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बार-बार पेशाब आती है, तो जरूर करें ये 5 एक्सरसाइज, मिलेगा आराम

कुछ लोगों को पेशाब को कंट्रोल करने में परेशानी होती है। लेकिन आप एक्सरसाइज से इस समस्या को कम कर सकते हैं। आगे जानते हैं इसके लिए बेस्ट एक्सरसाइज। 
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बार-बार पेशाब आती है, तो जरूर करें ये 5 एक्सरसाइज, मिलेगा आराम

Best Exercise For Improving Bladder Control: कुछ लोगों को पेशाब को कंट्रोल करने में परेशानी होती है। इस समस्या को ब्लैडर से संबंधित माना जाता है। यह समस्या आमतौर पर बुजुर्गों और महिओं में देखने को मिलती है। इसके अलावा, जिन महिलाओं ने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया है उनको भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। पेल्विक फ्लोर से संबंधित डिसऑर्डर, प्रोस्टेट और यूटीआई में व्यक्ति को पेशाब से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। योगा एक्सपर्ट जूही कपूर के अनुसरा योग पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत करके, मूत्राशय पर नियंत्रण (ब्लैडर कंट्रोल) में सुधार करने में मदद कर सकता है। यह बार-बार पेशाब आने की समस्या (Frequent urination) को दूर करने में फायदेमंद हो सकता है। योगा एक्सपर्ट जूही ने बार-बार पेशाब आने की समस्या से बचाव के लिए योगासन को अपने इंस्टाग्राम अकांउट पर शेयर किया है। इस लेख में आपको इन योगासन के बारे में बताया गया है। 

बार-बार पेशाब आती है, तो जरूर करें ये 5 एक्सरसाइज - Best Exercise For Improving Bladder Control In Hindi

उत्कटासन योग (चेयर पोज)

पेट और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए आप चेयर पोज का अभ्यास कर सकते हैं। इसमें आपके शरीर का पूरी एनर्जी आपके कोर बैलेंस करती है। शुरुआत में आप कुछ सेकेंड के लिए इस अभ्यास को करें। धीरे-धीरे इसका समय बढ़ाएं। इससे ब्लैडर कंट्रोल (Exercise for bladder Control) से जुड़ी समस्याओं में आराम मिलता है। इस आसन में व्यक्ति को कुर्सी की तरह पोज बनाना होता है। 

best exercise for pelvic floor

नौकासन के फायदे 

नौकासन जमीन पर बैठकर किया जाता है। इस आसन को करने से ब्लड सर्कुलेशन पेल्विक फ्लोर की ओर बढ़ता है। इससे यूरिन से संबंधित समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। जिन महिलाओं व पुरुषों को बार-बार पेशाब जानें की समस्या है वह इस आसन से ब्लैडर कंट्रोल को सुधार सकते हैं। इससे बार-बार पेशाब आने की समस्या में आराम मिलता है। नौकासन से व्यक्ति का पाचन तंत्र बेहतर होता है। साथ ही, मेटाबॉलिज्म मजबूत होता है और रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है। 

पूर्वोतानासन (रिवर्स चेयर)

पूर्वोतानासान करने से जांघों और पेट की मांसपेशियां मजबूत होती है। शुरुआत में इस आसन को करने में समस्या हो सकती है। इसको आप दो से पांच मिनट तक कर सकते हैं। इसके नियमित अभ्यास से पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां में ब्लड फ्लो बढ़ता है। इससे पेशाब से जुड़ी समस्याएं दूर (exercise for urine problem) होती है। 

सेतूबंधासन 

सेतूबंधासन करने से आपके पेट और फेफड़ो की मांसपेशियां मजबूत होती है। साथ ही, कमर से नीचे के हिस्से में रक्त संचार बेहतर होता है। इस आसन से पाचन क्रिया बेहतर होती है। योगाचार्य के अनुसार इस आसन से ब्लैडर से जुड़ी समस्याओं में आराम मिलता है। 

वीरभद्रासन

इस आसन से पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। वीरभ्रदासन को वॉरियर पोज भी कहते हैं। इससे पेल्विक फ्लोर में मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है, जिससे यूरिन से जुड़ी हुई कई समस्याओं में आराम मिलता है। इस योग के नियमित अभ्यास से आपको कई फायदे (Warrior Pose Benefits) हो सकते हैं। 

इसे भी पढ़ें : नौकासन करने से कम होती है पेट की चर्बी, जानें अभ्यास का तरीका और 6 अन्य फायदे

 
 
 
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Exercise For Improving Bladder Control: एक्सरसाइज से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। साथ ही, अन्य बीमारियों का जोखिम कम होता है। पेट और पेल्विक फ्लोर से जुड़ी से समस्या में भी आराम मिलता है। योग आसन को करने से पहले किसी पेशेवर योगा एक्सपर्ट की मदद अवश्य लेनी चाहिए।  

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