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क‍िडनी को स्‍वस्‍थ्‍य रखेगा ये आयुर्वेद‍िक काढ़ा, जानें बनाने का तरीका और फायदे

क‍िडनी को स्‍वस्‍थ्‍य रखने के ल‍िए आयुर्वेद‍िक काढ़े का सेवन कर सकते हैं। जानें आसान रेस‍िपी और फायदे। 
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क‍िडनी को स्‍वस्‍थ्‍य रखेगा ये आयुर्वेद‍िक काढ़ा, जानें बनाने का तरीका और फायदे


क‍िडनी को हेल्‍दी रखकर, कई बीमार‍ियों से बचा जा सकता है। क‍िडनी की अच्‍छी सेहत के ल‍िए आयुर्वेद‍िक काढ़े का सेवन कर सकते हैं। आयुर्वेद में काढ़े का खास महत्‍व है। हर बीमारी के ल‍िए अलग काढ़ा तैयार क‍िया जाता है ज‍ि‍ससे उसके गुण, बीमारी को जड़ से खत्‍म करने में मदद कर सकें। क‍िडनी को ड‍िटॉक्‍स करने और क‍िडनी से जुड़ी समस्‍याएं जैसे क‍िडनी में पथरी, यूटीआई या अन्‍य बीमार‍ियों से बचने के ल‍िए आज हम आपको बताएंगे खास आयुर्वेद‍िक काढ़ा बनाने का तरीका और उसे पीने के फायदे। काढ़े में मौजूद जड़ी-बूट‍ियां, क‍िडनी के ल‍िए फायदेमंद साब‍ित होंगी। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के व‍िकास नगर में स्‍थित प्रांजल आयुर्वेद‍िक क्‍लीन‍िक के डॉ मनीष स‍िंह से बात की।

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स्‍वस्‍थ्‍य क‍िडनी के ल‍िए कैसे बनाएं काढ़ा?

सामग्री: काढ़ा बनाने के ल‍िए नींबू, शहद, ग‍िलोय, नीम की पत्तियां, धन‍िया, गोखरू, पुनर्नवा, पलाश, हॉर्सटेल, त्र‍िफला और गोक्षुरा की छाल आद‍ि की जरूरत होगी।     

व‍िध‍ि:

  • क‍िडनी के ल‍िए आयुर्व‍ेद‍िक काढ़ा बनाने के ल‍िए सभी सामग्र‍ियों को कूट लें।
  • फ‍िर बर्तन में पानी गरम करके उसमें कूटी हुई सामग्र‍ियों को डालें। 
  • इस पानी को अच्‍छी तरह से उबलने दें।
  • पानी में जब सभी सामग्र‍ियों का अर्क म‍िल जाए तो गैस बंद करें।
  • काढ़े को कप में छानें और नींबू व शहद डालकर काढ़े का सेवन करें। 

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आयुर्वेद‍िक काढ़े से क‍िडनी की समस्‍याएं दूर होंगी 

क‍िडनी में संक्रमण, यूर‍िन में प्रोटीन आना, क‍िडनी का सि‍कुड़ना और क‍िडनी में पथरी आद‍ि समस्‍याओं को दूर करने के ल‍िए ग‍िलोय का सेवन फायदेमंद माना जाता है। काढ़े में मौजूद ग‍िलोय में मौजूद तत्‍व, शरीर से व‍िषाक्‍त पदार्थों को बाहर न‍िकाल देते हैं। काढ़े में मौजूद गोक्षुरा के पेड़ की छाल डालकर काढ़ा पीने से यूटीआई की समस्‍या दूर होतीे है।     

क‍िडनी का नेचुरल फंक्शन सुधरेगा 

काढ़े में मौजूद त्र‍िफला क‍िडनी के ल‍िए फायदेमंद होता है। त्र‍िफला शरीर में जमी गंदगी को साफ करने में मदद करती है। इसे काढ़े में डालकर पीने से क‍िडनी और ल‍िवर को साफ रखा जा सकता है। त्र‍िफला का सेवन करने से क‍िडनी के नेचुरल फंक्शन में सुधार होता है।

काढ़ा पीने से क‍िडनी होगी ड‍ि‍टॉक्‍स 

क‍िडनी में जमा गंदगी साफ करने के ल‍िए आयुर्वेद‍िक काढ़े का सेवन कर सकते हैं। काढ़े में मौजूद पुनर्नवा और हॉर्सटेल हर्ब का सेवन करने से क‍िडनी और ल‍िवर को ड‍िटॉक्‍स करने में मदद म‍िलती है। इन जड़ी-बूट‍ियों का सेवन करने से इम्‍यून‍िटी भी मजबूत होती है।  

काढ़े में मौजूद पलाश और धन‍िया क‍िडनी के ल‍िए फायदेमंद 

आयुर्वेद‍िक काढ़े में मौजूद पलाश और धन‍िया सेहत के ल‍िए फायदेमंद होता है। पलाश एक जड़ी-बूटी है ज‍िसका सेवन करने से क‍िडनी और ल‍िवर को स्‍वस्‍थ्‍य रखा जा सकता है। आयुर्वेद‍ के मुताब‍िक कि‍डनी में पथरी, मूत्र संबंधी व‍िकार या मूत्राशय में दर्द होने पर पलाश का सेवन फायदेमंद माना जाता है। इसका इस्‍तेमाल काढ़े में कर सकते हैं। हमारे घरों में धन‍िया का प्रयोग लगभग हर सब्‍जी में क‍िया जाता है। आयुर्वेद‍ में भी धन‍िया का खास महत्‍व है। क‍िडनी को स्‍वस्‍थ्‍य रखने के ल‍िए धन‍िया का सेवन करना फायदेमंद होता है। धन‍िया का सेवन करने से विषैले तत्व शरीर के बाहर न‍िकल जाते हैं और क‍िडनी साफ होती है। 

क‍िडनी की गंभीर बीमारी है, तो डॉक्‍टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें। इस काढ़े का सेवन हफ्ते में 2 बार कर सकते हैं। लेख पसंद आया हो तो, शकेयर करना न भूलें।   

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