सोरायसिस एक ऑटोइम्यून विकार है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करता है। इस समस्या में स्किन में लाल, पपड़ीदार धब्बे बनने लगते हैं। सोरायसिस होने के कई कारण हो सकते हैं। डॉक्टर के अनुसार इस रोग की वजह से व्यक्ति को कई अन्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। कुछ विशेषज्ञ सोरायसिस के कारण हृदय रोग की संभावना को स्वीकार करते हैं। अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के त्वचारोग विशेषज्ञ डॉ. शरीफा चौसे से जानते हैं कि सोरायसिस में किस तरह से हार्ट रोग होने का खतरा अधिक होता है।
सोरायसिस क्यों होता है?
हृदय रोग के साथ संभावित संबंध पर चर्चा करने से पहले सोरायसिस को समझना आवश्यक है। दरअसल, सोरायसिस रोग की समस्या तब होती है जब इम्यून सिस्टम गलती से स्वस्थ स्किन सेल्स को डैमेज करने लगता है। इससे तेजी से सेल्स में बदलाव होता है और त्वचा पर पपड़ीदार पैच का निर्माण होता है। सोरायसिस का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसमें आनुवंशिक और इंवायरोमेंटल कारक शामिल हो सकते हैं।
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सोरायसिस में सूजन होना
सोरायसिस में सूजन हो सकती है, क्योंकि इम्यून सेल्स सूजन प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकते हैं, जो स्किन सेल्स के निर्माण को तेज करते हैं। सोरायसिस में पुरानी सूजन हृदय रोग सहित अन्य रोगों का जोखिम भी बढ़ा देती हैं।
सोरायसिस-हृदय रोग का संबंध
सोरायसिस की समस्या हृदय रोगों के बढ़ते जोखिम से जुड़ी हो सकती है। सोरायसिस से पीड़ित व्यक्तियों में दिल के दौरे, स्ट्रोक और अन्य हृदय संबंधी घटनाओं का अनुभव होने की संभावना अधिक होती है।
- सूजन : सोरायसिस में होने वाली पुरानी सूजन एथेरोस्क्लेरोसिस को बढ़ाने में सहायक हो सकती है। इस स्थिति में फैट धमनियों (नसों) के अंदर जमा हो जाता है, इससे ब्लड वेसल सिकुड़ जाती हैं और ऐसे में दिल का दौरा व स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है।
- हृदय रोग को बढ़ाने वाले अन्य कारक : सोरायसिस में मोटापा, हाई बीपी और इंसुलिन प्रतिरोध जैसे रोग हो सकते हैं। यह सभी बीमारी हृदय रोग का मुख्य कारक मानी जाती हैं।
- इम्यून सिस्टम में गिरावट : सोरायसिस, एक ऑटोइम्यून विकार है। यह इम्यून सिस्टम को कमजोर करती है, जिससे एंडोथेलियल डिसफंक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। एंडोथेलियल डिसफंक्शन, एक ऐसी स्थिति जहां ब्लड वेसल की आंतरिक परत डैमेज हो जाती है।
- लंबे समय से तनाव : सोरायसिस में मरीज को शारीरिक परेशानी के साथ ही मानसिक रूप से भी तनाव का सामना करना पड़ता है। लंबे समय से तनाव के कारण हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
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सोरायसिस और हृदय रोग के बीच संबंध पर फिलहाल रिसर्च कार्य जारी है। इस रोग के हार्ट पर पड़ने वाले प्रभावों और अन्य समस्या होने के जोखिम के बारे में पता लगाने के लिए रिसर्च की जा रही हैं। सोरायसिस की स्थिति में ज्यादा समस्या होने पर आप तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें।