैंसर फूड है मिर्च

नई रिसर्च में इस बात का पता चला है कि मिर्च में एक खास तत्व मौजूद होता है, जो फेफड़ों के कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर देता है, पढ़ें रिपोर्ट।
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मिर्च खाएं और दूर करें फेफड़ों के कैंसर का खतरा, इस खास तत्व के कारण बेस्ट एंटी-कैंसर फूड है मिर्च


क्या आपको भी तीखा खाना बहुत पसंद है? आमतौर पर भारतीय खानों में ढेर सारे मिर्च-मसालों का प्रयोग किया जाता है। मगर ज्यादातर लोग खाने में मिर्च का प्रयोग खाने को तीखा और स्वादिष्ट बनाने के लिए करते हैं। अगर आपको भी मिर्च के बिना खाना अच्छा नहीं लगता है, तो खुश हो जाइए क्योंकि हाल में हुए एक शोध के बाद वैज्ञानिकों ने बताया है कि मिर्च खाने से आप कैंसर के खतरे को बहुत हद तक कम कर सकते हैं। जी हां, वैज्ञानिकों ने मिर्च में एक खास तत्व पाया जाता है, जो फेफड़ों को कैंसर से बचाता है। इस तत्व को कैप्साइसिन कहते हैं।

तेजी से बढ़ रही है कैंसर की बीमारी

अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार कैंसर दुनियाभर में महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही मौत का सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है। दुनिया भर में करोड़ों कैंसर के मरीज हर साल अपना जीवन खो रहे हैं। फेफड़ों के कैंसर से भी हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। मगर नया शोध में इस बात का समर्थन करता है कि अगर आप मिर्च खाते हैं, तो आपको भविष्य में फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। मिर्च में पाया जाने वाला कैप्साइसिन तत्व ह्यूमन सेल्स को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

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भारतीय मूल की महिला वैज्ञानिक ने किया शोध

यह शोध भारतीय मूल की महिला वैज्ञानिक पियाली दासगुप्ता ने किया है, जो मार्शल यूनिवर्सिटी की Joan C. Edwards School of Medicine से पीएचडी हैं। इस शोध में उनके साथ जैमी फ्राइडमैन भी शामिल थे, जो डॉक्टरल रिसर्चर हैं और पियाली दासगुप्ता की ही लैब में काम करते हैं। इस स्टडी को पिछले दिनों फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में अमेरिकन सोसायटी फॉर इन्वेस्टिगेटिव पैथोलॉजी की सालाना मीटिंग के दौरान प्रस्तुत किया गया।

जानें कैसे किया गया रिसर्च

ये स्टडी कैसे की गई, इस बात को समझने के लिए सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि कैंसर क्यों खतरनाक हैं। तो आइए हम इसे आपको आसान भाषा में बताते हैं। दरअसल कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर की कुछ स्वस्थ सेल्स पर विशेष प्रकार के वायरस हमला कर देते हैं, जिसके कारण ये सेल्स अपने आप बिना किसी कारण बढ़ने लगती है। एक सेल कई अन्य सेल्स में बंटकर अपनी संख्या बढ़ाती जाती है और फैलते हुए शरीर के हिस्से को शिकार बनाती जाती है। इस प्रक्रिया को मेटास्टेसिस कहते हैं।

अब यह समझिए कि वैज्ञानिकों ने इस रिसर्च को कैसे किया है। तो रिसर्च पेपर के अनुसार इस शोध के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने मिर्च में पाए जाने वाले कैप्साइसिन तत्व को फेफड़ों में पाए जाने वाले 3 अगल-अलग नॉन-स्मॉल कैंसर सेल्स के साथ टेस्ट किया। टेस्ट में पाया गया कि कैप्साइसिन कंपाउंड फर्स्ट स्टेज मेटास्टेसिस को रोकने में बहुत काफी हद तक सक्षम है। यही कैंसर की पहली स्टेज होती है, जिसे इन्वेसन (Invasion) कहते हैं। यह शोध चूहों पर किया गया है।

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अभी और ज्यादा शोध की जरूरत है

फ्राइडमैन और उनकी टीम ने लंग कैंसर के लक्षणों वाले चूहों को कैप्साइसिनयुक्त भोजन दिया। उन्होंने पाया कि ऐसे चूहे जिन्हें कैप्साइसिन वाले फूड्स दिए गए, उनके शरीर में मेटास्टैटिक कैंसर सेल्स का आकार उन चूहों की अपेक्षा बहुत कम हो गया था, जिन्होंने कैप्साइसिन का सेवन नहीं किया था। हालांकि यह शोध अभी छोटे जानवरों पर किया गया है और इंसानों पर इस रिसर्च के परिणाम कितने कारगर होंगे, इस संबंध में अभी और ज्यादा शोध की जरूरत है।

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