
बेसन में गेहूं के मुकाबले कम कैलोरी होती है, जो वजन नहीं बढ़ने देती और इसमें पौष्टिकता भी अधिक पाई जाती है। इसके साथ ही मांस में पाए जाने वाले तत्वों की तुलना में बेसन में फैट कम होता है, जो वजन कम करने में मदद करता है।
बेसन बाजार में बिकने वाला ऐसा उत्पाद है, जो न केवल सौंदर्यता को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। बेसन में फाइबर, आयरन, पोटेशियम, मैंगनीज, तांबा, जस्ता, फास्फोरस, मैग्नीशियम, फोलेट, विटामिन बी6 और थाइमिन जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो कि मधुमेह के इलाज, मोटापा कम करने, हृदय को स्वस्थ रखने, हड्डियों को मजबूत करने, एनीमिया के उपचार और कोलेरेक्टल कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।
इसके अलावा बेसन में गेहूं के मुकाबले कम कैलोरी होती है, जो वजन नहीं बढ़ने देती और इसमें पौष्टिकता भी अधिक पाई जाती है। इसके साथ ही मांस में पाए जाने वाले तत्वों की तुलना में बेसन में फैट कम होता है, जो वजन कम करने में मदद करता है। मौजूदा वक्त में ज्यादातर लोग डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से परेशान हैं, जिनसे बचने के लिए बेसन की बनी रोटियों काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इतना ही नहीं यह ग्लूकोज लेवल को भी सामान्य रखने में मदद करती है।
बेसन की रोटी खाने के फायदे
- बेसन में पाए जाने वाले कैल्शियम, मैग्नीशियम और महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं अगर आप ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या से जूझ रहे हैं तो बेसन की रोटियां इस बीमारी को दूर करने में मदद कर सकती है।
- बेसन में ग्लाइसेमिक का स्तर कम होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को कम रखने में सहायक है। रोजाना बेसन की रोटियां खाने से डायबिटीज जैसी बीमारी के उपचार में सहायता मिलती है।
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- वे लोग, जिन्हें थकान या फिर कमजोरी की शिकायत रहती है वह रोजाना दो बेसन की रोटियां खाकर इस समस्या से दूर रह सकते हैं। बेसन में मौजूद प्रोटीन शरीर को ताकत देने का काम करता है।
- अगर आपकी मांसपेशियों में अक्सर सूजन रहती है तो बेसन की रोटियां खाने से इसमें आराम मिलता है। बेसन में पाए जाने वाले सेलेनियम, पोटेशियम, विटामिन ए और विटामिन बी जैसे पोषक तत्व मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं।
- बेसन में अनसैचुरेटेड फैट होता है, जो हमारे स्वास्थ के लिए बेहद गुणकारी है। यह बॉडी में कोलेस्ट्रॉल का संतुलन बनाने में मदद करता है।
- अक्सर देखा जाता है कि 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं में कैल्शियम की कमी होना शुरू हो जाता है, रोजाना बेसन की रोटियां खाने से शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरी होती है।
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- बेसन में अमीनो एसिड, ट्रिप्टोफैन, सेरोटोनिन और ट्रिप्टोफैन जैसे तत्व दिमाग को शांत रखने में मदद करते हैं। बेसन की रोटियां खाने से नींद न आने की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- बेसन में सैपोनिन्स नाम का फाइटोकेमिल भी पाया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में काफी मददगार साबित होता है।
- अक्सर पीरियड्स में होनी वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए महिलाओं को बेसन की रोटियों का सेवन करना चाहिए। बेसन महिलाओं के शरीर में आयरन की कमी को पूरा करता है।
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