आज के समय में खानपान में होने वाले बदलावों का असर शरीर पर दिखने लगा है। बढ़ते मोटापे के कारण आज अधिकतर लोगों को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। लाइफस्टाइल की वजह से डायबिटीज आज तेजी से फैलने लगी है। दरअसल, शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण लोगों के डायबिटीज का रोग होने लगा है। डॉक्टर की मानें तो डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करने से इस रोग की रोकथाम की जा सकती है। साथ ही, उसके दुष्प्रभावों को भी कम किया जा सकता है। डायटिशियन शिवाली गुप्ता के अनुसार डायबिटीज में लोग शहद का सेवन कर सकते हैं। लेकिन, इसमें उनके ब्लड शुगर का लेवल और अन्य स्थितियों का कंट्रोल में होना बेहद आवश्यक है।
डायबिटीज क्यों होती है?
दरअसल, डायबिटीज मेटाबॉलिज्म से संबंधित रोग है। इसमें इंसुलिन का बनाना कम हो सकता है। इससे शरीर के ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ने लगता है। ऐसे में आपको डायबिटीज की समस्या हो सकती है। शारीरिक गतिविधियों में आई कमी के कारण लोग डायबिटीज का शिकार हो जाते हैं। वहीं, जो लोगों जंक फूड खाते हैं, उनको भी डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
डायबिटीज में शहद खाना सही या गलत? - Can Diabetic Patients Eat Honey In Hindi
इस विषय पर आज भी दो तरह की राय बरकरार है। एक वर्ग डायबिटीज में शहद को न खाने की सलाह देता है, जबकि दूसरा वर्ग इसे खाने से किसी तरह की परेशानी न होने का दावा करता है। फिलहाल अभी भी इस पर रिसर्च किए जा रहे हैं। वहीं, इस विषय पर डायटिशियन शिवाली गुप्ता कहती हैं कि यग एक शुगर का एक नेचुलर सोर्स है, इसलिए इसे बेहद सीमित मात्रा में इस्तेमाल किया जा सकता है। शहद में ग्लूकोज, फ्रुकटोज, माल्टोज और सुक्रोज पाया जाता है। इसके साथ ही, इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंजाइम, विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। ऐसे में चीनी के स्थान पर शहद का उपयोग करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
जबकि, कुछ लोगों का कहना है कि उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर का लेवल बढ़ा सकते हैं। वहीं, शहद का जीआई उसके फूल के सोर्स और प्रोसेसिंग के तरीके पर अधिक निर्भर करता है।
शहद के अन्य फायदे
शहद में एंटी बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और घाव भरने वाले गुण मौजूद होते हैं। कुछ प्रकार के शहद विशेष रूप से अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं। शहद को चीनी के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
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डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए व्यक्ति को लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव करने की सलाह दी जाती है। डायबिटीज होने के बाद यदि आप रोजाना एक्सरसाइज करें, तो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही, इससे किडनी पर पड़ने वाले अतिरिक्त दबाव को कम किया जा सकता है। डॉक्टर इस दौरान योग करने की भी सलाह देते हैं। कुछ योगासन जैसे मंडूक आसन पैंक्रियाज को एक्टिवेट करने में सहायक होते हैं, इससे कई बार इंसुलिन बनाना दोबारा से शुरू हो जाता है। यदि, आपको डायबिटीज की वजह से अन्य समस्या हो रही है, तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।