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क्या प्रेगनेंसी में कपालभाति प्राणायाम करना चाहिए? जानें एक्सपर्ट से

प्रेगनेंसी में योगा और कसरत के दौरान डॉक्‍टर कई सावधान‍ियों को बरतने की सलाह देते हैं। ऐसे में आपको कपालभात‍ि करना चाह‍िए या नहीं? जानते हैं आगे।
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क्या प्रेगनेंसी में कपालभाति प्राणायाम करना चाहिए? जानें एक्सपर्ट से

प्रेगनेंसी में न‍ियम‍ित व्‍यायाम फायदेमंद होता है। प्रेगनेंसी में योगा या कसरत करेंगी, तो शारीर‍िक बदलावों से लड़ने में मदद म‍िलेगी। प्रेगनेंसी में कब्ज, ड‍िप्रेशन, अन‍िद्रा की समस्‍या, कमर दर्द आद‍ि से छुटकारा पाने के ल‍िए कसरत करना फायदेमंद माना जाता है। कसरत और योगासन से नॉर्मल ड‍िलीवरी की संभावना बढ़ती है। इस दौरान कसरत करने से मां और गर्भस्‍थ श‍िशु दोनों को लाभ म‍िलता है। कुछ मह‍िलाओं के मन में शंका होती है क‍ि क्‍या उन्‍हें प्रेगनेंसी में कुछ खास योगासन करने चाह‍िए या नहीं, ज‍िनमें से एक है कपालभात‍ि। कपालभात‍ि, मेटाबॉल‍िज्‍म, डाइजेशन, ब्‍लड सर्कुलेशन के ल‍िए फायदेमंद होता है। लेक‍िन प्रेगनेंसी में इसे करें या नहीं, इसका जवाब आपको आगे बताएंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने Holi Family Hospital, Delhi की डायटीश‍ियन Sanah Gill से बात की।

yoga in pregnancy

क्‍या प्रेगनेंसी में कपालभात‍ि प्राणायाम करना चाह‍िए?

प्रेगनेंसी के दौरान कपालभात‍ि प्राणायाम नहीं करना चाह‍िए। डॉक्‍टर और एक्‍सपर्ट इसे करने की सलाह नहीं देते। हालांक‍ि ऐसा नहीं है क‍ि इस प्राणायाम को करने से गर्भस्‍थ श‍िशु को कोई बड़ा नुकसान होगा लेक‍िन अन्‍य शारीर‍िक समस्‍याएं हो सकती हैं ज‍िसका बुरा असर होने वाली मां या बच्‍चे पर पड़ सकता है।

इसे भी पढ़ें- कपालभाति प्राणायाम से शरीर को होते हैं ये 10 फायदे, जानें इसे करने का सही समय और तरीका

प्रेगनेंसी में क्‍यों नहीं करना चाह‍िए कपालभात‍ि?

कपालभात‍ि प्राणायाम में जोर लगाते हुए सांस अंदर-बाहर करना होता है। इसका अभ्‍यास प्रेगनेंसी में नहीं करना चाह‍िए। कई मह‍िलाओं को लगता है क‍ि कपालभात‍ि करने से म‍िसकैरेज हो सकता जबक‍ि ये सच नहीं है। कपालभात‍ि प्राणायाम करने से गर्भस्‍थ श‍िशु और मां के शरीर में ऑक्‍सीजन की मात्रा बढ़ जाएगी। ज्‍यादा ऑक्‍सीजन के कारण जोड़ों और मसल्‍स में दर्द हो सकता है। पीर‍ियड्स के दौरान भी कपालभात‍ि करने की सलाह नहीं दी जाती। प्रेगनेंसी में कपालभात‍ि करने से एब्‍डॉम‍िनल यानी पेट की मसल्‍स पर जोर पड़ सकता है। ये स्‍थ‍ित‍ि गर्भस्‍थ श‍िशु के ल‍िए अच्‍छी नहीं मानी जाती है।    

पेट में दर्द हो सकता है  

कपालभात‍ि करने से हार्ट और फेफड़ों को स्‍वस्‍थ्‍य रखा जा सकता है। शरीर में ब्‍लड सप्‍लाई को बेहतर बनाने के ल‍िए कपालभात‍ि फायदेमंद माना जाता है। कई मह‍िलाएंं कपालभात‍ि को खाली पेट कर लेती हैं या खाने के तुरंत बाद करने से पेट में दर्द हो सकता है। ज‍िन लोगों को कब्‍ज की श‍िकायत है, उनके ल‍िए कपालभात‍ि फायदेमंद माना जाता है। प्रेगनेंसी में भी मह‍िलाओं को कब्‍ज की समस्‍या होती है लेक‍िन इसे ठीक करने के ल‍िए कपालभात‍ि का सहारा नहीं लेना चाह‍िए।

प्रेगनेंसी में कौन से योगासन करें?

प्रेगनेंसी के दौरान योगा फायदेमंद होता है। अनुलोम-व‍िलोम, त्र‍िकोणासन, उत्‍कटासन, नौकासन, वीरभद्रासन, शवासन कर सकते हैं। प्रेगनेंसी में आप गोमुखासन, पर्वतासन, मार्जरी आसन, वज्रासन और सुखासन आद‍ि भी कर सकती हैं। लेक‍िन इस दौरान डॉक्‍टर कपालभात‍ि प्राणायाम करने की सलाह नहीं देते।

प्रेगनेंसी में कपालभात‍ि का अभ्‍यास नहीं करना चाह‍िए। कब्‍ज की समस्‍या से बचने के ल‍िए आधा घंटा वॉक कर सकती हैं। 

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