डायबिटीज रोगी चावल को ना समझें अपना दुश्मन, बस फॉलो करें ये टिप्स

डायबिटीज रोगियों को चावल खाना चाहिए या नहीं, इस बात को लेकर बहुत से लोग कंफ्यूज रहते हैं। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से
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डायबिटीज रोगी चावल को ना समझें अपना दुश्मन, बस फॉलो करें ये टिप्स


डायबिटीज मरीजों को अधिक कार्बोहाइड्रेट वाली चीजे खाने पर रोक लगाई जाती है। इसमें चीनी और चावल सबसे प्रमुख हैं। चीनी खाने से भले आप परहेज कर लें, क्योंकि इसके कई ऑप्शन होते हैं। लेकिन चावल को छोड़ना आसान नहीं होता है। क्योंकि यह एक मुख्य आहार है, जिसे छोड़ना बहुत ही मुश्किल होता है। क्या डायबिटीज मरीजों को चावल छोड़ना जरूरी होता है? आइए जानते हैं यहां-

 

डायबिटीज मरीजों के लिए चावल क्यों हैं नुकसानदेय

चावल का सेवन करने से हमारे शरीर में ब्लड शुगर का लेवल चढ़ता-उतरता रहा है। इसे समझने के लिए ग्‍लाइसेमिक इन्डेक्स या जीआई स्कोर के बारे जानना बहुत ही जरूरी है। आइए जानते हैं क्यों?

खाद्य पदार्थों को दिए जाने वाले स्कोर को इंडेक्स या जीआई स्कोर कहते हैं। यह स्कोर 0 से 100 के बीच होता है। इस स्कोर से पता चलता है कि यह आपके ब्लड शुगर के स्तर को किस तरह प्रभावित करता है। उदाहरण के तौर पर देखें, तो रिफाइंड शुगर का ग्‍लाइसेमिक इन्डेक्स 100 होता है, जो ब्लड शुगर को अचानक से काफी तेजी से बढ़ा देता है।वहीं, फल और सब्जियों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है, जिसका स्कोर काफी सामान्य है, इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे ब्लड शुगर को बढ़ाते हैं। अबतक आप समझ चुके होंगे कि हमें ऐसे डाइट को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए, जिसका जीआई स्कोर कम होता है। हाई-जीआई स्कोर वाले खाद्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल नहीं करना चाहिए।

 

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70 से अधिक स्कोर वाले फूड हाई जीआई रेंज में आती हैं। वहीं, मीडियम जीआई रेंज में 56 से 69 को माना जाता है। चावल के जिस किस्म का अधिक लोग सेवन करते हैं, वे चावल हाई जीआई रेंज में आते हैं। हालांकि, आपको चावल को पूरी तरह से छोड़ने की जरूरत नहीं होती है।

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चावल के दूसरे विकल्प का करें चुनाव

व्हाइट राइस की जगह आप चावल के दूसरे किस्म को अपने डाइट में शामिल करें। आप ब्राउन राइस के अलाव, वाइल्ड राइस, साबुत बासमती राइस को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। ब्राउन राइस कई पोषक तत्वों से  भरपूर होता है। इसमें मैग्नीशियम और फाइबर की प्रचूरता होती है। बाजार में मिलने वाले बासमती राइस का जीआई स्कोर कम होता है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से सही होते हैं। अगर हम व्हाइट राइस की तुलना करें, तो इसके सेवन से टाइप-2 डाटबिटीज का खतरा कम होता है। 

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पकाने के तरीकों में करें बदलाव

अगर आप प्रेशर कुकर में चावल बनाते हैं, तो इस तरीके में बदलाव करें। कुकर में बनाने के बजाय खुल बर्तन में चावल पकाएं। बर्तन में ज्यादा पानी डालें और चावल पक जाने के बाद उसमें से अतिरिक्त पानी निकाल लें। इससे चावल में मौजूद स्टार्च समाप्त हो जाते हैं। इसके साथ ही कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी चावल में कम हो जाती है।

सीमित मात्रा में करें चावल का सेवन

चावल का सेवन आपके लिए नुकसादेय नहीं होता है, लेकिन संतुलित मात्रा में ही इसका सेवन करें। अगर आप चावल ही खाते हैं, तो छोटे हिस्से में चावल लें। इसके साथ इसमें सेम, पत्तेदार सब्जियां, दाल, सलाद इत्यादि चीजों को शामिल करें।

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