
Black Asthma Symptoms: सर्दियों के मौसम में लोगों को कई तरह की बीमारियां परेशान करती हैं। इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से सर्दियों में मौसम में ब्लैक अस्थमा (सीओपीडी) या क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। ब्लैड अस्थमा फेफड़ों की ऐसी बीमारी है जो सर्दियों के मौसम में तापमान कम होने की वजह से बढ़ जाता है। कई बार ब्लैक अस्थमा जैसी बीमारी हवा में मौजूद प्रदूषण और धूल के कणों से भी होती है। ब्लैक अस्थमा के लक्षण क्या हैं? और इससे बचाव के उपाय क्या हैं इसके बारे में हमने दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के एसोसिएट डायरेक्टर-पल्मोनोलॉजी डॉ. विकास मित्तल से बातचीत की। आइए जानते है ब्लैक अस्थमा के बारे में सभी जानकारियां।
काला दमा यानी सीओपीडी क्या है?
क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज तब होता है जब किसी व्यक्ति के फेफड़ों की नलियां क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। ये स्थिति नलियों के सिकुड़ने और सूजन के कारण हो सकती है। काला दमा की शुरुआत में आपको सांस लेने में परेशानी हो सकती है। अगर सीओपीडी की समस्या ज्यादा बढ़ती है तो मरीज को अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ सकती है।
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काला दमा यानी सीओपीडी के लक्षण क्या है? - Symptoms of COPD in Hindi
डॉक्टर का कहना है कि सीओपीडी के लक्षण तब तक किसी व्यक्ति में सामने नहीं आते हैं जब तक कि फेफड़ों के अंदर किसी तरह का नुकसान देखने को न मिलें। काला दमा होने पर मरीज में निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैंः
- सीने में जकड़न
- सांस लेने में परेशानी होना
- लंबे समय तक खांसी होना
- बलगम का ज्यादा मात्रा में बनना
- हमेशा थकान महसूस होना
- बिना किसी कारण अचानक से वजन कम होना
- बार-बार फेफड़ों में संक्रमण होना जैसे लक्षण सीओपीडी के मानें जाते हैं।
सीओपीडी से बचने के तरीके क्या हैं? - Preventive Tips of COPD in Hindi
सीओपीडी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है खुद को प्रदूषण और धूम्रपान से दूर रखा जा सके। इसके अलावा आप शराब जैसी चीजों से दूरी बनाकर भी सीओपीडी से बच सकते हैं। इसके अलावा सीओपीडी के जोखिम को कम करने के लिए आप वैक्सीनेशन भी ले सकते हैं।
सर्दियों के मौसम में सीओपीडी की समस्या बढ़ सकती है इसलिए बाहर निकलने से पहले सही तरीके से कपड़े पहनें।
प्रदूषण, धूल, मिट्टी और हवा के गंदे कणों से बचने के लिए चेहरे पर मास्क लगाएं।
अगर आपको पुरानी खांसी या फेफड़ों से संबंधित कोई बीमारी है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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