महिलाओं में होने वाली बीमारी आस्टियोपोरोसिस आज भारी चिंता का विषय बन गयी है। यह बीमारी मूक बीमारी के नाम से जानी जाती है क्योंकि इसके लक्षण तबतक प्रदर्शित नहीं होते जबतक कि फ्रैक्चर या तेज़ दर्द नहीं होता।
आस्टियो का अर्थ है हड्डियां और पोरोसिस का अर्थ है मुलायम हो जाना। विशेषज्ञों का मानना है कि पुरूष और स्त्रियों दोनों में ही आस्टियोपोरोसिस का मुख्य कारण है प्रोढ़ावस्था।
वो महिलाएं जो कि मेनोपाज़ के करीब होती हैं, उनमें इस समस्याम के होने की संभावना बढ़ जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि मेनोपाज़ के दौरान महिलाओं में एस्ट्रो जन का स्तेर घट जाता है, जिससे अगले 5 से 7 वर्षों में हड्डियों की क्षति की संभावना बढ़ जाती है।
आस्टियोपोरोसिस के दूसरे कारण हो सकते हैं, प्रिमैच्योहर मेनोपाज़, मेनोपाज़ से पहले ओवरीज़ या यूटेरस का निकलना, अस्थमा या दवाइयों का अधिक प्रयोग और धूम्रपान।
हालांकि 60 वर्ष तक की उम्र में पुरूषों में ऐसा कोई एलर्ट नहीं होता, लेकिन उनमें टेस्टोजस्टेरोन का स्तूर कम हो जाता है और कुछ पुरूष भी मेनोपाज़ या एण्ड्रोपाज़ का अनुभव करते हैं।
चिकित्सकीय अध्ययन ने कैल्शियम और आस्टियोपोरोसिस को एक दूसरे से संबंधी माना है। बहुत से प्रकाशित अध्ययन से ऐसा पता चला है कि कम मात्रा में कैल्शियम लेने से हड्डियों में फ्रैक्चोर का खतरा बढ़ जाता है। सही मात्रा में कैलिशयम और विटामिन डी लेने से आस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो जाता है।
ऐसे आहार जिनमें पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम होता है:
• दूध का सेवन प्रतिदिन करें। पोषण विशेषज्ञ ऐसी सलाह देते हैं कि प्रतिदिन दूध के सेवन से शरीर में कैल्शियम की आपूर्ति होती है।
• प्रतिदिन दही लेना भी एक अच्छा विकल्पह है क्यों कि दही में वसा की मात्रा भी कम होती है।
• मछली, चीज़, टोफू और ब्रोक्रोली का सेवन करें