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क्या तेज गर्मी के कारण भी गर्भपात हो सकता है? डॉक्टर से समझें पूरी बात

क्या आप जानते हैं कि गर्मी के दिनों में मिसकैरिज होने की संख्या बढ़ जाती है। जानिए, इस संबंध में विशेषज्ञों की क्या राय है और इससे बचने के तरीके। 

Meera Tagore
Written by: Meera TagoreUpdated at: Mar 27, 2023 18:13 IST
क्या तेज गर्मी के कारण भी गर्भपात हो सकता है? डॉक्टर से समझें पूरी बात

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आमतौर पर मिसकैरिज क्यों हो रहा है, इसकी वजह स्पष्ट नहीं होती है। ऐसे में हर गर्भवती महिला को अपने स्वास्थ्य का ध्यान काफी ज्यादा रखना होता है ताकि इस तरह की आपात स्थिति का सामना न करना पड़े। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्मी के दिनों में मिसकैरिज की आशंका बढ़ जाती है? जी, हां। ऐसा होता है। एक अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि गर्मी के महीनों में गर्भपात या गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इस अध्ययन में कहा गया है कि 30 प्रतिशत तक गर्भधारण का पता चलने के 20 सप्ताह से पहले मिसकैरिज हो जाता हो जाता है। यह रिपोर्ट जर्नल एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित हुई है। नई दिल्ली स्थित शांता फर्टिलिटी सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुभा सिंह इस संबंध में जरूरी जानकारी दे रही हैं। आप भी जानिए, उनकी राय क्या है और आप गर्मी के कारण हो रहे गर्भपात से कैसे बच सकते हैं।

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गर्मी और गर्भावस्था के बीच संबंध

विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी के दिनों में गर्भपात की आशंका इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि इन दिनों शरीर का तापमान काफी ज्यादा बढ़ जाती है। शरीर के एवरेज तापमान में बढ़ोत्तरी होने की वजह से गर्भपात हो सकता है। हालांकि, हर बार ऐसा हो, यह जरूरी नहीं है। इसके बावजदू गर्भवती महिलाओं को सतर्क और सजग रहना चाहिए। एक अध्ययन द्वारा इस बात की पुष्टि भी हुई है। बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (बीयूएसएचपी) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, साल के अन्य दिनों की तुलना में गर्मियों में मिसकैरिज की आशंका काफी ज्यादा बढ़ जाती है। अध्ययन में विशेषकर इस बात पर जोर दिया गया है, गर्भावस्था के शुरुआती महीने यानी शुरुआती 8 सप्ताह के अंदर मिसकैरिज की आशंका ज्यादा होती है। हालांकि, यह भी सच है कि मिसकैरिज के पीछे अन्य वजहें भी हो सकती हैं। लेकिन गर्मी में इसका रिस्क बढ़ जाता है।

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गर्मी में मिसकैरिज से कैसे बचें

चूंकि, गर्मी के दिनों में महिलाओं के शरीर का तापमान बढ़ जाता है, इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। कई बार बॉडी के ओवरहीट होने के दौरान सिरदर्द, चक्कर आना, मसल्स में दर्द होना, मितली आना और बहुत ज्यादा पसीना आने जैसी समस्या हो सकती है। ऐसा आपके साथ हो, तो अपनी स्थिति को हल्के में न लें। ऐसा कुछ भी हो, तो तुरंत स्वास्थ्य का ध्यान रखें और निम्न उपायों को अमल में लाएं।

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खूब पानी पिएंः प्रेग्नेंट वूमेन को गर्मी के दिनों में अगर बहुत ज्यादा पसीना आए, अक्सर तबियत खराब लगे, तो हमेशा पानी पीते रहें। पानी से शरीर का तापमान सामान्य रहता है। इसके अलावा, आप कुछ खास किस्म की लिक्विड चीजें पी सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि कैफीन बेस्ड ड्रिंक्स पीने से बचें। इस तरह के ड्रिंक्स बच्चे और मां, दोनों के लिए सही नहीं होते हैं।

सूती के कपड़े पहनेंः प्रेग्नेंट महिलाएं कोशिश करें कि गर्मी के दिनों में कम से कम बाहर जाएं। अगर बाहर जाना ही पड़े, तो सूती के कपड़े पहनें। कपड़े ज्यादा टाइट फिटिंग नहीं होने चाहिए। विशेषज्ञ इन दिनों हल्के रंग के कपड़े पहनने का सुझाव देते हैं।

आउटडोर एक्सरसाइज न करेंः गर्भवती महिलाओं को एक्सपर्ट से पूछकर ही एक्सरसाइज करनी चाहिए। अगर, एक्सरसाइज आपकी लाइफस्टाइल का हिस्सा है, तो घर के अंदर या छाव में ही एक्सरसाइज करें। विशेषज्ञ गर्मी के दिनों में ऐसी जगह पर एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं, जहां एसी लगा हुआ हो। इससे गर्मी में आपकी बॉडी का टेंप्रेचर नहीं बढ़ेगा, जिससे मिसकैरिज की आशंका में कमी आएगी।

दो बार शॉवर लेंः गर्मियों के दिनों में प्रेग्नेंट महिलाओं को सादे पानी से दो बार नहाना चाहिए। खासकर, अगर महिला घर में कुकिंग का काम करती है, तो इससे शरीर का तापमान बढ़ सकता है। गर्मी के दिनों में दो बार नहाने से तापमान सामान्य रहेगा, जिससे गर्भवती महिला का स्वास्थ्य सही रहेगा।

image credit: freepik

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