
मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए मेडिटेशन करने की सलाह दी जाती है। मेडिटेशन करने से दिमाग शांत होता है और फोकस बढ़ता है। मेडिटेशन की मदद से मेमोरी को मजबूत करने में मदद मिलती है। लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि मेडिटेशन मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है। ब्राउन यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने साल 2017 में एक स्टडी की। इस स्टडी के मुताबिक, मेडिटेशन करने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। आइए जानते हैं मेडिटेशन, मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित कर सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।

क्या मेडिटेशन करने से मानसिक समस्याएं होती हैं?
डॉ नेहा ने बताया कि गलत तरीके से मेडिटेशन करेंगे, तो मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। इसके कारण मानसिक बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। हाई बीपी के मरीजों को अकेले में मेडिटेशन नहीं करना चाहिए। कई बार मरीज मेडिटेशन के कारण अपनी जिंदगी से जुड़ी नकारात्मक बातों की तरफ चले जाते हैं। किसी भी मेडिटेशन एक्सपर्ट या काउंसलर के लिए आपको ये सीखाना मुमकिन नहीं है कि आप ध्यान करते समय अच्छा सोचें। लेकिन ऐसा न करने के कारण व्यक्ति मेडिटेशन के नुकसान का शिकार हो जाता है।
इसे भी पढ़ें- मेडिटेशन करना चाहते हैं मगर वक्त नहीं है? जानें कहीं भी- कभी भी मेडिटेशन करने के 5 आसान तरीके
1. एंजायटी अटैक आ सकता है
ज्यादा मेडिटेशन के कारण व्यक्ति डर या गुस्से में आ सकता है। इसके कारण एंजायटी अटैक आ सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेडिटेशन करने से सभी प्रकार की भावनाएं उजागर हो जाती हैं। मेडिटेशन करने से व्यक्ति को अपनी जिंदगी से जुड़े दर्दनाक हादसे भी याद आ सकते हैं। इन्हें याद करके व्यक्ति दोबारा चिंता से घिर सकता है।
2. तनाव बढ़ता है
मेडिटेशन करने से आप लोगों से दूरी बना सकते हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो ध्यान करने से तन और मन पर पॉजिटिव प्रभाव के साथ-साथ नेगेटिव प्रभाव भी पड़ता है। मेडिटेशन नकारात्मक विचारों को भी प्रेरेित करता है। आपको दुनिया से अलग होने का एहसास होता हे। मेडिटेशन, लोगों से जुड़े रहने की भावना को कम कर देता है। लोगों से दूर होने के कारण व्यक्ति तनाव में रहने लगेगा।
3. डिप्रेशन हो सकता है
मेडिटेशन से मोटिवेशन में कमी आ सकती है। कुछ शोधकर्ता ऐसा मानते हैं कि मेडिटेशन करने से व्यक्ति को वैराग्य जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। इसके चलते व्यक्ति का अपने काम में रूचि लेना कम हो सकता है। काम में मन न लग पाना भी डिप्रेशन या तनाव का एक कारण बन सकता है। द अमेरिकन साइकोसोमेटिक सोसायटी की एक स्टडी में इस बात को उजागर किया गया है, कि जो लोग ज्यादा ध्यान करते हैं उन्हें अनिद्रा की समस्या हो सकती है। अनिद्रा के कारण व्यक्ति डिप्रेशन या अन्य मानसिक बीमारी का शिकार हो सकता है।
मेडिटेशन को न बनाएं लंबा
अगर मेडिटेशन करने से आपको खुद में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं, तो 15 से 20 मिनट से ज्यादा ध्यान न रखें। ऐसा नहीं है कि कुछ देर मेडिटेट करने से उसके फायदे नहीं मिलेंगे। 10 से 15 मिनट मेडिटेशन करके भी उसके फायदे पा सकते हैं। वहीं ऐसा जरूरी नहीं है कि मेडिटेशन करने से हर व्यक्ति को मानसिक समस्या का सामना करना पड़े। लेकिन कुछ मामलों में मेडिटेशन, मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
मेडिटेशन करने का सही तरीका
- मेडिटेशन करते समय मन को शांत रखें और गुस्से को काबू में रखें।
- मन में उठ रहे गलत विचारों को बढ़ने न दें और सोच को बदलें।
- शारीरिक रूप से बीमार हैं, तो मेडिटेशन से बचें।
- किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही मेडिटेशन करें, ताकि आपको सही और गलत तरीके का पता चले।
मेडिटेशन करने से सेहत सुधरती है, लेकिन ज्यादा मेडिटेशन करने से मेंटल हेल्थ प्रभावित हो सकती है इसलिए तय समय तक ही ध्यान करें। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version